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महिला दिवस विशेष : ये हैं CRPF बटालियन में भर्ती होने वाली पहली महिला सब इंस्पेक्टर

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सीआरपीएफ की बटालियन में भर्ती होने वाली पहली महिला जाबांज रेखा ने ईटीवी से खास बातचीत की. कानपुर की रहने वाली रेखा पिछले 33 वर्षों से पूरे जोश और जज्बे से देश की सेवा कर रही है.

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Published : Mar 8, 2019, 8:22 PM IST

कानपुर: आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है. पूरे देश में महिलाओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न आयोजन किए जा रहे हैं. हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी सफलता के परचम लहराए हैं. आइये आज हम आपको मिलवाते हैं एशिया में पहली सीआरपीएफ की बटालियन में भर्ती होने वाली जाबांज रेखा से. रेखा लगातार 33 साल से पूरे जोश और जज्बे से देश की सेवा कर रहीं हैं.

CRPF बटालियन रेखा से खास बातचीत.


रेखा 1986 में आर्म्ड फोर्स सीआरपीएफ में बतौर सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हुईं. 1986 में ही पूरी तरह से पहली बार महिला बटालियन का गठन किया गया था. सीआरपीएफ बल में रेखा की भी तैनाती की गई थी. जिसमें उन्होंने देश के कई हिस्सों में जाकर अपने देश के प्रति त्याग भावना दिखाते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह किया.


रेखा एक मां भी हैं, लेकिन उन्होंने अपनी भारत मां के लिए अपने परिवार को भी पीछे रखा. उनका कहना है कि सबसे पहले देश है फिर परिवार. रेखा 33 वर्षों से देश की सेवा कर रही हैं. वह देश के विभिन्न आतंक प्रभावित इलाकों में बिना डरे काम कर चुकी हैं. विदेशी आतंक प्रभावित इलाकों में भी बिना डरे देश की सेवा का काम कर चुकी हैं. साथ ही दूसरे देशों में भी जाकर इन्होंने हिंदुस्तान का गौरव बढ़ाया है.

कानपुर: आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है. पूरे देश में महिलाओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न आयोजन किए जा रहे हैं. हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी सफलता के परचम लहराए हैं. आइये आज हम आपको मिलवाते हैं एशिया में पहली सीआरपीएफ की बटालियन में भर्ती होने वाली जाबांज रेखा से. रेखा लगातार 33 साल से पूरे जोश और जज्बे से देश की सेवा कर रहीं हैं.

CRPF बटालियन रेखा से खास बातचीत.


रेखा 1986 में आर्म्ड फोर्स सीआरपीएफ में बतौर सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हुईं. 1986 में ही पूरी तरह से पहली बार महिला बटालियन का गठन किया गया था. सीआरपीएफ बल में रेखा की भी तैनाती की गई थी. जिसमें उन्होंने देश के कई हिस्सों में जाकर अपने देश के प्रति त्याग भावना दिखाते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह किया.


रेखा एक मां भी हैं, लेकिन उन्होंने अपनी भारत मां के लिए अपने परिवार को भी पीछे रखा. उनका कहना है कि सबसे पहले देश है फिर परिवार. रेखा 33 वर्षों से देश की सेवा कर रही हैं. वह देश के विभिन्न आतंक प्रभावित इलाकों में बिना डरे काम कर चुकी हैं. विदेशी आतंक प्रभावित इलाकों में भी बिना डरे देश की सेवा का काम कर चुकी हैं. साथ ही दूसरे देशों में भी जाकर इन्होंने हिंदुस्तान का गौरव बढ़ाया है.

Intro:कानपुर:-पहले देश फिर परिवार के लिए भर्ती हुई थी देश मे पहली महिला फोर्स विंग-रेखा
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मिलिए जाबांज रेखा से।जिन्होंने एशिया में पहली सीआरपीएफ की बटालियन में भर्ती होने के बाद से लगातार 33 साल से पूरे जोश और जज्बे से देश की सेवा कर रही है।जी हां रेखा से जिन्होंने 1986 में आर्म्ड फोर्स सीआईएसफ में बतौर सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हुई।जिनके लिए पहले देश फिर परिवार। जो बेमिसाल सोच के साथ कर रही हैं कमाल।



Body:आपको बता दें कि सीआरपीएफ पहला बल है जिसमें 1986 में पूरी तरह से पहली बार महिला बटालियन का गठन किया गया था और रेखा इसी बटालियन की सदस्य उन्होंने देश के कई हिस्सों में जाकर अपने देश के प्रति त्याग भावना दिखाते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह किया रेखा एक मा भी है लेकिन उन्होंने अपनी भारत मां के लिए अपने परिवार को भी पीछे रखा उनका कहना है कि सबसे पहले देश है उसके बाद परिवार रेखा 33 वर्षों से देश की सेवा कर रही है वह देश के विभिन्न आतंक प्रभावित इलाकों में बिना डरे देश की सेवा में काम कर चुकी है और विदेशी आतंक प्रभावित इलाकों में बिना डरे देश की सेवा में काम कर चुकी है और दूसरे देशों में भी जाकर इन्होंने हिंदुस्तान का गौरव बढ़ाया है ।

बाइट:- रेखा ,एसआई , सीआरपीएफ

रजनीश दीक्षित
कानपुर ।


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