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लोकसभा चुनाव के महासमर में एक-दूसरे को मात देने को बेताब प्रत्याशी

बाराबंकी के चुनावी महासमर में तीनों प्रत्याशी आपस में कड़ी टक्कर दे रहे हैं. आखिर किसके सिर सजेगा सांसद का ताज यह तो मतों की गणना के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा. संवाददाता द्वारा क्षेत्र के कई गांव और चौराहों पर चुनावी चर्चा कर हाल जाना गया तो पता चला कि इन तीनों प्रत्याशियों का पलड़ा बराबर भारी है.

लोक सभा चुनाव 2019 के महासमर में एक -दूसरे को मात देने को बेताब प्रत्याशी
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Published : Apr 26, 2019, 9:06 PM IST

बाराबंकी : लोकसभा चुनाव को लेकर प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल किए जाने के बाद अब क्षेत्र में चुनावी चर्चा जोरों पर है. गांव, गली और चौराहों पर बस प्रत्याशियों की चर्चा हो रही है. कुर्सी विधानसभा क्षेत्र में अभी तक भाजपा, गठबंधन और कांग्रेस तीनों में ही बराबरी की टक्कर है. इस बार के चुनाव में त्रिकोणीय स्थित होने पर दबदबा किसका रहेगा यह कह पाना मुश्किल है.

लोकसभा चुनाव के महासमर में एक-दूसरे को मात देने को बेताब प्रत्याशी.
मालूम हो कि पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार जहां सत्ता में वापसी की पुरजोर कोशिश में है, वहीं कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन उसकी वापसी की राह को मुश्किल बनाने में जुटी हुई है. एक ओर जहां विपक्ष लोकतंत्र बचाने की अपील के साथ चुनाव में जुटा है तो वहीं बीजेपी राष्ट्रवाद और विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है.

बाराबंकी जनपद में बड़े-बड़े दिग्गज मैदान में हैं, जिनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र रावत के समर्थन में जहां वर्तमान विधायक राजेंद्र वर्मा, शरद अवस्थी, बैजनाथ रावत, सतीश शर्मा समेत भाजपा के बड़े नेता युद्ध स्तर पर प्रचार कर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया के समर्थन में कई बड़े नेता प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. स्वयं प्रियंका गांधी भी उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए जनपद का दौरा कर चुकी हैं

तनुज पुनिया के चुनाव की कमान कांग्रेस के स्टार प्रचारक व तनुज पुनिया के पिता पीएल पुनिया संभाले हुए हैं. पूर्व में पीएल पुनिया बाराबंकी जनपद में सांसद रह चुके हैं और जनता के बीच उनकी गहरी पैठ से कतई इनकार नहीं किया जा सकता है.

बीजेपी प्रत्याशी उपेंद्र रावत मौजूदा विधायक होने के साथ पारख महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं जिससे उनके पक्ष में रावत बिरादरी वोट बैंक है. वहीं अन्य दलित बिरादरी के मतों को अपने पक्ष में करना ही उनके लिए संजीवनी है. युवा मिलनसार छवि होने के कारण उपेंद्र का चेहरा उभर कर जनता के सामने आया है. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया विधानसभा चुनाव में मिली हार को जीत में बदलने के लिए ताबड़तोड़ क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं.

सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी राम सागर रावत भी जनपद के एक दिग्गज नेता के रूप में जाने जाते हैं. पूर्व में कई बार सांसद भी रह चुके हैं. इसी कारण पार्टी हाईकमान ने उन पर भरोसा जताया है. राम सागर रावत के समर्थन में पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप, फरीद महफूज किदवई, सदर विधायक धर्मराज यादव समेत पूरा समाजवादी और बसपा कुनबा तेजी से जनसंपर्क पर वोटों को अपनी ओर आकर्षित करने पर पूरा प्रयास कर रहा हैं.

फिलहाल समाजवादियों का गढ़ कहे जाने वाले बाराबंकी में जनपद में राम सागर रावत का दबदबा कहीं से भी कम होता दिखाई नहीं दे रहा है. इस बार का लोकसभा चुनाव काफी दिलचस्प है. इस कारण वह इस बार ऐसी कोई भी चूक नहीं करेंगे जिससे कि विपक्षी प्रत्याशी का पलड़ा भारी हो. सपा के लिए यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण है. समाजवादी गढ़ में भाजपा का परचम लहराने के बाद अपना अपना रुतबा कायम करने के लिए उसकी साख भी दांव पर लगी है.

