लखनऊ : अयोध्या मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता पर की गई टिप्पणी को लेकर एक बार फिर से बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि मसले को लेकर समझौते की बातें तेज होती दिखने लगी हैं. जिसके चलते लखनऊ के यूपी प्रेस क्लब में मुस्लिम इंटेलेक्चुअल फोरम की ओर से राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के विवाद को आपसी सहमती से हल करने के लिये एक सेमिनार के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. जिसमें मुस्लिम समुदाय की कई बड़ीहस्तियों के साथ आर्ट ऑफ लिविंग के संरक्षक श्री श्री रवि शंकर के प्रवक्ता गौतम विजऔर बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब भी मौजूद रहे.
इस मौके पर बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा के राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद के मसले पर सियासत ना कर के आपसी सहमति से इस मसले का हल चलना चाहिए. वहीहिंदुस्तान के मुस्तकबिल के लिए बेहतर होगा, क्योंकि मैंने 1992 के किस्से को अपनी आंखों से देखा है. श्री श्री रवि शंकरने इस मसले को सुलझाने की पहल की है, जबकि कुछ लोग अपनी दुकान चलाने के लिए इस मसले को हल नहीं होने देना चाहते.
इस प्रोग्राम के दौरान आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के संरक्षकश्री श्री रवि शंकर के प्रवक्ता गौतम विज ने कहा कि काफी वक्त से श्री श्री इस मसले को हल कराने की कोशिश कर रहे हैं,जिसको लेकर मुस्लिम पक्षकारो की भी सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है और उम्मीद जतायी जा रही है किजल्द कुछ अच्छे नतीजे आ सकते हैं.
मुस्लिम इंटेलेक्चुअल फोरम के अध्यक्ष सैयद रफत ने इस दौरान बताया कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी और मौलाना अरशद मदनी को हमारे फोरम की तरफ से खत लिख कर यह अपील की गई है कि इस मसले पर आपसी सहमति से मसले का हल निकाला जाए ताकियह मसला आपसी सहमति से हल हो सके.