लखनऊ: विधानसभा सत्र के चौथे दिन यानी शुकवार को दोनों सदनों में आरक्षण का मुद्दा उठा. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार में पिछड़ों और दलितों के खिलाफ साजिश रची जा रही है.
सदन में उठे आरक्षण के मुद्दे को लेकर सपा और बसपा ने योगी सरकार पर जमकर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि यह सरकार रोस्टर प्रणाली लागू करने के बहाने आरक्षण समाप्त करने की दिशा में काम कर रही है. हालांकि सत्ता पक्ष ने आरक्षण में गड़बड़ी होने की स्थिति में पड़ताल कर व्यवस्था को दुरुस्त कराने का आश्वासन दिया है. आरक्षण के मुद्दे पर दोनों दलों ने सदन से वॉकआउट भी किया.
समाजवादी पार्टी के नेता अहमद हसन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का आरक्षण के मुद्दे उसकी नीति और नियत दोनों खराब है. बीजेपी देश को गुमराह कर रही है. पिछड़े और दलितों के साथ गरीबों को आरक्षण से महरूम करने की बीजेपी सरकार की साजिश है. भारतीय जनता पार्टी देश में नफरत फैलाना चाह रही है. जात पात के नाम पर लोगों को बांट रही है.
अहमद हसन ने कहा कि भाजपा सपा बसपा गठबंधन से घबरा गई है. इसलिए भाजपा और उसकी सरकारें आजकल ऐसी बातें और फैसले कर रही है जिससे देश के अंदर भ्रम फैले. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की मांग है कि देश में जाति के आधार पर गणना कर ली जाए. इससे कौन कितनी संख्या में है यह स्पष्ट हो जाएगा. जो जितनी संख्या में हो उसे उस हिसाब से हक मिलना चाहिए. इससे बड़ा और इंसाफ क्या हो सकता है.
उन्होंने कहा कि आज हम लोगों ने इस मुद्दे पर सदन में सवाल उठाया सरकार के खिलाफ वाकआउट किया क्योंकि यह सरकार आरक्षण विरोधी सरकार है. उन्होंने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार में जितना देश और प्रदेश संकट में रहा है उतना कभी नहीं रहा. देश के सामने संकट काल की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इसलिए प्रजातंत्र को बचाने के लिए देश की संविधान और जनता के हित की रक्षा के लिए जनता की मांग पर सपा बसपा का गठबंधन हुआ है.
विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि इस सरकार के आने के बाद आरक्षण पर संकट मंडरा रहा है. रोस्टर के माध्यम से आरक्षण लागू करने का काम जिस प्रकार से किया गया उसे सदन में उठाया गया. उसके तहत पहला, दूसरा, तीसरा और चौथा पद कोई रिजर्व नहीं होगा. अगर चौथा पद होगा तो ओबीसी के लिए होगा. पांचवा और छठा पद फिर रिजर्व नहीं होगा. सातवां पद होगा तो एससी का होगा और फिर 14वां पद एसटी का होगा. आरक्षण को इस प्रकार से समाप्त करने की दिशा में कदम उठाया गया था. इस मामले को सदन में उठाया गया है.
इसके साथ-साथ उत्तर प्रदेश में पांच नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं. उसमें से अयोध्या, बस्ती, शाहजहांपुर, बहराइच और फिरोजाबाद शामिल है. इन मेडिकल कॉलेजों में 360 पदों को विज्ञापित किया गया. सभी पद चिकित्सा शिक्षकों का है. जिसमें 105 पद प्रोफेसर, 140 पद एसोसिएट प्रोफेसर और 115 पद असिस्टेंट प्रोफेसर है. इसमे पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए एक भी पद आरक्षित नहीं किया गया.
इस मुद्दे को भी हम लोगों ने आज सदन में उठाने का काम किया. सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने जवाब दिया कि इन पदों पर 4 फरवरी से साक्षात्कार चल रहा है. इसको रोका जाता है और रोकने का आदेश देते हैं. साथ ही साथ नया संशोधित विज्ञापन निकालकर आरक्षण के नियमों के अनुसार पूरा आरक्षण देते हुए नियुक्ति देने का काम किया जाएगा. सरकार की तरफ से उन्हें आश्वासन मिला.