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अस्पतालों की ओपीडी में पहुंचने लगे डेंगू के मरीज - लखनऊ डेंगू के मरीज

राजधानी लखनऊ में डेंगू के मरीज बढ़ने लगे हैं. केजीएमयू में भी डेंगू के मरीज आने शुरू हो गए हैं. अब तक 4 लोगों की जिले में डेंगू से मौत हो चुकी है. सिविल अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए एक वार्ड तैयार किया गया है.

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Published : Jun 16, 2021, 5:59 PM IST

लखनऊ: राजधानी में मौसम बदलते ही डेंगू के मरीज बढ़ने लगे. साथी ही अभी तक शहर में डेंगू से 4 मौतें हो चुकी हैं. अस्पतालों में डेंगू के लक्षण और लंबे समय से बुखार से परेशान मरीज पहुंच रहे हैं. बारिश के महीने से डेंगू के मरीज बढ़ने शुरू हो जाते हैं. अस्पताल में भी डेंगू वार्ड बनाया जाता है ताकि अधिक सीरियस मरीज को यहां भर्ती कर इलाज दिया जा सकें. सिविल अस्पताल में एक डेंगू वार्ड है, जिसे हर साल जून के महीने में तैयार कर दिया जाता है, क्योंकि अक्टूबर से मई के बीच डेंगू के मरीज नहीं आते हैं. जिसकी वजह से वार्ड को बंद कर दिया जाता है. जून से वार्ड खोल दिया जाते हैं. यह 12 बेड का वार्ड है. जहां सीरियस डेंगू के मरीज के आने पर भर्ती किया जाता है. हालांकि अभी तक अस्पतालों में एक भी सीरियस केस नहीं मिले हैं.

यह भी पढ़ें: ट्विटर विवाद पर बोले युवा : बोलने की आजादी को रखे बरकरार, अफवाहों पर लगाम लगाना जरूरी


ओपीडी में आ रहे डेंगू बुखार के मरीज

हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ एसके नंदा ने बताया कि मानसून में बदलाव होते ही डेंगू, डायरिया और मलेरिया जैसे बीमारियां लोगों को घेरने लगती हैं. ओपीडी में डेंगू, मलेरिया से पीड़ित तीन से चार केस रोजाना आते हैं. जिन्हें डॉक्टर देखकर दवा देते हैं. हालांकि अभी तक अस्पताल में कोई भी सीरियस केस डेंगू का नहीं आया है, लेकिन इसके लिए अस्पताल में पूरी तैयारी कर ली गई है. हर साल जून के महीने से डेंगू के मरीज बढ़ने शुरू हो जाते हैं, क्योंकि बारिश के मौसम में पानी में पनपने वाले मच्छर बढ़ जाते हैं. डेंगू, मलेरिया के केस जून से बढ़ने शुरू होते हैं फिर अक्टूबर से कम होना शुरू हो जाते हैं.

डेंगू के हैं 7-10 केस

केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह ने बताया कि इन दिनों अस्पताल में तकरीबन 500 लोग ऑनलाइन ओपीडी में दिखाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाते हैं. जिसमें से 200 मरीज डॉक्टर से परामर्श लेते हैं. जबकि ऑफलाइन ओपीडी में लगभग 500 से अधिक मरीज डॉक्टर से परामर्श के लिए आते हैं. जिसमें से रोजाना 7 से 10 केस डेंगू बुखार से पीड़ित मरीजों के आते हैं, जिन्हें डॉक्टर देखकर दवा लिखते हैं. लोहिया अस्पताल के प्रवक्ता डॉ श्रीकेश सिंह ने बताया कि जब से ओपीडी चलना शुरू हुई है, तब से अस्पतालों में डेंगू से पीड़ित मरीज भी आ रहे हैं. रोज 1 से 5 मरीज ऐसे आ जाते हैं, जिन्हें डेंगू के लक्षण होते हैं या फिर डेंगू का बुखार होता है. जिन्हें डॉक्टर उनकी स्थिति देखकर दवा लिखते हैं. हालांकि अभी अस्पतालों में कोई भी सीरियस केस नहीं पहुंचे हैं.

सही समय पर हो इलाज

सिविल अस्पताल के फिजिशियन डॉ एस देव बताते हैं कि डेंगू वायरस मच्छरों से फैलता है. ये मच्छर सुबह और देर रात काटते हैं. एक बार में काटने से ही इंफेक्शन हो सकता है. समय पर इलाज मिलने से मरीज ठीक हो जाते हैं, लेकिन यदि इलाज न किया जाए तो यह गंभीर हो सकता है. इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि डेंगू के लक्षणों के बारें में जानकारी हो, ताकि इसकी पहचान प्रारंभिक तौर पर हो सके.

