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ओमप्रकाश की जगह बीजेपी को क्यों रास आ रहे अनिल राजभर ! - अनिल राजभर होमगार्ड मंत्री

राज्यपाल के ओपी राजभर का इस्तीफा स्वीकार करने के बाद से अब उनकी जगह लेने वालों के नाम पर चर्चा होने लगी हैं. वहीं योगी सरकार के ही मंत्री अनिल राजभर का नाम आगे चल रहा है.

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Published : May 20, 2019, 10:11 PM IST

लखनऊ : योगी मंत्रिमंडल से ओमप्रकाश राजभर को बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बाद बीजेपी ने जातीय समीकरण साधने के लिए राजभर समाज से ही आने वाले अनिल राजभर का कद बढ़ाने का फैसला किया है. पूर्वांचल की 40 से 50 विधानसभा सीटों पर संख्या बल के आधार पर राजभर समाज काफी मजबूत बताया जा रहा है. सवर्ण और पिछड़ों के आधार पर राजनीति करने वाली बीजेपी राजभर समाज को नाराज नहीं करना चाहती. यही वजह है कि अनिल राजभर का कद बढ़ाया जा रहा है.

ओमप्रकाश की जगह बीजेपी को क्यों रास आ रहे अनिल राजभर !


कौन हैं अनिल राजभर

  • योगी सरकार के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अनिल राजभर के पिता रामजीत राजभर यूपी के चंदौली जिले के चिरईगांव विधानसभा क्षेत्र से सपा के टिकट पर विधायक चुने गए.
  • कुछ महीनों बाद उनका निधन हो गया. निधन के बाद अनिल राजभर चुनाव लड़े लेकिन वह हार गए.
  • सपा के प्रदेश संगठन में जिम्मेदारी अनिल राजभर मिली. इसके आलावा वह सपा सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रह चुके हैं.

बीजेपी शामिल होने के बाद बदली किस्मत

  • 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले अनिल राजभर ने बड़ी जनसभा की. जिसमें अमित शाह के समक्ष उन्होंने भाजपा ज्वाइन की.
  • वाराणसी में राजभर समाज का सम्मेलन करने के साथ ही बीजेपी नेतृत्व ने इनकी ताकत समझी.
  • राजभर की ताकत देख कर बीजेपी नेतृत्व इन्हें टिकट देने का फैसला किया.
  • 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने वाराणसी जिले और चंदौली लोकसभा क्षेत्र की शिवपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया. वह विधायक चुने गए.

योगी सरकार में बने राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार

  • उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत की योगी सरकार बनी तो इन्हें होमगार्ड राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया.
  • दूसरी तरफ गठबंधन की पार्टी भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के चार विधायक चुनकर आए और बीजेपी ने ओम प्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाया.
  • ओमप्रकाश राजभर की खींचतान बीजेपी से किसी से छुपी नहीं है.
  • योगी सरकार के शुरुआती दिनों से ही ओपी राजभर बीजेपी की सरकारों और बीजेपी के खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया था.
  • इसके फलस्वरूप आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से की और अब वह राजपाल के अनुमोदन के बाद मंत्रिमंडल से बाहर कर दिए गए हैं.

अब ओपी राजभर का स्थान ले सकते है अनिल राजभर

  • ओपी राजभर के को बाहर का रास्ता दिखाया जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी सरकार में अनिल राजभर का कद बढ़ाये जाने की चर्चा शुरू हो गई है.
  • खबर आ रही है कि अनिल राजभर का कद बढ़ाकर योगी सरकार उन्हें कैबिनेट मंत्री बना सकती है.
  • हालांकि आधिकारिक रूप से अभी इसकी सूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन ओमप्रकाश राजभर की सारी जिम्मेदारियों को अनिल राजभर को सौंपी जा सकती हैं.

