ETV Bharat / briefs

अंधेरे में तरावीह की नमाज पढ़ना गलत, रोशनी करके ही अदा करें नमाज - deaband issue fatwa for taraweeh namaz

विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम से जारी हुए फतवे के अनुसार रमजान के पाक माह में तरावीह की नमाज अंधेरे में नहीं पढ़नी चाहिए. लाइट बंद करके नमाज पढ़ने को गलत करार दिया गया है.

दारुल उलूम का फतवा
author img

By

Published : May 13, 2019, 3:31 PM IST

सहारनपुर: रमजान के पवित्र महीने में घरों व मस्जिदों में होने वाली विशेष तरावीह की नमाज के दौरान अधिकांश लोग लाइट बंद कर अंधेरा कर देते है, ऐसा करने के पीछे तर्क यह दिया जाता है कि अंधेरा होने से कुरआन-ए-करीम को ध्यान से सुना जाता है.

जानकारी देते मुफ्ती शाकिर कासमी.

क्या कहते हैं मुफ्ती

  • इस मसले पर मुफ्ती मोहम्मद शाकिर कासमी का कहना है कि लाइट बंद करके तरावीह की नमाज अदा करना जायज नहीं है.
  • जिस प्रकार अन्य नमाजें लाइट जलाकर अदा की जाती हैं, उसी प्रकार तरावीह की नमाज भी लाइट जलाकर अदा की जाए.
  • उन्होंने सभी लोगों से इस तरह के अमल को दरकिनार कर गलत रस्मों से बचने की अपील की.

सहारनपुर: रमजान के पवित्र महीने में घरों व मस्जिदों में होने वाली विशेष तरावीह की नमाज के दौरान अधिकांश लोग लाइट बंद कर अंधेरा कर देते है, ऐसा करने के पीछे तर्क यह दिया जाता है कि अंधेरा होने से कुरआन-ए-करीम को ध्यान से सुना जाता है.

जानकारी देते मुफ्ती शाकिर कासमी.

क्या कहते हैं मुफ्ती

  • इस मसले पर मुफ्ती मोहम्मद शाकिर कासमी का कहना है कि लाइट बंद करके तरावीह की नमाज अदा करना जायज नहीं है.
  • जिस प्रकार अन्य नमाजें लाइट जलाकर अदा की जाती हैं, उसी प्रकार तरावीह की नमाज भी लाइट जलाकर अदा की जाए.
  • उन्होंने सभी लोगों से इस तरह के अमल को दरकिनार कर गलत रस्मों से बचने की अपील की.
Intro:अंधेरे में तरावीह की नमाज पढ़ना गलत, रोशनी करके ही अदा कर तरावीह की नमाज।


Body: अंधेरे में तरावीह की नमाज पढ़ना गलत, रोशनी करके ही अदा कर तरावीह की नमाज।

विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम से जारी हुए फतवे के अनुसार रमजान के पवित्र माह में तरावीह की नमाज अंधेरे में नही पढ़नी चाहिये। लाइट बन्द करके नमाज पढ़ने को गलत करार दिया गया है।
रमजान के पवित्र महीने में घरों व मस्जिदों में होने वाली विशेष तरावीह की नमाज के दौरान अधिकांश लोग लाइट बन्द कर अंधेरा कर देते है, ऐसा करने के पीछे तर्क यह दिया जाता है कि अंधेरा होने से कुरआन ए करीम को ध्यान से सुना जाता है। जबकि लोगो के इस तर्क को इस्लामी तालीम के मुफ्तियों ने खारिज कर दिया है। इस मसले पर मुफ़्ती मोहम्मद शाकिर कासमी का कहना है कि लाइट बन्द करके तरावीह की नमाज अदा करना जायज नही है, जिस प्रकार अन्य नमाजे लाइट जलाकर अदा की जाती है, उसी प्रकार तरावीह की नमाज भी लाइट जलाकर अदा की जाए। उन्होंने सभी लोगो से इस तरह के अमल को दरकिनार कर गलत रस्मो से बचने की अपील की।

बाईट मुफ़्ती शाकिर कासमी
इस्लामिक शिक्षक देवबन्द



Conclusion:बलवीर सैनी
देवबन्द सहारनपुर
मोबाइल 9319488130
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.