बस्ती: अपना अस्तित्व को खो चुकी पौराणिक नदी मनोरमा को पुनर्जीवन देने के लिये स्थानीय भाजपा विधायक अजय सिंह अब खुद मैदान मे उतर चुके हैं. वह रोजाना सुबह अपने साथियों के साथ ईलाके से गुजर रही मनोरमा नदी में कूद पडते हैं और नदी की साफ सफाई करते नजर आते हैं.
दरअसल प्रदेश की नौ अस्तित्व खो रही पौराणिक नदियों को नवजीवन देने के लिये योगी सरकार ने पहल की है. जिसमे सबसे पहले बस्ती की मनोरमा नदी को एक बार फिर से जीवित करने के लिये भागीरथ प्रयास शुरु हो गया है. सरकार की तरफ से 100 करोड़ का बजट भी आंविटत किया जा चुका है. जिसमें से 30 करोड़ का सफाई का काम मनरेगा से कराये जाने का योजना है. जिसके तहत विधायक अजय सिंह ने प्रयास शुरु कर दिया है. वह खुद मनरेगा मजदूरों के साथ नदी में फैले कचरे और जलकुंभी को साफ करते नजर आते हैं.
कल-कल कर बहने वाली पौराणिक नदी मनोरमा का इतिहास काफी पुराना है. कहा जाता है कि राजा दशरथ ने इसी नदी मे स्नान कर पुत्रेष्टि यग्य किया था. यह नदी पौराणिक मंदिर मखौडा धाम से सटकर बहती है. मखौडा मंदिर में ही राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यग्य को सम्पन्न कराया था. जिससे इस नदी की पौराणिकता का महत्व और बढ़ जाता है.
नदियों के निर्मलीकरण अभियान के क्रम में बस्ती की लाइफ लाइन मनोरमा नदी के पुनरोद्धार का बीड़ा विधायक अजय ने उठाया है. विधायक अजय सिंह मनोरमा नदी में अपने साथियों के साथ गए और नदी से कचरे की स्वयं सफाई की. जिन्हें देखकर ग्रामीणों के साथ-साथ तमाम अन्य लोगों ने भी इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.