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रामपुर में 186 मृतक सरकारी कागजों में जिंदा

यूपी के रामपुर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक जांच में पता चला की 186 वृद्ध लोगों की मौत हो चुकी है फिर भी उनके नाम से वृद्धापेंशन आवंटित की जाती है. डीएम ने इसकी जांच के लिए 5 सदस्यों की टीम का गठन किया है.

रामपुर समाज कल्याण विभाग
रामपुर समाज कल्याण विभाग
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Published : Jul 3, 2020, 9:08 PM IST

रामपुर: जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने जिले में कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत वर्लएबिलिटी मैपिंग शुरू की थी. इसका मुख्य उद्देश्य कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत संवेदनशील लोगों को खोजना था जो किसी भी तरह की बीमारी से ग्रसित हो. फिर चाहे वह गर्भवती औरतें हो, कुपोषित बच्चे हों या वृद्ध हों. ऐसे में कुछ विभागों से उनके रेडी डाटा उठाए गए, जिन का अवलोकन किया गया. इसमें यह बात सामने निकल कर आई कि वृद्धा पेंशन ले रहे परिवारों में 186 लोग ऐसे हैं, जिनकी मौत हो चुकी है.

पांच सदस्यों को जांच टीम का गठन

जिलाधिकारी ने पूरे जिले में वृद्धों की स्थिति को जानने के लिए क्रॉस वेरिफिकेशन कराना शुरू कर दिया है. साथ ही लापरवाही बरतने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने की बात भी कही है. साथ ही मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में 5 सदस्यों की एक जांच कमेटी बनाई है, जो अब पूरे जिले के आंकड़ों को खंगाल कर जिलाधिकारी के समक्ष रखेंगी.

एक महीने पहले किया गया था सर्वे

जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि हम लोगों ने वर्लएबिलिटी मैपिंग शुरू की थी. लगभग एक माह पहले जून के महीने में यह शुरू हुआ था. इस दौरान जब हमने डाटा को वेरीफाई किया तो उस वेरिफिकेशन के दौरान वृद्धावस्था पेंशन पाने वाले अभी तक 186 लोग ऐसे निकले जो मृत हो चुके हैं. अब उसका डिटेल आना बाकी है. उनका डिटेल हम मंगा रहे हैं.

जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में 5 सदस्य की कमेटी आज गठित की गई है. कमेटी इसकी पूरी जांच करेगी और जांच के पश्चात लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

रामपुर: जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने जिले में कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत वर्लएबिलिटी मैपिंग शुरू की थी. इसका मुख्य उद्देश्य कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत संवेदनशील लोगों को खोजना था जो किसी भी तरह की बीमारी से ग्रसित हो. फिर चाहे वह गर्भवती औरतें हो, कुपोषित बच्चे हों या वृद्ध हों. ऐसे में कुछ विभागों से उनके रेडी डाटा उठाए गए, जिन का अवलोकन किया गया. इसमें यह बात सामने निकल कर आई कि वृद्धा पेंशन ले रहे परिवारों में 186 लोग ऐसे हैं, जिनकी मौत हो चुकी है.

पांच सदस्यों को जांच टीम का गठन

जिलाधिकारी ने पूरे जिले में वृद्धों की स्थिति को जानने के लिए क्रॉस वेरिफिकेशन कराना शुरू कर दिया है. साथ ही लापरवाही बरतने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने की बात भी कही है. साथ ही मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में 5 सदस्यों की एक जांच कमेटी बनाई है, जो अब पूरे जिले के आंकड़ों को खंगाल कर जिलाधिकारी के समक्ष रखेंगी.

एक महीने पहले किया गया था सर्वे

जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि हम लोगों ने वर्लएबिलिटी मैपिंग शुरू की थी. लगभग एक माह पहले जून के महीने में यह शुरू हुआ था. इस दौरान जब हमने डाटा को वेरीफाई किया तो उस वेरिफिकेशन के दौरान वृद्धावस्था पेंशन पाने वाले अभी तक 186 लोग ऐसे निकले जो मृत हो चुके हैं. अब उसका डिटेल आना बाकी है. उनका डिटेल हम मंगा रहे हैं.

जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में 5 सदस्य की कमेटी आज गठित की गई है. कमेटी इसकी पूरी जांच करेगी और जांच के पश्चात लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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