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नवंबर में 14.23 फीसदी हुई थोक महंगाई दर, 12 साल में सबसे ज्यादा महंगाई

महंगाई से त्रस्त आम लोगों को अभी राहत नहीं मिली है. खुदरा महंगाई दर के बाद अब थोक मूल्य आधारित महंगाई दर ( WPI based Inflation) में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक, होलसेल महंगाई दर का यह आंकड़ा 12 सालों के उच्चतम स्तर पर है.

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Published : Dec 14, 2021, 3:03 PM IST

Updated : Dec 14, 2021, 9:06 PM IST

हैदराबाद : नवंबर महीने के लिये थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर ( WPI based Inflation) 14.23 फीसदी रही है, जो 12 सालों के उच्चतम स्तर पर है. यह अक्टूबर में 12.54 प्रतिशत थी, मंगलवार को वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला कि इस साल अप्रैल से ही थोक मूल्य सूचकांक में मुद्रास्फीति की दर दहाई अंक में बनी हुई है. पिछले आठ महीने से महंगाई लगातार बढ़ रही है. बता दें कि सोमवार को खुदरा बाजार में महंगाई दर की रिपोर्ट जारी हुई थी. नवंबर में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल महंगाई 4.91 प्रतिशत हो गई है.

होलसेल प्राइस इंडेक्स या थोक मूल्य सूचकांक का मतलब उन कीमतों से होता है, जिस पर थोक बाजार में कारोबारी खरीद-बिक्री करते हैं. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मुख्य रूप से खनिज तेलों, बुनियादी धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, रसायन उत्पादों और खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के कारण मुद्रास्फीति की उच्च दर बनी हुई है.

थोक कीमतों पर आधारित WPI Inflation नवंबर में एक साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने का बड़ा कारण खाने-पीने की चीजों के दाम की कीमतों में बढ़ोतरी है. पिछले महीने सब्जियों की कीमतों में वृद्धि के कारण प्राथमिक खाद्य पदार्थों में एक स्पष्ट उछाल आया है. इसके अलावा अंडे और मांस की कीमतें भी बढ़ गईं हैं. इस दौरान खाने-पीने के सामानों की थोक महंगाई दर 3.06 फीसदी से बढ़कर 6.70 फीसदी हो गई है. मैन्युफैक्चरिंग आईटम्स की महंगाई दर बढ़कर 11.92 फीसदी पर जा पहुंची है. ईंधन की महंगाई दर 39.81 फीसदी पर जा पहुंची है. नवंबर में खाने के तेल की थोक महंगाई दर अक्टूबर के 32.57 फीसद से घटकर 23.16 फीसदी पर आ गई है.

पढ़ेंः अदार पूनावाला का एलान, अगले 6 महीनों में लॉन्च होगी 3 साल तक के बच्चों के लिए वैक्सीन

हैदराबाद : नवंबर महीने के लिये थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर ( WPI based Inflation) 14.23 फीसदी रही है, जो 12 सालों के उच्चतम स्तर पर है. यह अक्टूबर में 12.54 प्रतिशत थी, मंगलवार को वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला कि इस साल अप्रैल से ही थोक मूल्य सूचकांक में मुद्रास्फीति की दर दहाई अंक में बनी हुई है. पिछले आठ महीने से महंगाई लगातार बढ़ रही है. बता दें कि सोमवार को खुदरा बाजार में महंगाई दर की रिपोर्ट जारी हुई थी. नवंबर में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल महंगाई 4.91 प्रतिशत हो गई है.

होलसेल प्राइस इंडेक्स या थोक मूल्य सूचकांक का मतलब उन कीमतों से होता है, जिस पर थोक बाजार में कारोबारी खरीद-बिक्री करते हैं. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मुख्य रूप से खनिज तेलों, बुनियादी धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, रसायन उत्पादों और खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के कारण मुद्रास्फीति की उच्च दर बनी हुई है.

थोक कीमतों पर आधारित WPI Inflation नवंबर में एक साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने का बड़ा कारण खाने-पीने की चीजों के दाम की कीमतों में बढ़ोतरी है. पिछले महीने सब्जियों की कीमतों में वृद्धि के कारण प्राथमिक खाद्य पदार्थों में एक स्पष्ट उछाल आया है. इसके अलावा अंडे और मांस की कीमतें भी बढ़ गईं हैं. इस दौरान खाने-पीने के सामानों की थोक महंगाई दर 3.06 फीसदी से बढ़कर 6.70 फीसदी हो गई है. मैन्युफैक्चरिंग आईटम्स की महंगाई दर बढ़कर 11.92 फीसदी पर जा पहुंची है. ईंधन की महंगाई दर 39.81 फीसदी पर जा पहुंची है. नवंबर में खाने के तेल की थोक महंगाई दर अक्टूबर के 32.57 फीसद से घटकर 23.16 फीसदी पर आ गई है.

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Last Updated : Dec 14, 2021, 9:06 PM IST
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