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असम : अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई हिंसा में दो की मौत, न्यायिक जांच की घोषणा

असम के दारांग जिले में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के दौरान हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई. इस दौरान 10 लोग घायल भी हुए हैं. सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सरकार जमीनों से अतिक्रमित हटाने के लिए प्रतिबद्ध है.

असम के दारांग जिले में हिंसा
असम के दारांग जिले में हिंसा
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Published : Sep 23, 2021, 7:40 PM IST

Updated : Sep 23, 2021, 11:44 PM IST

गुवाहाटी : असम के दारांग जिले में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई जबकि 10 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. बुधवार को ढालपुर इलाके में स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों की एक टीम अवैध कब्जा हटवाने गई थी, इसी दौरान सैकड़ों लोगों ने विरोध जताया. सुरक्षा बलों को पहले आंसू गैस के गोले दागने पड़े और बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी.

राज्य सरकार ने जनता के बढ़ते गुस्से के बीच घटना की परिस्थितियों की न्यायिक जांच की घोषणा की. गृह एवं राजनीतिक विभाग के सचिव देवप्रसाद मिश्रा की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि सरकार ने फैसला किया है कि जांच गुवाहाटी उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाएगी.

मामले पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि, सरकार जमीनों से अतिक्रमित हटाने के लिए प्रतिबद्ध है. पुलिस को जिम्मेदारी दी गई थी और वे केवल अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. सरमा ने ढालपुर में हुई गोलीबारी की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सभी अतिक्रमित भूमि के खिलाफ बेदखली अभियान जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि 'मेरे पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार सुरक्षाकर्मियों पर छुरे आदि हथियारों से भी हमला किया गया.'

उधर, जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि करीब 77,420 बीघा सरकारी जमीन पर पिछले दो दशक से अधिक समय से अवैध कब्जा है. अधिकारियों के मुताबिक पुलिस और स्थानीय सिविल एडमिनिस्ट्रेशन जैसे ही ढालपुर नंबर 1 और ढालपुर नंबर 2 क्षेत्रों में पहुंचे, स्थानीय लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटवाने गई टीम को बेदखली अभियान को आगे बढ़ाने से रोका गया. सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग इलाके में जमा हो गए और असम सरकार और असम पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.

नोटिस के बावजूद जमीन खाली नहीं की

दारांग जिला प्रशासन ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को पहले बेदखली का नोटिस दिया गया था. स्थानीय लोगों से क्षेत्र खाली करने की अपील की गई थी, लेकिन, स्थिति तब और खराब हो गई जब कुछ स्थानीय लोगों ने इलाके को बेदखल कराने गई टीम पर पथराव किया.

प्रशासन के मुताबिक लोगों के उग्र होने के कारण सुरक्षा बलों को पहले आंसू गैस के गोले दागने पड़े और बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी.

जानकारी के मुताबिक जब कुछ स्थानीय लोगों ने पुलिस टीम पर बांस-बल्ली और छुरे जैसे घातक हथियारों से हमला किया, तो पुलिस ने फायरिंग का सहारा लिया. इस फायरिंग के दौरान प्रदर्शन कर रहे दो नागरिकों की मौत हो गई.

पुलिस ने बताया है कि सुरक्षाबलों के कम से कम 10 जवानों को भी चोटें आईं हैं. कुछ की चोटें गंभीर हैं. पुलिस ने कहा कि गंभीर रूप से घायल कुछ सुरक्षाकर्मियों को बेहतर इलाज के लिए गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.

उल्लेखनीय है कि दारांग जिले के सिपाझार राजस्व अंचल के अंतर्गत 77,420 बीघा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा है. भाजपा के नेतृत्व वाली असम सरकार ने इस साल जून में बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान शुरू किया था. लगभग 8000 बीघा जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया था.

20 सितंबर को शुरू किया था अभियान

इस साल 20 सितंबर को सरकार ने ढालपुर इलाके में एक और बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान शुरू किया और लगभग 450 बीघा जमीन को खाली कराया. इस कार्रवाई के बाद 750 परिवारों को बेदखल किया गया. इन परिवारों में अधिकांश धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. सरकारी अनुमान के मुताबिक गुरुवार के बेदखली अभियान में करीब 500 परिवारों को बेदखल किया जाना था.

