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संसद का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित : लोकसभा में 97, राज्यसभा में 102 प्रतिशत कामकाज

संसद का शीतकालीन सत्र अपने निर्धारित समय से छह दिन पहले शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया (Parliament Adjourned). लोकसभा में 97, राज्यसभा में 102 प्रतिशत कामकाज हुआ.

Winter session 2022 Parliament adjourned
संसद का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
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Published : Dec 23, 2022, 4:29 PM IST

नई दिल्ली : चीन के साथ सीमा पर तनाव के मुद्दे पर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग के बीच संसद का शीतकालीन सत्र अपने निर्धारित समय से छह दिन पहले शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया और इस दौरान लोकसभा में 97 प्रतिशत तथा राज्यसभा में 102 प्रतिशत कामकाज हुआ (Parliament Adjourned).

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निचले सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि 17वीं लोकसभा का 10वां सत्र समाप्त हो रहा है जिसकी शुरुआत 7 दिसंबर को हुई थी. उन्होंने बताया, 'इस सत्र के दौरान 13 बैठकें हुईं, जिनमें 68 घंटे 42 मिनट कामकाज हुआ. इस सत्र की कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही.'

उन्होंने बताया कि सत्र में नव निर्वाचित सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने शपथ ली. राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने अपने पारंपरिक संबोधन में बताया कि इस दौरान 63 घंटे 20 मिनट का कामकाज निर्धारित था जबकि 64 घंटे 50 मिनट अर्थात करीब 102 प्रतिशत कामकाज हुआ.

सत्र के दौरान धनखड़ ने बतौर सभापति पहली बार सदन की कार्यवाही का संचालन किया. सदन में अपने पहले संबोधन में धनखड़ ने राष्ट्रीय न्यायिक जवाबदेही आयोग (एनजेएसी) संबंधी अधिनयम और कानून बनाने में संसद की संप्रभुता को लेकर टिप्पणी की थी.

धनखड़ ने गुरुवार को उच्च सदन में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के एक बयान को लेकर वक्तव्य दिया था जिसका नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस सदस्य प्रमोद तिवारी ने शुक्रवार को विरोध करते हुए उसे सदन की कार्यवाही से निकालने की मांग की. किंतु सभापति ने कहा कि उनका वक्तव्य आसन की निष्पक्षता से जुड़ा था.

शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में 2022-23 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों को भी मंजूरी दी गई. सत्र के दौरान वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय माध्यस्थम (संशोधन) विधेयक, समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक तथा विभिन्न राज्यों की कुछ जातियों को अनसूचित जनजाति की श्रेणी में डालने के कई विधेयकों को पारित किया गया.

सत्र के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कोविड महामारी के संबंध में दोनों सदनों में बयान दिए.

चीन सीमा पर तनाव के मुद्दे को लेकर कांग्रेस सहित कई विपक्षी सदस्यों ने दोनों सदनों में चर्चा की मांग कराने को लेकर हंगामा किया और कई बार वॉकआउट भी किया. सत्र की शुरुआत सात दिसंबर को हुई थी और इसे 29 दिसंबर तक चलना था. किंतु इसे छह दिन पहले, आज ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.

पढ़ें- समय से पहले ही स्थगित हो गई लोकसभा, स्पीकर बोले- सहमति से हुआ फैसला

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : चीन के साथ सीमा पर तनाव के मुद्दे पर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग के बीच संसद का शीतकालीन सत्र अपने निर्धारित समय से छह दिन पहले शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया और इस दौरान लोकसभा में 97 प्रतिशत तथा राज्यसभा में 102 प्रतिशत कामकाज हुआ (Parliament Adjourned).

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निचले सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि 17वीं लोकसभा का 10वां सत्र समाप्त हो रहा है जिसकी शुरुआत 7 दिसंबर को हुई थी. उन्होंने बताया, 'इस सत्र के दौरान 13 बैठकें हुईं, जिनमें 68 घंटे 42 मिनट कामकाज हुआ. इस सत्र की कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही.'

उन्होंने बताया कि सत्र में नव निर्वाचित सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने शपथ ली. राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने अपने पारंपरिक संबोधन में बताया कि इस दौरान 63 घंटे 20 मिनट का कामकाज निर्धारित था जबकि 64 घंटे 50 मिनट अर्थात करीब 102 प्रतिशत कामकाज हुआ.

सत्र के दौरान धनखड़ ने बतौर सभापति पहली बार सदन की कार्यवाही का संचालन किया. सदन में अपने पहले संबोधन में धनखड़ ने राष्ट्रीय न्यायिक जवाबदेही आयोग (एनजेएसी) संबंधी अधिनयम और कानून बनाने में संसद की संप्रभुता को लेकर टिप्पणी की थी.

धनखड़ ने गुरुवार को उच्च सदन में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के एक बयान को लेकर वक्तव्य दिया था जिसका नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस सदस्य प्रमोद तिवारी ने शुक्रवार को विरोध करते हुए उसे सदन की कार्यवाही से निकालने की मांग की. किंतु सभापति ने कहा कि उनका वक्तव्य आसन की निष्पक्षता से जुड़ा था.

शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में 2022-23 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों को भी मंजूरी दी गई. सत्र के दौरान वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय माध्यस्थम (संशोधन) विधेयक, समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक तथा विभिन्न राज्यों की कुछ जातियों को अनसूचित जनजाति की श्रेणी में डालने के कई विधेयकों को पारित किया गया.

सत्र के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कोविड महामारी के संबंध में दोनों सदनों में बयान दिए.

चीन सीमा पर तनाव के मुद्दे को लेकर कांग्रेस सहित कई विपक्षी सदस्यों ने दोनों सदनों में चर्चा की मांग कराने को लेकर हंगामा किया और कई बार वॉकआउट भी किया. सत्र की शुरुआत सात दिसंबर को हुई थी और इसे 29 दिसंबर तक चलना था. किंतु इसे छह दिन पहले, आज ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.

पढ़ें- समय से पहले ही स्थगित हो गई लोकसभा, स्पीकर बोले- सहमति से हुआ फैसला

(पीटीआई-भाषा)

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