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ज्ञानवापी के ASI सर्वे में मिले साक्ष्यों को संरक्षित के लिए कोर्ट ने जिलाधिकारी को दिया आदेश - ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन पूजन

वाराणसी जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में चल रहे एएसआई के दौरान मिल रहे साक्ष्यों को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए जिलाधिकारी को आदेश दिया है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 14, 2023, 2:58 PM IST

Updated : Sep 14, 2023, 3:33 PM IST

वाराणसीः ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन पूजन मामले में चल रहे एएसआई के सर्वे के दौरान मिल रही चीजों और साक्ष्यों को सुरक्षित और संरक्षित करने को लेकर वाराणसी जिला न्यायालय ने बड़ा आदेश दिया है. वादिनी राखी सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्णा विशेष ने वाराणसी के जिला अधिकारी को निर्देशित किया है कि साक्ष्यों और चीजों को सूचीबद्ध कर सुरक्षित रखें. ताकि समय पड़ने पर न्यायालय के समक्ष इनको सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया जा सके.

राखी सिंह की याचिका पर कोर्ट ने दिया आदेशः राखी सिंह ने ज्ञानवापी परिसर में मिल रहे हैं अवशेषों को साक्षी मानते हुए इन्हें संरक्षित और सुरक्षित रखने की याचिका जिला जज डॉ. अजय कृष्णा विश्वेश की अदालत में दायर की थी. राखी सिंह की ओर से कहा गया था कि सर्वे के दौरान धार्मिक और ऐतिहासिक साक्ष्य मिल रहे हैं, इनका संरक्षण आवश्यक है. कोर्ट से इन साक्ष्यों को संरक्षित करने के लिए जिलाधिकारी को आदेश दिए जाने की मांग रखी सिंह ने की थी. जिस पर पिछली ही सुनवाई में कोर्ट में बहस पूरी हो चुकी थी और कोर्ट को सिर्फ अपना आदेश देना था. इस मामले में गुरुवार कोर्ट में सुनवाई करते हुए जिला जज ने वाराणसी के जिला अधिकारी एस राजलिंगम को एएसआई सर्वे के दौरान मिले साक्ष्यो को संरक्षित करने का आदेश दिया है. वादी प्रतिवादी समेत जिला जज ने पुलिस कमिश्नर को आदेश की प्रति जारी करने का भी आदेश दिया गया है.

इसे भी पढ़ें-Gyanvapi ASI Survey : कोर्ट ने दिया चार सप्ताह का अतिरिक्त समय, छह को पेश करनी होगी रिपोर्ट

मुस्लिम पक्ष ने जताई थी आपत्तिः इस मामले में मस्जिद कमेटी ने बहस के दौरान अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी और यह भी कहा था कि अभी सर्वे चल रहा है. सर्वे के दौरान जो भी साक्ष्य मिल रहे हैं, वह यह निश्चित नहीं है कि किस समय, कालखंड के हैं और क्या चीज हैं. इनको संरक्षित करने का आदेश दिया जाना उचित नहीं है. सर्वे के दौरान मिल रहे हैं साक्ष्य को संरक्षित करने के लिए नमाजियों को अंदर जाने से रोकने की अपील को भी मुस्लिम पक्ष ने सही नहीं बताया था.

कोर्ट ने अपने फैसले में ये कहाः कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इस प्रकरण के समस्त तत्वों पर विचार करते हुए और इस तत्व को ध्यान में रखते हुए की वर्तमान में प्रश्नगत स्थल पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे कराया जा रहा है. यह उचित प्रतीत होता है कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सर्वे में जो भी वस्तुएं और सामग्री प्रश्नगत स्थल पर से प्राप्त हों. जो इस वाद के तत्वों से संबंधित हो अथवा हिंदू धर्म व पूजा पद्धति से संबंधित हों. ऐतिहासिक और पुरातत्व दृष्टिकोण से इस बात के निस्तारण हेतु महत्वपूर्ण हो सकती हैं. उन्हें आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया जिला मजिस्ट्रेट अथवा उनके द्वारा नामित किसी अधिकारी की सुपुर्दगी में दें. जो उन वस्तुओं को सुरक्षित रखेंगे और जब भी उन्हें न्यायालय तलब करेगी, उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे. ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया सर्वे के दौरान प्राप्त सामग्रियों की एक सूची बनाएगी और उसे सूची की एक प्रति न्यायालय में दाखिल करेगी और एक प्रति जिला मजिस्ट्रेट को सौंप देगी.

