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दारुल उलूम का फतवा, औरतें घर में अकेले पढ़ें तरावीह की नमाज - सहारनपुर समाचार

दारुल उलूम देवबंद ने अपने फतवे में औरतों को घर में अकेले में तरावीह की नमाज अदा करने की बात कही है. उनक तर्क है कि जब फर्ज नमाज अदा करने के लिए औरतों को मस्जिदों में जाने की इजाजत नहीं है तो तरावीह के लिए कैसे हो सकती है.

दारुल उलूम का फतवा
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Published : May 22, 2019, 2:10 PM IST

सहारनपुर: दारुल उलूम के फतवे में औरतों को घर के भीतर तरावीह की नमाज पढ़ने की ताकीद की गई है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फतवे में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से एक व्यक्ति ने दारुल उलूम से लिखित सवाल किया था कि विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग तरीकों से महिलाओं की तरावीह की नमाज हो रही है.

जानकारी देते मुफ्ती शाकिर कासमी, इस्लामिक विद्वान.

युवक के क्या थे सवाल

  • किसी स्थान पर हाफिज को इमाम बनाकर ख्वातीन तरावीह की नमाज पढ़ रही हैं.
  • किसी स्थान पर नाबालिग (कम उम्र) के बच्चे को इमाम बनाकर तरावीह अदा की जा रही है.
  • किन्हीं स्थानों पर मस्जिदों में भी महिलाओं के लिए तरावीह का इंतजाम हो रहा है.
  • कुछ जगहों पर घर के अंदर हाफिज साहब तरावीह पढ़ा रहे हैं, जिनके पीछे मर्द नमाज अदा कर रहे हैं.
  • युवक ने पूछा कि इनमें से किस तरीके से महिलाओं का तरावीह की नमाज पढ़ऩा सही है.
  • इसके जवाब में दारुल उलूम के मुफ्तियों ने जारी फतवे में कहा कि महिलाओं को तरावीह की नमाज घर के भीतर एकांत में अदा करनी चाहिए.
  • जब फर्ज नमाजों के लिए उन्हें मस्जिद में जाने की इजाजत नहीं है तो तरावीह के लिए मस्जिदों में जाने की इजाजत कैसे हो सकती है.
  • फतवे में कहा गया है कि नाबालिग (कम उम्र) की इमामत दरुस्त नहीं उसके पीछे नमाज नहीं होगी.

सहारनपुर: दारुल उलूम के फतवे में औरतों को घर के भीतर तरावीह की नमाज पढ़ने की ताकीद की गई है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फतवे में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से एक व्यक्ति ने दारुल उलूम से लिखित सवाल किया था कि विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग तरीकों से महिलाओं की तरावीह की नमाज हो रही है.

जानकारी देते मुफ्ती शाकिर कासमी, इस्लामिक विद्वान.

युवक के क्या थे सवाल

  • किसी स्थान पर हाफिज को इमाम बनाकर ख्वातीन तरावीह की नमाज पढ़ रही हैं.
  • किसी स्थान पर नाबालिग (कम उम्र) के बच्चे को इमाम बनाकर तरावीह अदा की जा रही है.
  • किन्हीं स्थानों पर मस्जिदों में भी महिलाओं के लिए तरावीह का इंतजाम हो रहा है.
  • कुछ जगहों पर घर के अंदर हाफिज साहब तरावीह पढ़ा रहे हैं, जिनके पीछे मर्द नमाज अदा कर रहे हैं.
  • युवक ने पूछा कि इनमें से किस तरीके से महिलाओं का तरावीह की नमाज पढ़ऩा सही है.
  • इसके जवाब में दारुल उलूम के मुफ्तियों ने जारी फतवे में कहा कि महिलाओं को तरावीह की नमाज घर के भीतर एकांत में अदा करनी चाहिए.
  • जब फर्ज नमाजों के लिए उन्हें मस्जिद में जाने की इजाजत नहीं है तो तरावीह के लिए मस्जिदों में जाने की इजाजत कैसे हो सकती है.
  • फतवे में कहा गया है कि नाबालिग (कम उम्र) की इमामत दरुस्त नहीं उसके पीछे नमाज नहीं होगी.
Intro:दारुल उलूम का फतवा औरतें घर में अकेले पढ़ें तरावीह की नमाज -तरावीह के लिए औरतों को मस्जिदों में जाने की इजाजत नहीं --घर के भीतर होने वाली तरावीह में पर्दे के साथ जमात में शामिल हो सकती हैं औरतें


