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जानिए कहां डॉलर से हुआ माता वरदायिनी का श्रृंगार

हर मंदिर का अपना रिवाज होता है. ऐसे ही एक गुजरात (Gujarat) के मंदिर में वरदायिनी माता का घी से अभिषेक करने के रिवाज है. यहां हर साल अक्टूबर महीने में पल्ली महोत्सव मनाया जाता है. वरदायिनी माता के पल्ली स्वरूप के दर्शन के लिए हर साल यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं.

माता वरदायिनी
माता वरदायिनी
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Published : Feb 17, 2022, 12:45 PM IST

Updated : Feb 17, 2022, 1:39 PM IST

गांधीनगर: गुजरात (Gujarat) के गांधीनगर में स्थित वरदायिनी मंदिर (Vardayini Mata Temple) इन दिनों सुर्खियों में है. इस मंदिर में नवरात्र (Navratri) के दिनों में काफी चहल-पहल रहती है. साल के दोनों नवरात्रों में यहां की छटा देखते ही बनती है. गांधीनगर के रूपल गांव में स्थित वरदायिनी माता मंदिर (Vardayini Mata Temple) में इन दिनों डॉलर ही डॉलर नजर आ रहा है. बता दें, अमेरिका में रहने वाले एक श्रद्धालु ने बुधवार को मंदिर में 11,500 डॉलर का दान किया. इसके बाद से यहां खुशी का माहौल है. जानकारी के मुताबिक दान मिलने के बाद मंदिर के ट्रस्टियों और कार्यवाहकों ने वरदायिनी माता को डॉलर से सजाया.

नवरात्र के दिनों में विशेषकर 9वें दिन इस गांव के सभी लोग यहां आयोजन करते हैं और इस मौके पर पूरा गांव भक्ति में डूबा रहता है. माघी पूर्णिमा के दिन माता को आभूषणों से अलंकृत किया गया. इसके साथ-साथ अमेरिकी भक्त द्वारा भेजे गए करीब 1,500 डॉलर से माता की मूर्ति को सजाया गया. बता दें, भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत करीब 1,12,560 लाख रुपये है. दान करने वाले ने अपने नाम को उजागर नहीं किया है. इस मंदिर में आने वाले दान का 50 प्रतिशत विकास कार्यों में खर्च किया जाता है.

इस मंदिर का अपना रिवाज है

हर मंदिर का अपना रिवाज होता है. ऐसे ही एक गुजरात ( Gujarat ) के मंदिर में वरदायिनी माता का घी से अभिषेक करने के रिवाज है. यहां हर साल अक्टूबर महीने में पल्ली महोत्सव मनाया जाता है. वरदायिनी माता के पल्ली स्वरूप के दर्शन के लिए हर साल यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. मान्यता है कि रूपाल गांव में देवी मां का घी से अभिषेक करने की परंपरा महाभारत काल से चली आ रही है. यहां लोग अपनी मनोकामना पूरी होने की मान्यता मांगने आते हैं. इस परंपरा से महाभारत काल की एक कथा प्रचलित है.

यह है मान्यता

ऐसी मान्यता है कि घी से वरदायिनी देवी का अभिषेक करने से कृपा बरसती है. हर साल नवरात्रि के मौके पर पल्ली समारोह का आयोजन होता है. नवरात्रि के अवसर पर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगती है. नवरात्र की नवमी को यहां लकड़ी से बने एक रथ को पूरे गांव में घुमाया जाता है. इस रथ पर बने सांचे में पांच स्थानों पर अखंड ज्योति स्थापित की जाती है. बता दें कि इस मंदिर में आने वाले भक्तों की जितनी श्रद्धा होती है वो उतना ही घी वरदायिनी माता को चढ़ाते हैं.

गांधीनगर: गुजरात (Gujarat) के गांधीनगर में स्थित वरदायिनी मंदिर (Vardayini Mata Temple) इन दिनों सुर्खियों में है. इस मंदिर में नवरात्र (Navratri) के दिनों में काफी चहल-पहल रहती है. साल के दोनों नवरात्रों में यहां की छटा देखते ही बनती है. गांधीनगर के रूपल गांव में स्थित वरदायिनी माता मंदिर (Vardayini Mata Temple) में इन दिनों डॉलर ही डॉलर नजर आ रहा है. बता दें, अमेरिका में रहने वाले एक श्रद्धालु ने बुधवार को मंदिर में 11,500 डॉलर का दान किया. इसके बाद से यहां खुशी का माहौल है. जानकारी के मुताबिक दान मिलने के बाद मंदिर के ट्रस्टियों और कार्यवाहकों ने वरदायिनी माता को डॉलर से सजाया.

नवरात्र के दिनों में विशेषकर 9वें दिन इस गांव के सभी लोग यहां आयोजन करते हैं और इस मौके पर पूरा गांव भक्ति में डूबा रहता है. माघी पूर्णिमा के दिन माता को आभूषणों से अलंकृत किया गया. इसके साथ-साथ अमेरिकी भक्त द्वारा भेजे गए करीब 1,500 डॉलर से माता की मूर्ति को सजाया गया. बता दें, भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत करीब 1,12,560 लाख रुपये है. दान करने वाले ने अपने नाम को उजागर नहीं किया है. इस मंदिर में आने वाले दान का 50 प्रतिशत विकास कार्यों में खर्च किया जाता है.

इस मंदिर का अपना रिवाज है

हर मंदिर का अपना रिवाज होता है. ऐसे ही एक गुजरात ( Gujarat ) के मंदिर में वरदायिनी माता का घी से अभिषेक करने के रिवाज है. यहां हर साल अक्टूबर महीने में पल्ली महोत्सव मनाया जाता है. वरदायिनी माता के पल्ली स्वरूप के दर्शन के लिए हर साल यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. मान्यता है कि रूपाल गांव में देवी मां का घी से अभिषेक करने की परंपरा महाभारत काल से चली आ रही है. यहां लोग अपनी मनोकामना पूरी होने की मान्यता मांगने आते हैं. इस परंपरा से महाभारत काल की एक कथा प्रचलित है.

यह है मान्यता

ऐसी मान्यता है कि घी से वरदायिनी देवी का अभिषेक करने से कृपा बरसती है. हर साल नवरात्रि के मौके पर पल्ली समारोह का आयोजन होता है. नवरात्रि के अवसर पर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगती है. नवरात्र की नवमी को यहां लकड़ी से बने एक रथ को पूरे गांव में घुमाया जाता है. इस रथ पर बने सांचे में पांच स्थानों पर अखंड ज्योति स्थापित की जाती है. बता दें कि इस मंदिर में आने वाले भक्तों की जितनी श्रद्धा होती है वो उतना ही घी वरदायिनी माता को चढ़ाते हैं.

Last Updated : Feb 17, 2022, 1:39 PM IST
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