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Gyanvapi Case : एएसआई को ज्ञानवापी सर्वे के लिए चार सप्ताह का समय और मिला, मुस्लिम पक्ष ने किया विरोध

वाराणसी में ज्ञानवापी विवाद (Varanasi Gyanvapi Case) को लेकर जिला कोर्ट (Varanasi District Court) में कई मामले चल रहे हैं. आज जिला जज ने तीन मामलों में सुनवाई की. इसमें पहले एएसआई स्टैंडिंग काउंसिल की तरफ से दिए गए प्रार्थना पत्र पर हुई. इसके बाद दो अन्य मामलों में सुनवाई हुई.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 5, 2023, 4:33 PM IST

एएसआई को ज्ञानवापी सर्वे के लिए चार सप्ताह का समय और मिला

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को चार सप्ताह और बढ़ाए जाने की मांग को लेकर एएसआई स्टैंडिंग काउंसिल की तरफ से बुधवार को दिए गए प्रार्थना पत्र को गुरुवार को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. कोर्ट ने अभी मौखिक रूप से इसे स्वीकार करते हुए एएसआई को चार सप्ताह का और समय सर्वे की कार्यवाही को आगे बढ़ाने के लिए दे दिया है. वहीं, इस पर मुस्लिम पक्ष ने कड़ा विरोध भी दर्ज कराया है. मुस्लिम पक्ष का कहना था कि बार-बार समय मांगना उचित नहीं है. कंडीशन के साथ एक बार इनको समय निर्धारित करके वक्त दिया जाए. वहीं, व्यास जी के तहखाने को डीएम के सुपुर्द किए जाने के मामले पर आज शाम तक फैसला आ सकता है. जबकि, राखी सिंह के मुख्य वार्ड पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 12 अक्टूबर का वक्त निर्धारित किया है.

आज जिला जज न्यायालय अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में तीन मामलों की सुनवाई हुई. इनमें पहला मामला एएसआई स्टैंडिंग काउंसिल की तरफ से दिए गए प्रार्थना पत्र का था. प्रार्थना पत्र 4 सप्ताह सर्वे की कार्यवाही को और बढ़ाए जाने से संबंधित था. पिछले दिनों एएसआई ने 8 सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा था, जिस पर कोर्ट ने उसे चार सप्ताह का ही समय दिया था और 6 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था. आज कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए एएसआई को चार सप्ताह का समय सर्वे की कार्यवाही के लिए दिया है. एएसआई ने कई जगहों पर अभी सर्वे की कार्यवाही न होने, बारिश होने की वजह से सर्वे प्रभावित होने और कई अन्य तथ्य मिलने पर उसके प्रूफ को जांचने के लिए अतिरिक्त समय मांगा है. इस प्रार्थना पत्र पर मुस्लिम पक्ष ने कड़ा विरोध भी जताया है.

हालांकि, यह विरोध लिखित तौर पर नहीं था. मुस्लिम पक्ष का कहना था कि बार-बार समय मांगना उचित नहीं है. कंडीशनल आदेश जारी करते हुए कोर्ट इन्हें यह निर्धारित करते हुए बताएं कि इन्हें कब तक कार्य पूर्ण करना है. बार-बार समय मांग कर चीजों को भ्रमित करना उचित नहीं है. जबकि, कोर्ट ने यह स्पष्ट आदेश भी दिया है कि कार्यवाही के दौरान किसी भी चीज को क्षति नहीं पहुंचनी चाहिए. इसलिए किस कंडीशन के आधार पर यह कार्यवाही आगे बढ़ेगी, इसे कोर्ट को निर्धारित करना अनिवार्य है. फिलहाल, कोर्ट ने मौखिक आदेश दिया है. लिखित आदेश का अभी इंतजार है.

वहीं, कोर्ट ने व्यास जी के तहखाने को डीएम के सुपुर्द किए जाने के संदर्भ में सुनवाई पूरी कर ली है. इस पर शाम तक कोर्ट अपना आदेश दे सकता है. इसके अलावा राखी सिंह की तरफ से वजूखाने की भी एएसआई सर्वे जांच कराए जाने की मांग पर कोर्ट में आज सुनवाई हुई. इस पर मुस्लिम पक्ष ने अपना विरोध जताते हुए आपत्ति दाखिल की है. इसमें कहा गया कि वजूखाने को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बिना जांच के दायरे में नहीं लाया जा सकता है. इस पर अब प्रतिवादी पक्ष के विरोध पर वादी पक्ष अपना काउंटर दाखिल करेगी. कोर्ट में इस मामले में 12 अक्टूबर को सुनवाई की तारीख निर्धारित की गई है.

