अलीगढ़: अलीगढ़ कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने कृषि अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंंने खरीफ की फसलों के लिए किसानों को सही सलाह देने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को उन्नतशील प्रजाति के बीजों के बारे में उचित जानकारी दी जाए. मण्डल के सभी जिला कृषि अधिकारियों से किसानों को कृषि और मौसम से संबंधित जानकारियां उपलब्ध कराने के लिये व्हाट्सअप ग्रुप तैयार करने को कहा है. साथ ही जनपद मुख्यालय स्थित कृषि विभाग के कार्यालयों में कन्ट्रोल रूम बनाने पर जोर दिया है.
15 जून को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाली मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी की तैयारियों एवं रणनीति के सम्बन्ध में शनिवार को बैठक का आयोजन किया गया था. बैठक में अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक सहकारिता के अनुपस्थित रहने पर कमिश्नर ने रोष व्यक्त करते हुए स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं.
15 सरकारी क्रय केन्द्र खोलने का प्रस्ताव
बैठक की तैयारियों के सम्बन्ध में डॉ. सतबीर सिंह संयुक्त कृषि निदेशक ने बताया कि खरीफ-2020 में समस्त फसलों के 487, 820 हेक्टेयर क्षेत्राच्छादन के लक्ष्य प्राप्त हुए हैं. अलीगढ़ मण्डल में खरीफ की फसल के अन्तर्गत लगभग 45 प्रतिशत क्षेत्रफल में बाजरा, 33 प्रतिशत क्षेत्रफल में धान, 17 प्रतिशत क्षेत्रफल में मक्का, तीन प्रतिशत क्षेत्रफल में अरहर एवं शेष क्षेत्रफल में उर्द, मूंग एवं तिल की खेती होती है. इस पर उप निदेशक प्रशासन (मण्डी) नरेन्द्र मलिक ने बताया कि बाजरा एवं मक्का के विक्रय के लिए मण्डल में 15 सरकरी क्रय केन्द्र खोलने का प्रस्ताव है.
बैठक में जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि गन्ना मूल्य का भुगतान चीनी मिलों ने 28 जनवरी 2020 तक किया है. वहीं न्योली शुगर मिल का भुगतान बकाया चल रहा है. वहीं उप निदेशक (उद्यान) ने बताया कि कृषकों के फल, सब्जियाँ एवं फूलों की बिक्री नहीं होने के कारण कठिनाई आयी है. इससे कृषकों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है. इस पर कमिश्नर ने उद्यान विभाग, मण्डी समिति और व्यापारियों से समन्वय स्थापित कर कृषकों के उत्पादित फल, सब्जी एवं फूलों का उचित मूल्य उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.