Body:दारुल उलूम का फतवा औरतें घर में अकेले पढ़ें तरावीह की नमाज -तरावीह के लिए औरतों को मस्जिदों में जाने की इजाजत नहीं --घर के भीतर होने वाली तरावीह में पर्दे के साथ जमात में शामिल हो सकती हैं औरतें   इस्लामी शिक्षा के केंद्र दारुल उलूम देवबंद ने अपने फतवे में औरतों द्वारा पवित्र माह रमजान की विशेष नमाज तरावीह की जमात करने या फिर मस्जिद में जाकर तरावीह की नमाज अदा करने को गलत करार दिया है। तर्क दिया गया है कि जब फर्ज नमाज अदा करने के लिए औरतों को मस्जिदों में जाने की इजाजत नहीं है तो तरावीह के लिए कैसे हो सकती है। फतवें में औरतों को घर के भीतर इनफिरादी (अकेले) पढऩे की ताकीद की गई है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फतवे में पड़ौसी मुल्क पाकिस्तान से एक व्यक्ति ने दारुल उलूम से लिखित सवाल किया था कि विभिन्न स्थानों पर अलग अलग तरीकों से महिलाओं की तरावीह की नमाज हो रही है। किसी स्थान पर हाफिज को इमाम बनाकर ख्वातीन तरावीह की नमाज पढ़ रही हैं। किसी स्थान पर नाबालिग (कम उम्र) के बच्चे को इमाम बनाकर तरावीह अदा की जा रही है। किन्हीं स्थानों पर मस्जिदों में भी महिलाओं के लिए तरावीह का इंतिजाम हो रहा है। कुछ जगहों पर घर के अंदर हाफिज साहब तरावीह पढ़ा रहे हैं, जिनके पीछे मर्द नमाज अदा कर रहे हैं और उसी घर के दुसरे कमरे में पर्दे के साथ महिलाएं तरावीह पढ़ रही हैं। फतवे में पूछा गया है कि इनमें से किस तरीके से महिलाओं का तरावीह की नमाज पढऩा सही है। पूछे गए सवाल के जवाब में दारुल उलूम के मुफ्तियों की खंडपीठ ने जारी फतवे में कहा है कि महिलाओं को तरावीह की नमाज घर के भीतर एकांत में अदा करनी चाहिए। जब फर्ज नमाजों के लिए उन्हें मस्जिद में जाने की इजाजत नहीं है तो तरावीह के लिए मस्जिदों में जाने की इजाजत कैसे हो सकती है। फतवे में कहा गया है कि नाबालिग (कम उम्र) की इमामत दरुस्त नहीं उसके पीछे नमाज नहीं होगी। अलबत्ता घर के भीतर किसी दूसरे कमरे में पर्दे के एहतेमाम के साथ मर्दों की जमात के साथ औरतें तरावीह की नमाज अदा कर सकती हैं। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रहे कि तरावीह की नमाज के लिए औरतों के घर में आने के समय किसी फितने का अंदेशा न हो और पर्दे का बाकायदा अहतेमाम रहे। फतवे में स्पष्ट किया गया है कि इसके अलावा तरावीह की नमाज अदा करने के लिए पूछे गए सभी तरीके बिल्कुल मना है। बाईट :- मुफ़्ती शाकिर कासमी इस्लामिक विद्वान


Conclusion:बलवीर सैनी देवबन्द मोबाइल 9318488130
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