क्यों जरूरी है अनिल राजभर का कैबिनेट मंत्री बनना

  • दरअसल उत्तर प्रदेश में खासकर पूर्वी हिस्सों में राजभर समाज संख्या बल काफी मजबूत स्थिति में बताया जा रहा है.
  • पूर्वी उत्तर प्रदेश की करीब 40 से 50 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिस पर राजभर समाज के लोगों की संख्या अच्छी-खासी है.
  • ओमप्रकाश राजभर भाजपा पर बराबर दबाव बनाते रहे.
  • ओमप्रकाश राजभर तो यहां तक कहते रहे की बीजेपी को सवा सौ सीटों पर जीत दिलाने में राजभर समाज का और उनका अहम योगदान रहा है.

बीजेपी ने राजभर समाज से कई नेताओं को किया खड़ा

  • बीजेपी नहीं चाहती है की राजभर समाज उनसे नाराज हो. ओमप्रकाश राजभर के बयानों को देखते हुए बीजेपी राजभर समाज के लोगों को साथ रखने का ताना-बाना पहले से ही बुनना शुरू कर दिया था.
  • बीजेपी ने बलिया जिले के सकलदीप राजभर को राज्यसभा भेजा. अनिल राजभर का कद बराबर बढ़ाया गया.
  • अनिल राजभर के कई कार्यक्रम कराए गए. इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हरिनारायण राजभर को एक बार फिर टिकट दिया है.
  • बीजेपी ने पार्टी संगठन में भी राजभर समाज के लोगों को स्थान दिया है. ताकि समाज के लोग पार्टी नेतृत्व पर ओपी राजभर पर कार्रवाई को लेकर सवाल न खड़ा कर सकें.
  • बीजेपी की यह रणनीति का हिस्सा रहा है. इसी रणनीति के तहत बीजेपी ने एक तरफ अन्य नेताओं को खड़ा किया और लोकसभा चुनाव का इंतजार करती रही.
  • आखिरी चरण का मतदान होते ही सीएम योगी ने ओम प्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया.

लखनऊ : योगी मंत्रिमंडल से ओमप्रकाश राजभर को बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बाद बीजेपी ने जातीय समीकरण साधने के लिए राजभर समाज से ही आने वाले अनिल राजभर का कद बढ़ाने का फैसला किया है. पूर्वांचल की 40 से 50 विधानसभा सीटों पर संख्या बल के आधार पर राजभर समाज काफी मजबूत बताया जा रहा है. सवर्ण और पिछड़ों के आधार पर राजनीति करने वाली बीजेपी राजभर समाज को नाराज नहीं करना चाहती. यही वजह है कि अनिल राजभर का कद बढ़ाया जा रहा है.

ओमप्रकाश की जगह बीजेपी को क्यों रास आ रहे अनिल राजभर !


कौन हैं अनिल राजभर

  • योगी सरकार के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अनिल राजभर के पिता रामजीत राजभर यूपी के चंदौली जिले के चिरईगांव विधानसभा क्षेत्र से सपा के टिकट पर विधायक चुने गए.
  • कुछ महीनों बाद उनका निधन हो गया. निधन के बाद अनिल राजभर चुनाव लड़े लेकिन वह हार गए.
  • सपा के प्रदेश संगठन में जिम्मेदारी अनिल राजभर मिली. इसके आलावा वह सपा सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रह चुके हैं.

बीजेपी शामिल होने के बाद बदली किस्मत

  • 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले अनिल राजभर ने बड़ी जनसभा की. जिसमें अमित शाह के समक्ष उन्होंने भाजपा ज्वाइन की.
  • वाराणसी में राजभर समाज का सम्मेलन करने के साथ ही बीजेपी नेतृत्व ने इनकी ताकत समझी.
  • राजभर की ताकत देख कर बीजेपी नेतृत्व इन्हें टिकट देने का फैसला किया.
  • 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने वाराणसी जिले और चंदौली लोकसभा क्षेत्र की शिवपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया. वह विधायक चुने गए.

योगी सरकार में बने राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार

  • उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत की योगी सरकार बनी तो इन्हें होमगार्ड राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया.
  • दूसरी तरफ गठबंधन की पार्टी भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के चार विधायक चुनकर आए और बीजेपी ने ओम प्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाया.
  • ओमप्रकाश राजभर की खींचतान बीजेपी से किसी से छुपी नहीं है.
  • योगी सरकार के शुरुआती दिनों से ही ओपी राजभर बीजेपी की सरकारों और बीजेपी के खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया था.
  • इसके फलस्वरूप आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से की और अब वह राजपाल के अनुमोदन के बाद मंत्रिमंडल से बाहर कर दिए गए हैं.

