वाराणसीः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (Kashi Hindu University) ने हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के लिए कड़े फैसले लिए हैं. उनसे विश्वविद्यालय के अटेंडेंस के नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है. अगर ऐसा नहीं होता है तो उनसे हॉस्टल छीना जा सकता है. कहा गया है कि अब छात्र-छात्राओं को क्लासेज में 70 प्रतिशत अटेंडेंस हर हाल में बरकरार रखनी होगी. इसके लिए उन्हें खुद इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी. इसके साथ ही डायरेक्टर, डीन व विभागाध्यक्षों को भी निगरानी करनी होगी.
सख्ती की ये है वजह: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में बहुत से छात्र और छात्राएं ऐसे होते हैं जो क्लासेज अटेंड तो करते हैं, लेकिन वे या तो अपनी 70 प्रतिशत उपस्थिति बरकरार नहीं रख पाते हैं या फिर उन्हें पता ही नहीं होता है कि वे कितने दिन तक क्लास गए हैं और उनकी उपस्थिति 70 तक हुई है या नहीं. ऐसे में जब उपस्थिति कम होती है तो परीक्षा छूट जाती है. विश्वविद्यालय ने ऐसे छात्रों के लिए हॉस्टल खाली कराने के नियम भी बनाए हैं.
खाली कराया जा सकता है कमराः हाल ही में विश्वविद्यालय के एकेडमिक काउंसिल की बैठक हुई थी. इसमें यह सहमति बनी कि बीएचयू के हॉस्टल्स में रहने वाले छात्रों की क्लास अटेंडेंस 70 प्रतिशत से कम हुई तो उनसे कमरा खाली कराया जा सकता है. साथ ही उस कमरे को अन्य छात्र को अलॉट कर दिया जाएगा. एजेंडे की कॉपी में बताया गया है कि विभागों और संकायों को हर समय छात्रों को उनका अटेंडेंस डिस्प्ले करना चाहिए. इस प्रक्रिया का रोजाना पालन किया जाए.
ये भी पढ़ें: BHU में डॉक्टरी की फीस अब 3.5 लाख से 4.25 लाख तक, MBA और MCA की फीस भी बढ़ी, जानिए
'विद्यार्थी खुद बनें जिम्मेदार: बैठक के एजेंडे में कहा गया है कि छात्रों से उम्मीद की जाती है कि वे अपने अध्ययन और अटेंडेंस के लिए खुद जिम्मेदार बनें. अटेंडेंस के डिस्प्ले किए जाने के इंतजार में न रहें. डायरेक्टर, डीन और विभागाध्यक्षों को भी निगरानी का निर्देश दिया गया है कि जिन विद्यार्थियों का अटेंडेंस कम है उन्हें एडवांस में सूचित करें. कई बार ऐसा देखा जाता है कि विद्यार्थियों को परीक्षा के समय अटेंडेंस पता चलता है. ऐसे में परीक्षा छूट जाती है और प्रदर्शन होते हैं.
ये भी पढ़ेंः हाथ में हथौड़ा लेकर अपने पिता की दुकान तोड़ने पहुंची शिक्षा मंत्री गुलाब देवी, अतिक्रमण की जद में आने पर उठाया कदम