बाराबंकी : लोकसभा चुनाव को लेकर प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल किए जाने के बाद अब क्षेत्र में चुनावी चर्चा जोरों पर है. गांव, गली और चौराहों पर बस प्रत्याशियों की चर्चा हो रही है. कुर्सी विधानसभा क्षेत्र में अभी तक भाजपा, गठबंधन और कांग्रेस तीनों में ही बराबरी की टक्कर है. इस बार के चुनाव में त्रिकोणीय स्थित होने पर दबदबा किसका रहेगा यह कह पाना मुश्किल है.

लोकसभा चुनाव के महासमर में एक-दूसरे को मात देने को बेताब प्रत्याशी.
मालूम हो कि पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार जहां सत्ता में वापसी की पुरजोर कोशिश में है, वहीं कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन उसकी वापसी की राह को मुश्किल बनाने में जुटी हुई है. एक ओर जहां विपक्ष लोकतंत्र बचाने की अपील के साथ चुनाव में जुटा है तो वहीं बीजेपी राष्ट्रवाद और विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है.

बाराबंकी जनपद में बड़े-बड़े दिग्गज मैदान में हैं, जिनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र रावत के समर्थन में जहां वर्तमान विधायक राजेंद्र वर्मा, शरद अवस्थी, बैजनाथ रावत, सतीश शर्मा समेत भाजपा के बड़े नेता युद्ध स्तर पर प्रचार कर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया के समर्थन में कई बड़े नेता प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. स्वयं प्रियंका गांधी भी उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए जनपद का दौरा कर चुकी हैं

तनुज पुनिया के चुनाव की कमान कांग्रेस के स्टार प्रचारक व तनुज पुनिया के पिता पीएल पुनिया संभाले हुए हैं. पूर्व में पीएल पुनिया बाराबंकी जनपद में सांसद रह चुके हैं और जनता के बीच उनकी गहरी पैठ से कतई इनकार नहीं किया जा सकता है.

बीजेपी प्रत्याशी उपेंद्र रावत मौजूदा विधायक होने के साथ पारख महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं जिससे उनके पक्ष में रावत बिरादरी वोट बैंक है. वहीं अन्य दलित बिरादरी के मतों को अपने पक्ष में करना ही उनके लिए संजीवनी है. युवा मिलनसार छवि होने के कारण उपेंद्र का चेहरा उभर कर जनता के सामने आया है. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया विधानसभा चुनाव में मिली हार को जीत में बदलने के लिए ताबड़तोड़ क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं.

सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी राम सागर रावत भी जनपद के एक दिग्गज नेता के रूप में जाने जाते हैं. पूर्व में कई बार सांसद भी रह चुके हैं. इसी कारण पार्टी हाईकमान ने उन पर भरोसा जताया है. राम सागर रावत के समर्थन में पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप, फरीद महफूज किदवई, सदर विधायक धर्मराज यादव समेत पूरा समाजवादी और बसपा कुनबा तेजी से जनसंपर्क पर वोटों को अपनी ओर आकर्षित करने पर पूरा प्रयास कर रहा हैं.

फिलहाल समाजवादियों का गढ़ कहे जाने वाले बाराबंकी में जनपद में राम सागर रावत का दबदबा कहीं से भी कम होता दिखाई नहीं दे रहा है. इस बार का लोकसभा चुनाव काफी दिलचस्प है. इस कारण वह इस बार ऐसी कोई भी चूक नहीं करेंगे जिससे कि विपक्षी प्रत्याशी का पलड़ा भारी हो. सपा के लिए यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण है. समाजवादी गढ़ में भाजपा का परचम लहराने के बाद अपना अपना रुतबा कायम करने के लिए उसकी साख भी दांव पर लगी है.