अब ओपी राजभर का स्थान ले सकते है अनिल राजभर

  • ओपी राजभर के को बाहर का रास्ता दिखाया जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी सरकार में अनिल राजभर का कद बढ़ाये जाने की चर्चा शुरू हो गई है.
  • खबर आ रही है कि अनिल राजभर का कद बढ़ाकर योगी सरकार उन्हें कैबिनेट मंत्री बना सकती है.
  • हालांकि आधिकारिक रूप से अभी इसकी सूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन ओमप्रकाश राजभर की सारी जिम्मेदारियों को अनिल राजभर को सौंपी जा सकती हैं.

क्यों जरूरी है अनिल राजभर का कैबिनेट मंत्री बनना

  • दरअसल उत्तर प्रदेश में खासकर पूर्वी हिस्सों में राजभर समाज संख्या बल काफी मजबूत स्थिति में बताया जा रहा है.
  • पूर्वी उत्तर प्रदेश की करीब 40 से 50 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिस पर राजभर समाज के लोगों की संख्या अच्छी-खासी है.
  • ओमप्रकाश राजभर भाजपा पर बराबर दबाव बनाते रहे.
  • ओमप्रकाश राजभर तो यहां तक कहते रहे की बीजेपी को सवा सौ सीटों पर जीत दिलाने में राजभर समाज का और उनका अहम योगदान रहा है.

बीजेपी ने राजभर समाज से कई नेताओं को किया खड़ा

  • बीजेपी नहीं चाहती है की राजभर समाज उनसे नाराज हो. ओमप्रकाश राजभर के बयानों को देखते हुए बीजेपी राजभर समाज के लोगों को साथ रखने का ताना-बाना पहले से ही बुनना शुरू कर दिया था.
  • बीजेपी ने बलिया जिले के सकलदीप राजभर को राज्यसभा भेजा. अनिल राजभर का कद बराबर बढ़ाया गया.
  • अनिल राजभर के कई कार्यक्रम कराए गए. इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हरिनारायण राजभर को एक बार फिर टिकट दिया है.
  • बीजेपी ने पार्टी संगठन में भी राजभर समाज के लोगों को स्थान दिया है. ताकि समाज के लोग पार्टी नेतृत्व पर ओपी राजभर पर कार्रवाई को लेकर सवाल न खड़ा कर सकें.
  • बीजेपी की यह रणनीति का हिस्सा रहा है. इसी रणनीति के तहत बीजेपी ने एक तरफ अन्य नेताओं को खड़ा किया और लोकसभा चुनाव का इंतजार करती रही.
  • आखिरी चरण का मतदान होते ही सीएम योगी ने ओम प्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया.
Intro:लखनऊ। योगी मंत्रिमंडल से ओमप्रकाश राजभर को बाहर का रास्ता दिखाये जाने के बाद बीजेपी ने जातीय समीकरण साधने के लिए राजभर समाज से ही योगी सरकार में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अनिल राजभर का कद बढ़ाने का फैसला किया है। पूर्वांचल की 40 से 50 विधानसभा सीटों पर संख्या बल के आधार पर राजभर समाज काफी मजबूत बताया जा रहा है। सवर्ण और पिछड़ों के आधार पर राजनीति करने वाली बीजेपी राजभर समाज को नाराज नहीं करना चाहती। यही वजह है कि अनिल राजभर का कद बढ़ाया जा रहा है।


Body:अखिलेश सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रह चुके अनिल राजभर

योगी सरकार के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अनिल राजभर के पिता रामजीत राजभर यूपी के चंदौली जिले के चिरईगांव विधानसभा क्षेत्र से सपा के टिकट पर विधायक चुने गए। कुछ महीनों बाद उनका निधन हो गया। निधन के बाद अनिल राजभर चुनाव लड़े लेकिन वह हार गए। सपा के प्रदेश संगठन में जिम्मेदारी मिली। सपा सरकार में अनिल राजभर दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रह चुके हैं।

