बस्ती: कभी खेत से उठती महक यह बताने के लिए काफी थी कि कौन से धान की फसल उगाई गयी है. पूरा बस्ती मंडल 'काला नमक धान' की खेती के लिए जाना जाता था. लेकिन धीरे-धीरे काला नमक प्रजाति से किसानों का मोह भंग होता गया और बस्ती ने अपनी एक पहचान खो दी.
वहीं अब एक बार फिर बस्ती मंडल में 'काला नमक धान' प्रजाति की खेती को बढ़ावा देने की तैयारी में प्रशासन जुट गया है. इसके लिए मंडल में तकनीकी सलाहकार नियुक्त किया जाएगा, जो काला नमक धान खेती को प्रमोट करेगा.
पुरानी किस्मों की प्रजातियों को बढ़ावा
कृषि निदेशक सोराज सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बस्ती मंडल के अधिकारियों को खरीफ खेती के लिए दिशा-निर्देश दिए. जिसके बाद मंडल में खरीफ फसल की तैयारी की जानकारी मंडलायुक्त अनिल कुमार सागर ने कृषि निदेशक को उपलब्ध कराया. उन्होंने कहा कि 'काला नमक धान' की खेती को प्रमोट करने के लिए मंडल में अलग से तकनीकी सलाहकार नियुक्त किया जाए. साथ ही मार्केटिग कंपनी से भी किसानों को जोड़ा जाए, ताकि उनके उत्पादन का उचित मूल्य किसानों को मिल सके. इतना ही नहीं अनाज भंडारण के लिए गोदाम की कमी को भी दूर करना होगा. इसकी वजह से अनाज खराब हो जाता है.
मण्डलायुक्त ने कहा कि अगर बस्ती जनपद की बात करें तो जिले में कृषि निवेश की कोई कमी नहीं है. किसानों को प्रोत्साहन देने का भी प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्लेम देने में कंपनी यूनिवर्सल सेम्पो देरी कर रही है. इससे किसान आगे की फसल का उत्पादन करने में पिछड़ रहा है. इतना ही नहीं भारी बारिश होने के कारण लौकी, करेला, अमरूद की फसल खराब हो रही है. उन्होंने कहा कि हम किसानों को विकसित खेती करने की तरफ लाने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही जो फसल कभी बस्ती मंडल की पहचान हुआ करती थीं, उन्हें हम एक बार फिर से प्रमोट करेंगे. इससे किसानों को लाभ होगा और उसे फसल का सही दाम मिल सकेगा.