गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर गोरखनाथ मंदिर में आयोजित हो रहे योग शिविर को ऑनलाइन संबोधित करेंगे. गोरखनाथ मंदिर, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और महायोगी गुरु गोरखनाथ योग संस्थान के बैनर तले 15 जून से आयोजित होते चले आ रहे ऑनलाइन योग शिविर का समापन 21 जून को होगा, लेकिन इससे पूर्व सीएम योगी योग से जुड़े लोगों को ऑनलाइन संबोधित करके उनका हौसला बढ़ाएंगे.
गोरखनाथ पीठ की पहचान एक योग पीठ के रूप में है. गुरु गोरक्षनाथ के हठ योग की चर्चा पूरे योग परंपरा में होती है. यही वजह है कि मंदिर प्रबंधन योग शिक्षा और प्रसार पर भी जोर देता है. गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में योगी आदित्यनाथ इसके प्रसार पर जोर देते रहे हैं.
मन को शांत रखने का सशक्त माध्यम है योग- प्रो. सुरेश बरनवाल
शनिवार की सुबह कोविड-19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में योग विषय पर देव संस्कृति विश्वविद्यालय के योग विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेश बरनवाल ने कहा कि योग मन को स्थिर करने का सहज साधन है. आज जो शारीरिक और सामाजिक परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं, उसमें मानसिक स्थिति की भयावहता अधिक है. आज हमारा मन दुविधाओं, चिंताओं और शंकाओं से घिरा हुआ है. इनकी निवृति का उपाय योग शास्त्र में वर्णित है. उन्होंने कहा कि आत्मिक चेतना के लिए मोह का परित्याग अत्यावश्यक है. हमारे अंदर बुद्धि जैसा मित्र और अहंकार जैसा शत्रु दोनों विद्यमान है. यदि हम अहंकार की भावना से रहेंगे तो समस्याएं आएंगी. मन और अहंकार को संतुलित करने में बुद्धि की शक्ति तीव्र होनी चाहिए और उस बुद्धि को जागृत करने के लिए योग ही एकमात्र उपाय है.
योग विभागाध्यक्ष ने कहा मानव जीवन में पुरुषार्थ की प्रधानता होती है और यह पुरुषार्थ भगवान गुरु गोरखनाथ जी के योग के अभ्यास से ही संभव है. पुरुषार्थ से ही हम विषम परिस्थितियों में भी उच्चतम शिखर को प्राप्त कर पाते हैं. शनिवार को सायंकालीन सत्र में कपालभाति, नाड़ी शोधन, प्लाविनी, खेचरी मुद्रा, शांभवी मुद्रा, शीतकारी, केवली आदि मुद्राओं का अभ्यास कराया जाएगा, जिसमें कुंडलिनी जागरण विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ समाज वैज्ञानिक एवं योग विशेषज्ञ केजीएमयू लखनऊ के डॉ. दीनानाथ उपस्थित रहेंगे.
संपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन एमपीपीजी कॉलेज के फेसबुक पेज पर किया गया. ऑनलाइन फेसबुक कार्यक्रम को संचालित करने में प्रमुख रूप से डॉ. प्रदीप राव, डॉ. अरविंद कुमार चतुर्वेदी, अभय श्रीवास्तव, विनय गौतम, डॉ. अभिषेक पाण्डेय आदि का सहयोग रहा.