सपा छोड़ बीजेपी ज्वाइन किये फिर चमकी किस्मत

2014 के लोकसभा चुनाव से पहले अनिल राजभर ने बड़ी जनसभा की जिसमे अमित शाह के समक्ष भाजपा जवाइन किया। वाराणसी में राजभर समाज का सम्मेलन करने के साथ ही बीजेपी नेतृत्व ने इनकी ताकत समझी। राजभर की ताकत देख कर बीजेपी नेतृत्व इन्हें टिकट देने का फैसला किया। 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने वाराणसी जिले और चंदौली लोकसभा क्षेत्र की शिवपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया। वह विधायक चुने गए।

योगी सरकार में बने राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार

उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत की योगी सरकार बनी तो इन्हें होमगार्ड राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया। दूसरी तरफ गठबंधन की पार्टी भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के चार विधायक चुनकर आए और बीजेपी ने ओम प्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाया। ओमप्रकाश राजभर की खींचतान बीजेपी से किसी से छुपी नहीं है। योगी सरकार के शुरुआती दिनों से ही ओपी राजभर बीजेपी की सरकारों और बीजेपी के खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिए। इसके फलस्वरूप आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से की और अब वह राजपाल के अनुमोदन के बाद मंत्रिमंडल से बाहर कर दिए गए हैं।

अब ओपी राजभर का स्थान ले सकते है अनिल राजभर

ओपी राजभर के को बाहर का रास्ता दिखाया जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी सरकार में अनिल राजभर का कद बढाए जाने की चर्चा शुरू हो गई है खबर आ रही है कि अनिल राजभर का कद बढ़ाकर योगी सरकार उन्हें कैबिनेट मंत्री बना सकती है हालांकि आधिकारिक रूप से अभी इसकी सूचना जारी नहीं की गई है लेकिन ओमप्रकाश राजभर के को की सारी जिम्मेदारियों को अनिल राजभर को सौंपी जा सकती है।

क्यों जरूरी है अनिल राजभर का कैबिनेट मंत्री बनना

दरअसल उत्तर प्रदेश में खासकर पूर्वी हिस्सों में राजभर समाज संख्या बल काफी मजबूत स्थिति में बताया जा रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश की करीब 40 से 50 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिस पर राजभर समाज के लोगों की संख्या अच्छी-खासी है। इन विधानसभा क्षेत्रों में 30 से 35 हजार या उससे अधिक वोटर इस विरादरी के हैं। यही वजह है कि ओमप्रकाश राजभर भाजपा पर बराबर दबाव बनाते रहे। ओमप्रकाश राजभर तो यहां तक कहते रहे की बीजेपी को सवा सौ सीटों पर जीत दिलाने में राजभर समाज का और उनका अहम योगदान रहा है।

बीजेपी ने राजभर समाज से कई नेताओं को किया खड़ा

बीजेपी नहीं चाहती है की राजभर समाज उनसे नाराज हो। ओमप्रकाश राजभर के बयानों को देखते हुए बीजेपी राजभर समाज के लोगों को साथ रखने का ताना-बाना पहले से ही बुनना शुरू कर दिया था। बीजेपी ने बलिया जिले के सकलदीप राजभर को राज्यसभा भेजा। अनिल राजभर का कद बराबर बढ़ाया गया। अनिल राजभर के कई कार्यक्रम कराए गए। इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हरिनारायण राजभर को एक बार फिर टिकट दिया है। बीजेपी ने पार्टी संगठन में भी राजभर समाज के लोगों को स्थान दिया है। ताकि समाज के लोग पार्टी नेतृत्व पर ओपी राजभर पर कार्रवाई को लेकर सवाल न खड़ा कर सकें। बीजेपी की यह रणनीति का हिस्सा रहा है। इसी रणनीति के तहत बीजेपी ने एक तरफ अन्य नेताओं को खड़ा किया और लोकसभा चुनाव का इंतजार करती रही। आखिरी चरण का मतदान होते ही सीएम योगी ने ओम प्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया।


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