आजमगढ़: जिले में करीब 1 साल कार्यकाल पूरा करने के बाद रविवार 31 मई को आजमगढ़ के डीएम नागेंद्र प्रताप सिंह रिटायर हो रहे हैं. साथ ही रिटायर होने से पहले शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नागेंद्र प्रताप सिंह काफी भावुक नजर आए. वहीं उन्होंंने आजमगढ़ जनपद से अपना भावनात्मक रिश्ता बताते हुए कहा कि आजमगढ़ से मेरा सामाजिक जुड़ाव बना रहेगा.
मीडिया से बातचीत करते हुए डीएम नागेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सेवानिवृत्ति के बाद वनवासियों या आदिवासियों की सेवा करने के साथ-साथ जो लोग जरूरतमंद हैं, उन्हीं की मदद करूंगा. इसके साथ ही गांव में बहुत से ऐसे लोग हैं, जिन्होंने असली भारत नहीं देखा है. उन सब के बीच जाकर काम करूंगा, जहां भारत की असली चमक नहीं पहुंची है.
'आजमगढ़ से है भावनात्मक रिश्ता'
आजमगढ़ जनपद से अपना भावनात्मक रिश्ता बताते हुए डीएम नागेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जिस कमरे में 1988 में एसडीएम का कार्यभार ग्रहण किया था. उसी कमरे में एक साल पहले जिलाधिकारी का कार्यभार ग्रहण किया. साथ ही उसी कमरे से ही दूसरे जिलाधिकारी को कार्यभार सौंपूगा. उन्होंंने कहा निश्चित रूप से यह रिश्ता काफी भावनात्मक है. साथ ही आजमगढ़ जनपद से मेरा सामाजिक जुड़ाव हमेशा बना रहेगा.
'कोई गलती हुई हो तो क्षमा करें'
डीएम ने जनपद वासियों से क्षमा मांगते हुए कहा कि यदि जाने अनजाने में किसी भी कार्य, व्यवहार के कारण यदि किसी भी व्यक्ति को कोई दुख हुआ है, तो वह सहजता व बड़प्पन के साथ मुझे माफ करें.
1988 में हुई थी SDM के पद पर तैनाती
बता दें जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह ने वर्ष 1988 में आजमगढ़ के मोहम्मदाबाद गोहना एसडीएम के पद पर पहली तैनाती पाई थी. उस समय मोहम्मदाबाद गोहना आजमगढ़ जनपद का ही हिस्सा हुआ करता था. साथ ही 2019 में नागेंद्र प्रताप सिंह आजमगढ़ के जिलाधिकारी बनकर आए. वहीं सबसे खास बात यह रही कि जिस कमरे में उन्होंने एसडीएम का चार्ज संभाला था उसी कमरे में ही डीएम का चार्ज संभाला और अब उसी कमरे से ही विदाई भी होने वाली है.
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