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गोरखपुर: 1 साल में भी पूरा नहीं हो सका गो संरक्षण केंद्र का निर्माण, पंचायत विभाग पर उठा सवाल

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Published : Mar 4, 2020, 2:01 PM IST

उत्तर प्रदेश गोरखपुर जिले में विधानसभा संयोजक प्रभारी संजय सिंह व भाजपा मण्डल अध्यक्ष जीतन सिंह ने निर्माणाधीन केन्द्र का जायजा लिया. उन्होंने पाया कि गो संरक्षण केंद्र का निर्माण पिछले एक वर्षो से चल रहा है.

एक वर्षों से चल रहा गोवंश केंद्र का निर्माण
एक वर्षों से चल रहा गोवंश केंद्र का निर्माण

गोरखपुरः जनपद में मवेशीखाना के भूमि पर गो-संरक्षण केन्द्र का निर्माण जिला पंचायत विभाग पिछले एक वर्ष से करा रहा है. इससे पहले वहां लगभग 24 पशु पाले जा रहे थे. कार्यदायी संस्था ने मानक को ताक पर रखकर पूराने ईंट और सादा बालू का प्रयोग किया जा रहा है. इसको देखकर स्थानीय जनप्रतिनिधि निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवालिया निशान उठा रहे हैं. जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि निर्माण कार्य बिना टेंडर के चल रहा है. गो संरक्षण केन्द्र कब तक बन कर तैयार होगा इसका संतोषजनक उत्तर किसी के पास नहीं है.

जानकारी देते क्षेत्र पंचायत के सदस्य.

पिछले एक साल से चल रहा गोवंश केंद्र का निर्माण
जनपद के भटहट ब्लॉक मुख्यालय से महज 100 कदम की दूरी पर गो संरक्षण केंद्र का निर्माण पिछले एक साल से चल रहा है. विधानसभा संयोजक प्रभारी संजय सिंह व भाजपा मण्डल अध्यक्ष जीतन सिंह ने निर्माणाधीन केन्द्र का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य के लेटलतीफी से गो वंशज सड़क पर भटकते देखे जा रहे हैं. गोवंश किसान के फसल को नुकसान पहुंचा रहे है.

कार्यदायी संस्था द्वारा मनमाने ढंग से निर्माण कराया जारा है. मवेशी खाने की पूराने ईंट से गेट का पाया निर्माण कराया गया है. वहीं मोरंग की जगह सादा बालू प्रयोग में लाया जा रहा है. सारे नाकारे कार्यो को प्लास्टर करके ढंक दिया गया है. उन्होंने बताया कि जो नए ईंट प्रयोग मे लाए जा रहे है, उसकी गुणवत्ता घटिया किस्म की है.

बिना टेन्डर निर्माण कार्य कराने का आरोप
जनप्रतिनिधियों ने निर्माण कार्य की जिम्मेवारी निभाने वाले जिला पंचायत विभाग पर सवालिया निशान खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि बिना टेंडर के ही काम शुरू करा दिया गया है. निर्माण कार्य का न तो कोई मानक है और न तो कोई गुणवत्ता है. सबसे अहम सवाल तो यह है कि निर्माण कार्य शुरु हुए एक वर्ष बीत गया लेकिन अभी तक काम आधा-अधूरा है. यह काम कब तक पूरा होगा, कोई भी जिम्मेदार बताने को तैयार नही है.

जानिए किस मानक में चल रहा है निर्माण
शासन के निर्देशन में गो संरक्षण केन्द्र में 30 फुट लम्बा नाद, (जिसमें पशुओं को चारा खिलाया जाता है), दस बाई दो फिट के एरिया में पीनी पिलाने का नाद, गोबर हेतु खाद गड्ढा, भूसा स्टोर के लिए बीस बाई दस फिट का एट कमरा दस बाई दस का बरामदा और बाऊंड्री वाल के लिए लाखों रुपया स्वीकृत किया गया है.

