लखनऊ: 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में प्रदेश सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से राहत मिल गई है. हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने एकल पीठ के स्थगन आदेश को खारिज करते हुए सरकार को शिक्षक भर्ती की काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी है. 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट, अभ्यर्थी और सरकार के बीच लग रहे दांवों के बीच शुक्रवार को सरकार के पक्ष में फैसला आया.
उत्तरमाला कुंजी विवाद पहुंचा था कोर्ट
हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच के दो सदस्य वाली पीठ ने 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थियों की ओर से उत्तरमाला कुंजी विवाद को लेकर एकल पीठ में दाखिल याचिका पर जारी हुए स्थगन आदेश को रद्द कर दिया. सरकार की स्पेशल अपील पर हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने तीन जून को जारी हुए एकल पीठ के स्थगन आदेश को प्रभावहीन कर दिया.
हाईकोर्ट का कहना है कि प्रदेश सरकार को यह स्वतंत्रता है कि वह 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में काउंसलिंग प्रक्रिया को जारी रख सकती है. इससे पहले शिक्षक भर्ती के प्रभावित अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की एकल पीठ में गुहार लगाई थी कि प्रतियोगी परीक्षा के दौरान कई ऐसे प्रश्न पूछे गए हैं, जिनका उत्तर पाठ्य पुस्तकों की सूचना से मेल नहीं खाता है.
विवादित प्रश्नों की पुष्टि के लिए यूजीसी की मदद
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह सभी विवादित प्रश्नों के उत्तर की पुष्टि के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सहायता ले. यूजीसी के अनुसार जो उत्तर सही हो उसे ही माना जाए. तीन जून को एकल पीठ के इस आदेश के विरुद्ध सरकार ने जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह डबल बेंच में विशेष अपील की थी, जिसमें शुक्रवार को नया आदेश आया है.
इससे पहले भी हाईकोर्ट के इन्हीं दो जजों की बेंच से सरकार के पक्ष में कटाव निर्धारण को लेकर भी फैसला आ चुका है. हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के तुरंत बाद सरकार ने डबल बेंच में जाने का फैसला किया. बेसिक शिक्षा मंत्री ने भी यह दावा किया कि भर्ती प्रक्रिया को रोकने नहीं दिया जाएगा. ऐसे में माना जा रहा है कि अब एक बार फिर काउंसलिंग शुरू होगी.
69,000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए बाधक बनेगा. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते सरकार को निर्देश दिया है कि वह शिक्षामित्रों के 37,343 पदों को रिक्त छोड़कर भर्ती प्रक्रिया पूरी करे. सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 14 जुलाई को होनी है, हालांकि प्रदेश सरकार ने इस बारे में भी सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दाखिल करने का ऐलान किया है.