इसे भी पढ़ें-ज्ञानवापी केस से जुड़ी पांच याचिकाओं पर पूरी नहीं हो पाई सुनवाई, 18 सितंबर की मिली तारीख

वाराणसीः ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन पूजन मामले में चल रहे एएसआई के सर्वे के दौरान मिल रही चीजों और साक्ष्यों को सुरक्षित और संरक्षित करने को लेकर वाराणसी जिला न्यायालय ने बड़ा आदेश दिया है. वादिनी राखी सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्णा विशेष ने वाराणसी के जिला अधिकारी को निर्देशित किया है कि साक्ष्यों और चीजों को सूचीबद्ध कर सुरक्षित रखें. ताकि समय पड़ने पर न्यायालय के समक्ष इनको सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया जा सके.

राखी सिंह की याचिका पर कोर्ट ने दिया आदेशः राखी सिंह ने ज्ञानवापी परिसर में मिल रहे हैं अवशेषों को साक्षी मानते हुए इन्हें संरक्षित और सुरक्षित रखने की याचिका जिला जज डॉ. अजय कृष्णा विश्वेश की अदालत में दायर की थी. राखी सिंह की ओर से कहा गया था कि सर्वे के दौरान धार्मिक और ऐतिहासिक साक्ष्य मिल रहे हैं, इनका संरक्षण आवश्यक है. कोर्ट से इन साक्ष्यों को संरक्षित करने के लिए जिलाधिकारी को आदेश दिए जाने की मांग रखी सिंह ने की थी. जिस पर पिछली ही सुनवाई में कोर्ट में बहस पूरी हो चुकी थी और कोर्ट को सिर्फ अपना आदेश देना था. इस मामले में गुरुवार कोर्ट में सुनवाई करते हुए जिला जज ने वाराणसी के जिला अधिकारी एस राजलिंगम को एएसआई सर्वे के दौरान मिले साक्ष्यो को संरक्षित करने का आदेश दिया है. वादी प्रतिवादी समेत जिला जज ने पुलिस कमिश्नर को आदेश की प्रति जारी करने का भी आदेश दिया गया है.

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मुस्लिम पक्ष ने जताई थी आपत्तिः इस मामले में मस्जिद कमेटी ने बहस के दौरान अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी और यह भी कहा था कि अभी सर्वे चल रहा है. सर्वे के दौरान जो भी साक्ष्य मिल रहे हैं, वह यह निश्चित नहीं है कि किस समय, कालखंड के हैं और क्या चीज हैं. इनको संरक्षित करने का आदेश दिया जाना उचित नहीं है. सर्वे के दौरान मिल रहे हैं साक्ष्य को संरक्षित करने के लिए नमाजियों को अंदर जाने से रोकने की अपील को भी मुस्लिम पक्ष ने सही नहीं बताया था.

कोर्ट ने अपने फैसले में ये कहाः कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इस प्रकरण के समस्त तत्वों पर विचार करते हुए और इस तत्व को ध्यान में रखते हुए की वर्तमान में प्रश्नगत स्थल पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे कराया जा रहा है. यह उचित प्रतीत होता है कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सर्वे में जो भी वस्तुएं और सामग्री प्रश्नगत स्थल पर से प्राप्त हों. जो इस वाद के तत्वों से संबंधित हो अथवा हिंदू धर्म व पूजा पद्धति से संबंधित हों. ऐतिहासिक और पुरातत्व दृष्टिकोण से इस बात के निस्तारण हेतु महत्वपूर्ण हो सकती हैं. उन्हें आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया जिला मजिस्ट्रेट अथवा उनके द्वारा नामित किसी अधिकारी की सुपुर्दगी में दें. जो उन वस्तुओं को सुरक्षित रखेंगे और जब भी उन्हें न्यायालय तलब करेगी, उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे. ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया सर्वे के दौरान प्राप्त सामग्रियों की एक सूची बनाएगी और उसे सूची की एक प्रति न्यायालय में दाखिल करेगी और एक प्रति जिला मजिस्ट्रेट को सौंप देगी.

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Last Updated : Sep 14, 2023, 3:33 PM IST
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