यह भी पढ़ें- त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा : भाजपा कार्यकर्ताओं पर तोड़फोड़ व आगजनी के आरोप

गुवाहाटी : असम के दारांग जिले में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई जबकि 10 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. बुधवार को ढालपुर इलाके में स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों की एक टीम अवैध कब्जा हटवाने गई थी, इसी दौरान सैकड़ों लोगों ने विरोध जताया. सुरक्षा बलों को पहले आंसू गैस के गोले दागने पड़े और बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी.

राज्य सरकार ने जनता के बढ़ते गुस्से के बीच घटना की परिस्थितियों की न्यायिक जांच की घोषणा की. गृह एवं राजनीतिक विभाग के सचिव देवप्रसाद मिश्रा की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि सरकार ने फैसला किया है कि जांच गुवाहाटी उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाएगी.

मामले पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि, सरकार जमीनों से अतिक्रमित हटाने के लिए प्रतिबद्ध है. पुलिस को जिम्मेदारी दी गई थी और वे केवल अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. सरमा ने ढालपुर में हुई गोलीबारी की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सभी अतिक्रमित भूमि के खिलाफ बेदखली अभियान जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि 'मेरे पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार सुरक्षाकर्मियों पर छुरे आदि हथियारों से भी हमला किया गया.'

उधर, जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि करीब 77,420 बीघा सरकारी जमीन पर पिछले दो दशक से अधिक समय से अवैध कब्जा है. अधिकारियों के मुताबिक पुलिस और स्थानीय सिविल एडमिनिस्ट्रेशन जैसे ही ढालपुर नंबर 1 और ढालपुर नंबर 2 क्षेत्रों में पहुंचे, स्थानीय लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटवाने गई टीम को बेदखली अभियान को आगे बढ़ाने से रोका गया. सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग इलाके में जमा हो गए और असम सरकार और असम पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.

नोटिस के बावजूद जमीन खाली नहीं की

दारांग जिला प्रशासन ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को पहले बेदखली का नोटिस दिया गया था. स्थानीय लोगों से क्षेत्र खाली करने की अपील की गई थी, लेकिन, स्थिति तब और खराब हो गई जब कुछ स्थानीय लोगों ने इलाके को बेदखल कराने गई टीम पर पथराव किया.

प्रशासन के मुताबिक लोगों के उग्र होने के कारण सुरक्षा बलों को पहले आंसू गैस के गोले दागने पड़े और बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी.

जानकारी के मुताबिक जब कुछ स्थानीय लोगों ने पुलिस टीम पर बांस-बल्ली और छुरे जैसे घातक हथियारों से हमला किया, तो पुलिस ने फायरिंग का सहारा लिया. इस फायरिंग के दौरान प्रदर्शन कर रहे दो नागरिकों की मौत हो गई.

पुलिस ने बताया है कि सुरक्षाबलों के कम से कम 10 जवानों को भी चोटें आईं हैं. कुछ की चोटें गंभीर हैं. पुलिस ने कहा कि गंभीर रूप से घायल कुछ सुरक्षाकर्मियों को बेहतर इलाज के लिए गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.

उल्लेखनीय है कि दारांग जिले के सिपाझार राजस्व अंचल के अंतर्गत 77,420 बीघा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा है. भाजपा के नेतृत्व वाली असम सरकार ने इस साल जून में बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान शुरू किया था. लगभग 8000 बीघा जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया था.

20 सितंबर को शुरू किया था अभियान

इस साल 20 सितंबर को सरकार ने ढालपुर इलाके में एक और बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान शुरू किया और लगभग 450 बीघा जमीन को खाली कराया. इस कार्रवाई के बाद 750 परिवारों को बेदखल किया गया. इन परिवारों में अधिकांश धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. सरकारी अनुमान के मुताबिक गुरुवार के बेदखली अभियान में करीब 500 परिवारों को बेदखल किया जाना था.

यह भी पढ़ें- त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा : भाजपा कार्यकर्ताओं पर तोड़फोड़ व आगजनी के आरोप

Last Updated : Sep 23, 2021, 11:44 PM IST
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