अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ में मुस्लिम कयादत करने वाली पार्टियों का फ्रंट तैयार हो रहा हैं. छात्रसंघ के बुलावे पर 15 मुस्लिम पार्टियों की बैठक छात्रसंघ भवन में हुई . इस दौरान कि कांग्रेस, सपा, बसपा पर मुस्लिमों को दरकिनार करने का आरोप लगा .वही मुसलमानों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करने की बात भी कही गई. इसलिए मुस्लिम कयादत करने वाली पार्टियों का फ्रंट तैयार किया जा रहा है. जो 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ेंगी.
12 फरवरी को सभी मुस्लिम पार्टियों की बैठक एएमयू छात्र संघ में फिर बुलाई गई है. जिसमें मेनिफेस्टो और चुनाव लड़ने की तैयारियों पर चर्चा होगी . छात्र संघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने बताया कि मुस्लिम कयादत करने वाली पार्टियों को बुलाया था. जितनी भी मुस्लिम पार्टी है वो सभी लोकसभा चुनाव में भाग लेंगी. उन्होंने कहा कि हम अपने मुस्लिम फ्रेंट से जवाब देंगे. जिन मुस्लिम पार्टी को दरकिनार किया जा रहा है. हम उनको साथ में लेंगे.
छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा कि मुसलमानों की अलग आईडियालॉजी है. जिसे अन्य पार्टियां साथ में नहीं ले रही है. 15 पार्टियों में वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया, भारतीय मजलिस, मुस्लिम मजलिस, इंडियन रीजनल पार्टी, परचम पार्टी, उलेमा काउंसिल, अमन पार्टी, पीस पार्टी , लोकतांत्रिक पार्टी, नेशनल लीग, रविता काउंसिल शामिल है. हालांकि फ्रंट का नाम अगली बैठक में तय होगा.
एएमयू छात्र संघ के उपाध्यक्ष हमजा सूफियान ने कहा कि मुसलमानों को कहीं जगह नहीं दी गई है. मुसलमानों की समस्याओं को नेशनल पार्टी मेनिफेस्टो में नहीं शामिल करती है. केवल मुस्लिम वोट इस्तेमाल किया जाता है. उनकी यही सोच है कि बीजेपी को हराने के लिए मजबूर होकर मुसलमान वोट डालेगा.
हमजा ने कहा कि मुस्लिम कयादत वाली सभी पार्टियों को एकत्र कर तैयार किया जा रहा है. एएमयू के जरिए मुस्लिम फ्रंट तैयार होगा और मजबूती के साथ संसद में नुमाइंदे भेजेंगे. हमजा ने कहा कि मुस्लिम कयादत के लिए सपा बसपा ने सीट नहीं छोड़ी है. मुसलमानों की हालत बद से बदतर हो रही है. मुस्लिमों को साइडलाइन किया जा रहा है. इसलिए मुस्लिम पार्टियों का एलाइंस बना रहे हैं. पीस पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मन्नान ने कहा कि मुस्लिम पार्टियों का गठबंधन बनाएंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराना हमारा मकसद है. लेकिन सत्ता में भी हमें भागीदारी चाहिए. उन्होंने कहा की फूलपुर, गोरखपुर, कैराना में समर्थन से चुनाव जिताया था.
उन्होंने कहा हम समर्थन के लिए नहीं बने हैं. गठबंधन के लिए बने हैं. डॉक्टर मन्नान ने कहा कि बीजेपी का भय दिखाकर मुसलमानों का वोट लिया जाता रहा है. लेकिन मुसलमानों के मसाईल हल नहीं किए गए. इंडियन नेशनल लीग के मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि यूपी में 21 फीसदी वोट मुसलमानों का है और इसी वोट को एकजुट कर हम सरकार में भागीदारी पा सकते हैं इन्होंने कहा इस बार चुनाव में अप्रत्याशित परिणाम आएंगे.
राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के मतीउर रब ने कहा कि मुसलमानों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है. मायावती और अखिलेश को मुस्लिम वोट का फायदा दिलाया. लेकिन अब यह आपस में गठबंधन कर हमें किनारे कर दिया है. वहीं कांग्रेस ने भी केवल मुस्लिम वोट बैंक का फायदा उठाया है . उन्होंने कहा अब हम मुसलमानों का फ्रंट बनाएंगे और अपनी हिस्सेदारी लेंगे. हालांकि मुस्लिम फ्रेंट पहले भी बने. लेकिन सफल नहीं हुए . मतिउर रब ने कहा कि हमारी कोशिश मुद्दों पर होगी . अभी तक मुद्दे नहीं थे. इसलिए सफलता नहीं मिली. उन्होंने कहा 70 साल में किसी भी पार्टी ने मुसलमानों को आगे नहीं बढ़ाया . हर पार्टी ने मुसलमानों को पीछे छोड़ा . इसलिए मुस्लिम कयादत खड़ा कर रहे हैं और सियासत में हिस्सेदारी लेंगे .
मुस्लिम मजलिस के वशी अहमद ने कहा कि सेकुलर पार्टी 70 साल से खौफ के नाम पर मुसलमानों का वोट लेते रहे हैं . अब इस भ्रम को तोड़ना चाहते हैं . बीजेपी के डर से किसी को वोट नहीं देंगे . मुसलमानों के अपने मसाईल हैं. सभी पार्टी मुस्लिम मुद्दों से बचने का काम कर रही है और सियासी तौर पर मुसलमानों को अछूत बनाया जा रहा है.