सीतापुर: वैशाख मास की सतुवाही अमावस्या के पावन पर्व पर आस्था के प्रमुख केंद्र नैमिषारण्य तीर्थ पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. इस दौरान श्रद्धालुओं ने पौराणिक चक्र तीर्थ और आदि गंगा गोमती के तट पर स्नान किया और मंदिरों, मठों में जाकर पूजन-अर्चन किया. इसके बाद श्रद्धालुओं ने परम्परा के अनुसार ब्राह्माणों और कन्याओं को सत्तू दान किया.
क्या है मान्यताएं
- मान्यता है कि वैशाख मास भगवान विष्णु जी को काफी प्रिय है, साथ ही वैशाख मास की अमावस्या को सत्तू दान करने और प्रसाद रूप में खाने की परम्परा रही है.
- मान्यता है कि इस दिन नैमिषारण्य, प्रयागराज, हरिद्वार, बनारस और अयोध्या आदि तीर्थो में स्नान पूजन और पितृकर्म करने के बाद सत्तू दान करने से पितरों को तृप्ति मिलती है.
- मान्यता है कि आज के दिन जो सत्तू दान करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
श्रद्धालुओं की लगी रही भीड़
- हर बार की तरह इस बार भी सतुवाही अमावस्या के अवसर पर नैमिषारण्य तीर्थ पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरु हो गया.
- श्रद्धालुओं ने सबसे पहले चक्रकुंड से लेकर आदि गंगा गोमती नदी में स्नान और इसके बाद मंदिर में माथा टेककर मन्नतें मांगी.
- इसके बाद श्रद्धालुओं ने ब्राह्माणों और कन्याओं को सत्तू दान किया.