कानपुर: आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है. पूरे देश में महिलाओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न आयोजन किए जा रहे हैं. हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी सफलता के परचम लहराए हैं. आइये आज हम आपको मिलवाते हैं एशिया में पहली सीआरपीएफ की बटालियन में भर्ती होने वाली जाबांज रेखा से. रेखा लगातार 33 साल से पूरे जोश और जज्बे से देश की सेवा कर रहीं हैं.
रेखा 1986 में आर्म्ड फोर्स सीआरपीएफ में बतौर सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हुईं. 1986 में ही पूरी तरह से पहली बार महिला बटालियन का गठन किया गया था. सीआरपीएफ बल में रेखा की भी तैनाती की गई थी. जिसमें उन्होंने देश के कई हिस्सों में जाकर अपने देश के प्रति त्याग भावना दिखाते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह किया.
रेखा एक मां भी हैं, लेकिन उन्होंने अपनी भारत मां के लिए अपने परिवार को भी पीछे रखा. उनका कहना है कि सबसे पहले देश है फिर परिवार. रेखा 33 वर्षों से देश की सेवा कर रही हैं. वह देश के विभिन्न आतंक प्रभावित इलाकों में बिना डरे काम कर चुकी हैं. विदेशी आतंक प्रभावित इलाकों में भी बिना डरे देश की सेवा का काम कर चुकी हैं. साथ ही दूसरे देशों में भी जाकर इन्होंने हिंदुस्तान का गौरव बढ़ाया है.