जनप्रतिनिधियों ने किया निरीक्षण
पिपराइच विधायक के निर्देश पर विधानसभा संयोजक प्रभारी संजय सिंह और भाजपा भटहट मण्डल अध्यक्ष जीतन सिंह ने निर्माणाधीन गो संरक्षण केन्द्र का निरीक्षण किया. केन्द्र में पूराने ईंट से निर्मित गेट का खम्भा, नए ईंट की गुणवत्ता खराब, मोरंग बालू के स्थाना पर सादा सफेद बालू का प्रयोग होता तमतमा उठे. उन्होंने रंगाई-पोताई कर रहे पेन्टर से ठिकेदार से फोन पर संपर्क कराने को कहा. ठिकेदार ने संपर्क किया तो जनप्रतिनिधियों ने खरी-खरी सुना दिया और कहा मानक वीहीन कार्य किसी सूरत बरदास्त नहीं किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- गोरखपुरः गेहूं फसलों को कीटों से कैसे बचाएं, जानिए वैज्ञानिक के सुझाव

गोरखपुरः जनपद में मवेशीखाना के भूमि पर गो-संरक्षण केन्द्र का निर्माण जिला पंचायत विभाग पिछले एक वर्ष से करा रहा है. इससे पहले वहां लगभग 24 पशु पाले जा रहे थे. कार्यदायी संस्था ने मानक को ताक पर रखकर पूराने ईंट और सादा बालू का प्रयोग किया जा रहा है. इसको देखकर स्थानीय जनप्रतिनिधि निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवालिया निशान उठा रहे हैं. जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि निर्माण कार्य बिना टेंडर के चल रहा है. गो संरक्षण केन्द्र कब तक बन कर तैयार होगा इसका संतोषजनक उत्तर किसी के पास नहीं है.

जानकारी देते क्षेत्र पंचायत के सदस्य.

पिछले एक साल से चल रहा गोवंश केंद्र का निर्माण
जनपद के भटहट ब्लॉक मुख्यालय से महज 100 कदम की दूरी पर गो संरक्षण केंद्र का निर्माण पिछले एक साल से चल रहा है. विधानसभा संयोजक प्रभारी संजय सिंह व भाजपा मण्डल अध्यक्ष जीतन सिंह ने निर्माणाधीन केन्द्र का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य के लेटलतीफी से गो वंशज सड़क पर भटकते देखे जा रहे हैं. गोवंश किसान के फसल को नुकसान पहुंचा रहे है.

कार्यदायी संस्था द्वारा मनमाने ढंग से निर्माण कराया जारा है. मवेशी खाने की पूराने ईंट से गेट का पाया निर्माण कराया गया है. वहीं मोरंग की जगह सादा बालू प्रयोग में लाया जा रहा है. सारे नाकारे कार्यो को प्लास्टर करके ढंक दिया गया है. उन्होंने बताया कि जो नए ईंट प्रयोग मे लाए जा रहे है, उसकी गुणवत्ता घटिया किस्म की है.

बिना टेन्डर निर्माण कार्य कराने का आरोप
जनप्रतिनिधियों ने निर्माण कार्य की जिम्मेवारी निभाने वाले जिला पंचायत विभाग पर सवालिया निशान खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि बिना टेंडर के ही काम शुरू करा दिया गया है. निर्माण कार्य का न तो कोई मानक है और न तो कोई गुणवत्ता है. सबसे अहम सवाल तो यह है कि निर्माण कार्य शुरु हुए एक वर्ष बीत गया लेकिन अभी तक काम आधा-अधूरा है. यह काम कब तक पूरा होगा, कोई भी जिम्मेदार बताने को तैयार नही है.

जानिए किस मानक में चल रहा है निर्माण
शासन के निर्देशन में गो संरक्षण केन्द्र में 30 फुट लम्बा नाद, (जिसमें पशुओं को चारा खिलाया जाता है), दस बाई दो फिट के एरिया में पीनी पिलाने का नाद, गोबर हेतु खाद गड्ढा, भूसा स्टोर के लिए बीस बाई दस फिट का एट कमरा दस बाई दस का बरामदा और बाऊंड्री वाल के लिए लाखों रुपया स्वीकृत किया गया है.

जनप्रतिनिधियों ने किया निरीक्षण
पिपराइच विधायक के निर्देश पर विधानसभा संयोजक प्रभारी संजय सिंह और भाजपा भटहट मण्डल अध्यक्ष जीतन सिंह ने निर्माणाधीन गो संरक्षण केन्द्र का निरीक्षण किया. केन्द्र में पूराने ईंट से निर्मित गेट का खम्भा, नए ईंट की गुणवत्ता खराब, मोरंग बालू के स्थाना पर सादा सफेद बालू का प्रयोग होता तमतमा उठे. उन्होंने रंगाई-पोताई कर रहे पेन्टर से ठिकेदार से फोन पर संपर्क कराने को कहा. ठिकेदार ने संपर्क किया तो जनप्रतिनिधियों ने खरी-खरी सुना दिया और कहा मानक वीहीन कार्य किसी सूरत बरदास्त नहीं किया जाएगा.

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