यह भी पढ़ें: श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी केस में फैसला, जानें कब क्या हुआ

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एएसआई को ज्ञानवापी सर्वे के लिए चार सप्ताह का समय और मिला

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को चार सप्ताह और बढ़ाए जाने की मांग को लेकर एएसआई स्टैंडिंग काउंसिल की तरफ से बुधवार को दिए गए प्रार्थना पत्र को गुरुवार को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. कोर्ट ने अभी मौखिक रूप से इसे स्वीकार करते हुए एएसआई को चार सप्ताह का और समय सर्वे की कार्यवाही को आगे बढ़ाने के लिए दे दिया है. वहीं, इस पर मुस्लिम पक्ष ने कड़ा विरोध भी दर्ज कराया है. मुस्लिम पक्ष का कहना था कि बार-बार समय मांगना उचित नहीं है. कंडीशन के साथ एक बार इनको समय निर्धारित करके वक्त दिया जाए. वहीं, व्यास जी के तहखाने को डीएम के सुपुर्द किए जाने के मामले पर आज शाम तक फैसला आ सकता है. जबकि, राखी सिंह के मुख्य वार्ड पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 12 अक्टूबर का वक्त निर्धारित किया है.

आज जिला जज न्यायालय अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में तीन मामलों की सुनवाई हुई. इनमें पहला मामला एएसआई स्टैंडिंग काउंसिल की तरफ से दिए गए प्रार्थना पत्र का था. प्रार्थना पत्र 4 सप्ताह सर्वे की कार्यवाही को और बढ़ाए जाने से संबंधित था. पिछले दिनों एएसआई ने 8 सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा था, जिस पर कोर्ट ने उसे चार सप्ताह का ही समय दिया था और 6 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था. आज कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए एएसआई को चार सप्ताह का समय सर्वे की कार्यवाही के लिए दिया है. एएसआई ने कई जगहों पर अभी सर्वे की कार्यवाही न होने, बारिश होने की वजह से सर्वे प्रभावित होने और कई अन्य तथ्य मिलने पर उसके प्रूफ को जांचने के लिए अतिरिक्त समय मांगा है. इस प्रार्थना पत्र पर मुस्लिम पक्ष ने कड़ा विरोध भी जताया है.

हालांकि, यह विरोध लिखित तौर पर नहीं था. मुस्लिम पक्ष का कहना था कि बार-बार समय मांगना उचित नहीं है. कंडीशनल आदेश जारी करते हुए कोर्ट इन्हें यह निर्धारित करते हुए बताएं कि इन्हें कब तक कार्य पूर्ण करना है. बार-बार समय मांग कर चीजों को भ्रमित करना उचित नहीं है. जबकि, कोर्ट ने यह स्पष्ट आदेश भी दिया है कि कार्यवाही के दौरान किसी भी चीज को क्षति नहीं पहुंचनी चाहिए. इसलिए किस कंडीशन के आधार पर यह कार्यवाही आगे बढ़ेगी, इसे कोर्ट को निर्धारित करना अनिवार्य है. फिलहाल, कोर्ट ने मौखिक आदेश दिया है. लिखित आदेश का अभी इंतजार है.

वहीं, कोर्ट ने व्यास जी के तहखाने को डीएम के सुपुर्द किए जाने के संदर्भ में सुनवाई पूरी कर ली है. इस पर शाम तक कोर्ट अपना आदेश दे सकता है. इसके अलावा राखी सिंह की तरफ से वजूखाने की भी एएसआई सर्वे जांच कराए जाने की मांग पर कोर्ट में आज सुनवाई हुई. इस पर मुस्लिम पक्ष ने अपना विरोध जताते हुए आपत्ति दाखिल की है. इसमें कहा गया कि वजूखाने को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बिना जांच के दायरे में नहीं लाया जा सकता है. इस पर अब प्रतिवादी पक्ष के विरोध पर वादी पक्ष अपना काउंटर दाखिल करेगी. कोर्ट में इस मामले में 12 अक्टूबर को सुनवाई की तारीख निर्धारित की गई है.

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