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समय पर नहीं मिला एम्बुलेंस ऑटो में हुआ प्रसव, नवजात की मौत

कानपुर जिले के घाटमपुर कोतवाली के परौली गांव में समय पर एम्बुलेंस न पहुंचने के कारण एक गर्भवती महिला का ऑटो में ही प्रसव हो गया. कुछ देर बाद जच्चा-बच्चा की हालत बिगड़ने पर सीएचसी ले जाया गया, जहां नवजात की मौत हो गई. वहीं महिला की हालत में सुधार बताया जा रहा है.

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Published : Nov 17, 2020, 9:44 AM IST

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एम्बुलेंस न मिलने के कारण ऑटो में हुआ प्रसव.

कानपुर : घाटमपुर कोतवाली अंतर्गत परौली गांव में समय पर एम्बुलेंस न पहुंचने के कारण एक गर्भवती महिला का ऑटो में ही प्रसव हो गया. कुछ देर बाद जच्चा-बच्चा की हालत बिगड़ने पर सीएचसी ले जाया गया, जहां नवजात की मौत हो गई. वहीं महिला की हालत में सुधार बताया जा रहा है.

जानकारी के अनुसार, भीतरगांव विकास खंड के परौली गांव निवासी सतीश साहू अपनी पत्नी प्रीति के साथ कानपुर में सब्जी बेचता है. त्योहार के चलते वह सोमवार को अपनी पत्नी व चार वर्षीय बच्चों के साथ गांव आया हुआ था. अचानक उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. सतीश ने एम्बुलेंस को फोन लगाया, लेकिन फोन नहीं लगा. इसके बाद सतीश गांव की आशा बहू के साथ अपनी गर्भवती पत्नी को ऑटो में लेकर सीएचसी भीतरगांव के लिए रवाना हुआ. रास्ता खराब होने के कारण बिरसिंहपुर के पास ऑटो में ही महिला का प्रसव हो गया. वहीं कुछ देर बाद जच्चा-बच्चा दोनों की हालत बिगड़नी शुरू हो गई.

सीएचसी पहुंचने से पहले ही हो गई थी नवजात की मौत

हालत गंभीर होने पर जच्चा-बच्चा को सीएचसी ले जाया गया. सीएचसी पहुंचते ही अधीक्षक अजय मौर्या ने स्टाफ नर्स के साथ जच्चा-बच्चा को आनन-फानन में भर्ती कर उपचार करना शुरू कर दिया. इस दौरान एनएम मुनाज ने बताया कि नवजात की पहले ही मौत हो चुकी थी. हालांकि महिला की हालत में सुधार है. वहीं इस घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया.

क्या कहते हैं सीएचसी अधीक्षक

सीएचसी अधीक्षक अजय मौर्या ने बताया कि एम्बुलेंस सुविधा का कंट्रोल सीएचसी भीतरगांव में नहीं है. कभी-कभी नेटवर्क खराब होने के कारण फोन नहीं लग पाता है. ऐसी स्थिति में आशा बहू को स्थानीय स्वास्थ्य विभाग को फोन पर सूचना देनी चाहिए थी. सीएचसी परिसर में मौजूद एम्बुलेंस कर्मचारियों को भेजकर प्रसूता को लाने की व्यवस्था की जाती है.

कानपुर : घाटमपुर कोतवाली अंतर्गत परौली गांव में समय पर एम्बुलेंस न पहुंचने के कारण एक गर्भवती महिला का ऑटो में ही प्रसव हो गया. कुछ देर बाद जच्चा-बच्चा की हालत बिगड़ने पर सीएचसी ले जाया गया, जहां नवजात की मौत हो गई. वहीं महिला की हालत में सुधार बताया जा रहा है.

जानकारी के अनुसार, भीतरगांव विकास खंड के परौली गांव निवासी सतीश साहू अपनी पत्नी प्रीति के साथ कानपुर में सब्जी बेचता है. त्योहार के चलते वह सोमवार को अपनी पत्नी व चार वर्षीय बच्चों के साथ गांव आया हुआ था. अचानक उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. सतीश ने एम्बुलेंस को फोन लगाया, लेकिन फोन नहीं लगा. इसके बाद सतीश गांव की आशा बहू के साथ अपनी गर्भवती पत्नी को ऑटो में लेकर सीएचसी भीतरगांव के लिए रवाना हुआ. रास्ता खराब होने के कारण बिरसिंहपुर के पास ऑटो में ही महिला का प्रसव हो गया. वहीं कुछ देर बाद जच्चा-बच्चा दोनों की हालत बिगड़नी शुरू हो गई.

सीएचसी पहुंचने से पहले ही हो गई थी नवजात की मौत

हालत गंभीर होने पर जच्चा-बच्चा को सीएचसी ले जाया गया. सीएचसी पहुंचते ही अधीक्षक अजय मौर्या ने स्टाफ नर्स के साथ जच्चा-बच्चा को आनन-फानन में भर्ती कर उपचार करना शुरू कर दिया. इस दौरान एनएम मुनाज ने बताया कि नवजात की पहले ही मौत हो चुकी थी. हालांकि महिला की हालत में सुधार है. वहीं इस घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया.

क्या कहते हैं सीएचसी अधीक्षक

सीएचसी अधीक्षक अजय मौर्या ने बताया कि एम्बुलेंस सुविधा का कंट्रोल सीएचसी भीतरगांव में नहीं है. कभी-कभी नेटवर्क खराब होने के कारण फोन नहीं लग पाता है. ऐसी स्थिति में आशा बहू को स्थानीय स्वास्थ्य विभाग को फोन पर सूचना देनी चाहिए थी. सीएचसी परिसर में मौजूद एम्बुलेंस कर्मचारियों को भेजकर प्रसूता को लाने की व्यवस्था की जाती है.

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