लक्षण

  • तेज बुखार
  • सरदर्द
  • उल्टी
  • मांसपेशियों तथा हड्डियों में दर्द
  • त्वचा पर रैशेस

लखनऊ: राजधानी में मौसम बदलते ही डेंगू के मरीज बढ़ने लगे. साथी ही अभी तक शहर में डेंगू से 4 मौतें हो चुकी हैं. अस्पतालों में डेंगू के लक्षण और लंबे समय से बुखार से परेशान मरीज पहुंच रहे हैं. बारिश के महीने से डेंगू के मरीज बढ़ने शुरू हो जाते हैं. अस्पताल में भी डेंगू वार्ड बनाया जाता है ताकि अधिक सीरियस मरीज को यहां भर्ती कर इलाज दिया जा सकें. सिविल अस्पताल में एक डेंगू वार्ड है, जिसे हर साल जून के महीने में तैयार कर दिया जाता है, क्योंकि अक्टूबर से मई के बीच डेंगू के मरीज नहीं आते हैं. जिसकी वजह से वार्ड को बंद कर दिया जाता है. जून से वार्ड खोल दिया जाते हैं. यह 12 बेड का वार्ड है. जहां सीरियस डेंगू के मरीज के आने पर भर्ती किया जाता है. हालांकि अभी तक अस्पतालों में एक भी सीरियस केस नहीं मिले हैं.

यह भी पढ़ें: ट्विटर विवाद पर बोले युवा : बोलने की आजादी को रखे बरकरार, अफवाहों पर लगाम लगाना जरूरी


ओपीडी में आ रहे डेंगू बुखार के मरीज

हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ एसके नंदा ने बताया कि मानसून में बदलाव होते ही डेंगू, डायरिया और मलेरिया जैसे बीमारियां लोगों को घेरने लगती हैं. ओपीडी में डेंगू, मलेरिया से पीड़ित तीन से चार केस रोजाना आते हैं. जिन्हें डॉक्टर देखकर दवा देते हैं. हालांकि अभी तक अस्पताल में कोई भी सीरियस केस डेंगू का नहीं आया है, लेकिन इसके लिए अस्पताल में पूरी तैयारी कर ली गई है. हर साल जून के महीने से डेंगू के मरीज बढ़ने शुरू हो जाते हैं, क्योंकि बारिश के मौसम में पानी में पनपने वाले मच्छर बढ़ जाते हैं. डेंगू, मलेरिया के केस जून से बढ़ने शुरू होते हैं फिर अक्टूबर से कम होना शुरू हो जाते हैं.

डेंगू के हैं 7-10 केस

केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह ने बताया कि इन दिनों अस्पताल में तकरीबन 500 लोग ऑनलाइन ओपीडी में दिखाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाते हैं. जिसमें से 200 मरीज डॉक्टर से परामर्श लेते हैं. जबकि ऑफलाइन ओपीडी में लगभग 500 से अधिक मरीज डॉक्टर से परामर्श के लिए आते हैं. जिसमें से रोजाना 7 से 10 केस डेंगू बुखार से पीड़ित मरीजों के आते हैं, जिन्हें डॉक्टर देखकर दवा लिखते हैं. लोहिया अस्पताल के प्रवक्ता डॉ श्रीकेश सिंह ने बताया कि जब से ओपीडी चलना शुरू हुई है, तब से अस्पतालों में डेंगू से पीड़ित मरीज भी आ रहे हैं. रोज 1 से 5 मरीज ऐसे आ जाते हैं, जिन्हें डेंगू के लक्षण होते हैं या फिर डेंगू का बुखार होता है. जिन्हें डॉक्टर उनकी स्थिति देखकर दवा लिखते हैं. हालांकि अभी अस्पतालों में कोई भी सीरियस केस नहीं पहुंचे हैं.

सही समय पर हो इलाज

सिविल अस्पताल के फिजिशियन डॉ एस देव बताते हैं कि डेंगू वायरस मच्छरों से फैलता है. ये मच्छर सुबह और देर रात काटते हैं. एक बार में काटने से ही इंफेक्शन हो सकता है. समय पर इलाज मिलने से मरीज ठीक हो जाते हैं, लेकिन यदि इलाज न किया जाए तो यह गंभीर हो सकता है. इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि डेंगू के लक्षणों के बारें में जानकारी हो, ताकि इसकी पहचान प्रारंभिक तौर पर हो सके.

लक्षण

  • तेज बुखार
  • सरदर्द
  • उल्टी
  • मांसपेशियों तथा हड्डियों में दर्द
  • त्वचा पर रैशेस
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