Intro:आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल किए जाने के बाद अब क्षेत्र में चुनावी चर्चा जोरों पर है गांव गली चौराहों पर बस प्रत्याशियों के चर्चा हो रही है कुर्सी विधानसभा क्षेत्र में अभी तक भाजपा गठबंधन व कांग्रेश तीनों में ही बराबरी की टक्कर है इस बार के चुनाव में त्रिकोणीय स्थित होने पर दबदबा किसका रहेगा या कह पाना मुश्किल है


Body:मालूम हो कि पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार जहां सत्ता में वापसी की पुरजोर कोशिश में है वहीं कांग्रेस व सपा बसपा गठबंधन उसकी वापसी की राह को मुश्किल बनाने में जुटी हुई है विपक्ष जहां लोकतंत्र बचाने की अपील के साथ चुनाव में जटा है तो बीजेपी राष्ट्रवाद और विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है बाराबंकी जनपद में बड़े-बड़े दिग्गज मैदान में हैं जिन की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र रावत के समर्थन में जहां वर्तमान विधायक राजेंद्र वर्मा शरद अवस्थी बैजनाथ रावत सतीश शर्मा समेत भाजपा के बड़े नेता युद्ध स्तर पर प्रचार कर रहे हैं वहीं कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया के समर्थन में कई बड़े नेता प्रचार प्रसार कर रहे हैं स्वयं प्रियंका गांधी भी उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए जनपद का दौरा कर चुकी है इस के चुनाव की कमान कांग्रेस के स्टार प्रचारक व प्रत्याशी तनुज पुनिया के पिता पी एल पुनिया संभाले हुए हैं पूर्व में व बाराबंकी जनपद में सांसद रह चुके हैं और जनता के बीच उनकी गहरी पैठ से कतई इंकार नहीं किया जा सकता है बीजेपी प्रत्याशी उपेंद्र रावत मौजूदा विधायक होने के साथ पारक महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं जिससे उनके पक्ष में रावत बिरादरी वोट बैंक है वहीं अन्य दलित बिरादरी के मतों को अपने पक्ष में करना ही उनके लिए संजीवनी है युवा युवा मिलनसार छबि होने के कारण उपेंद्र का चेहरा उभर कर जनता के सामने आया है बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ रहे इसी प्रत्याशी कनपुरिया को प्रतिनिधि थी अब वह उसी इतिहास को दोहराने के लिए पुनः चुनाव मैदान में हैं वहीं कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया विधानसभा चुनाव में मिली हार को जीत में बदलने के लिए ताबड़तोड़ क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं सपा बसपा गठबंधन के प्रत्याशी राम सागर रावत भी जनपद के एक दिग्गज नेता के रूप में जाने जाते हैं पूर्व में कई बार सांसद भी रह चुके हैं इसी कारण पार्टी हाईकमान ने उन पर भरोसा जताया है राम सागर रावत के समर्थन में पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप फरीद महफूज किदवई सदर विधायक धर्मराज यादव समेत पूरा समाजवादी और बसपा कुनबा तेजी से जनसंपर्क पर वोटों को अपनी ओर आकर्षित करने पर पूरा प्रयास कर रहे हैं


Conclusion:फिलहाल समाजवादियों का गढ़ कहे जाने वाले बाराबंकी में जनपद में राम सागर रावत का दबदबा कहीं से भी कम होता दिखाई नहीं दे रहा है इस बार का लोकसभा चुनाव काफी दिलचस्प है इस कारण वह इस बार ऐसी कोई भी चूक नहीं करेंगे जिससे कि विपक्षी प्रत्याशी का पल्ला भारी हो सपा के लिए यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण है समाजवादी गढ़ में भाजपा का परचम लहराने के बाद अपना अपना रुतबा कायम करने के लिए उसकी साख भी दांव पर लगी है इस संवाददाता द्वारा क्षेत्र के कई गांव चौराहों पर चुनावी चर्चा का हाल जाना गया तो इन तीनों प्रत्याशियों का पलड़ा भारी है इस चुनावी महासमर में या तीनों प्रत्याशी आपस में कड़ी टक्कर दे रहे हैं आखिर किसके सर सजेगा सांसद का ताज या तो मतों की गणना के बाद सताए स्पष्ट हो जाएगा गणेश शंकर मिश्रा ईटीवी भारत की रिपोर्ट
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