देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा की कुल 70 सीटों पर हुए चुनाव के अंतिम परिणाम (Uttarakhand Election Results 2022) घोषित कर दिए गए हैं. देवभूमि उत्तराखंड में एक बार फिर भगवा परचम लहराया है. सत्तरूढ़ बीजेपी को 47 सीटें मिली हैं. वहीं, कांग्रेस को 19 सीटें मिली हैं और अन्य के खाते में चार सीटें गई हैं. इस तरह भाजपा ने उत्तराखंड में सत्ता में वापसी कर नया इतिहास बनाया है. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव, 2022 के आज घोषित परिणाम के अनुसार, उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भाजपा के हिस्से में 70 में से अभी तक 45 सीटें आयी हैं और दो सीटों पर वह बढ़त बनाए हुए है.
उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन के बाद वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड में अभी तक किसी पार्टी ने लगातार दूसरी बार सरकार नहीं बनाई थी. 2022 के चुनावों से पहले राज्य में भाजपा और कांग्रेस बारी-बारी से सरकारें बनाती रही हैं. वहीं, सत्ता विरोधी लहर के दम पर राज्य सरकार बनाने का सपना देख रही कांग्रेस का प्रदर्शन आशा के बिल्कुल विपरीत रहा और उसके मुख्यमंत्री पद के अघोषित दावेदार हरीश रावत सहित कई दिग्गज उम्मीदवार चुनाव हार गए हैं.
20:10 March 10
भाजपा को बहुमत
भाजपा ने उत्तराखंड विधानसभा की 70 सीटों में से 47 पर जीत दर्ज की है. कांग्रेस के खाते में 19 सीटे, बसपा के हिस्से में दो और दो सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गई हैं.
17:32 March 10
श्रीनगर से जीते धन सिंह रावत
पौड़ी जिले की 6 विधानसभा सीटों पर भगवा परचम लहराया है. पौड़ी की सबसे हॉट पौड़ी विधानसभा सीट से उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कांटे की टक्कर में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को हरा दिया है. धन सिंह रावत को मिली ये जीत उनके राजनीतिक करियर के लिए बहुत बड़ी जीत साबित हो सकती है. अपने पहले ही चुनाव में जीत के बाद धन सिंह का नाम दो बार सीएम रेस में आ चुका है. अब भाजपा के सीएम धामी अपना चुनाव हार चुके हैं. जिसके बाद धन सिंह रावत के राजनीतिक कद के बढ़ने की संभावनाएं हैं.
17:25 March 10
BJP की रेणु बिष्ट के नाम हुई यमकेश्वर सीट
पौड़ी जिले की यमकेश्वर विधानसभा सीट पर इस बार भी महिला प्रत्याशी का वर्चस्व बरकरार रहा है. यहां से बीजेपी प्रत्याशी रेणु बिष्ट ने जीत दर्ज की. राज्य गठन के बाद से ही यमकेश्वर विधानसभा सीट का इतिहास रहा है कि यहां से कभी भी कोई पुरुष प्रत्याशी नहीं जीता है. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में भी भाजपा प्रत्याशी रेणु बिष्ट ने कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र सिंह रावत को करीब 6 हजार वोट से हराया है.
17:10 March 10
लैंसडाउन से हारीं अनुकृति गुसाईं
लैंसडाउन सीट से पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं चुनाव हार गई हैं. बीजेपी के महंत दलीप ने उन्हें यहां से हराया है. अनुकृति गुसाईं की हार को हरक सिंह रावत की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा है. अनुकृति गुसाईं को लैंसडाउन से चुनाव लड़ाने को लेकर हरक सिंह रावत ने बीजेपी को तेवर दिखाये थे, जिसके बाद चुनाव से ठीक पहले हरक सिंह रावत ने अनुकृति गुसाईं के साथ कांग्रेस में घर वापसी की थी.
16:33 March 10
हल्द्वानी से सुमित हृदयेश जीते
इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश ने हल्द्वानी विधानसभा सीट से करीब 8,000 मतों से जीत दर्ज की है. जीत के बाद सुमित हृदयेश ने हल्द्वानी की जनता का आभार जताया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि हल्द्वानी की जनता ने उन पर जो भरोसा जताया है वह उस पर खरे उतरेंगे. सुमित हृदयेश ने कहा कि राज्य में भले ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी लेकिन उसके बाद भी वे लड़ते हुए अपने क्षेत्र में विकास के लिए काम करते रहेंगे.
16:10 March 10
मदन कौशिक जीते
हरिद्वार विधानसभा सीट से मदन कौशिक जीत गए हैं. इस सीट पर पिछले 20 सालों से मदन कौशिश का जादू बरकार है. वहीं, टिहरी विधानसभा सीट से बीजेपी के किशोर उपाध्याय जीत गए हैं. इसके साथ ही गंगोलीहाट विधानसभा सीट से भाजपा के फकीर राम टम्टा, विकासनगर से बीजेपी के मुन्ना सिंह चौहान, पुरोला से बीजेपी के दुर्गेश्वर लाल और कोटद्वार सीट से ऋतु खंडूड़ी और सोमेश्वर से रेखा आर्य चुनाव जीत गई हैं. किच्छा विधानसभा सीट से कांग्रेस के तिलक राज बेहड़ ने जीत दर्ज की.
15:27 March 10
सीएम धामी हारे
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है. चुनाव नतीजे फिलहाल बीजेपी के पक्ष में दिख रहे हैं. वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट से चुनाव हर गए हैं.
14:58 March 10
हरीश रावत ने हार स्वीकार की
लालकुआं से अपनी हार स्वीकार करते हुए हरीश रावत ने क्षेत्र की जनता से क्षमा मांगी. उन्होंने ट्वीट किया, लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से मेरी चुनावी पराजय की औपचारिक घोषणा ही बाकी है. मैं लालकुआं क्षेत्र के लोगों से जिनमें बिंदुखत्ता, बरेली रोड के सभी क्षेत्र सम्मिलित हैं, क्षमा चाहता हूं कि मैं उनका विश्वास अर्जित नहीं कर पाया और जो चुनावी वादे उनसे मैंने किये, उनको पूरा करने का मैंने अवसर गंवा दिया है. उन्होंने मुझसे श्रेष्ठ उम्मीदवार को अपना प्रतिनिधि चुना है उनको और उनके द्वारा चयनित उम्मीदवार को मेरी ओर से बहुत-बहुत बधाई और आगे के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं.
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14:30 March 10
अरविंद पांडे ने तोड़ा मिथक
गदरपुर से अरविंद पांडे ने मिथक तोड़ दिया है. शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने चुनाव जीता है. वहीं, बाजपुर से यशपाल आर्य चुनाव जीत गए हैं. वहीं, सितारगंज से भाजपा के सौरभ बहुगुणा चुनाव जीत गए हैं.
13:20 March 10
हार गए हरीश रावत
लालकुआं विधानसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत चुनाव हार गए हैं. वहीं, हरिद्वार ग्रामीण से उनकी बेटी अनुपमा रावत ने जीत हासिल की है. इस मौके पर अनुपमा रावत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए जीत के लिए मां गंगा और जनता का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद से ही उन्हें जीत मिली है. उन्होंने कहा कि जनता की अपक्षाओं पर खरा उतरना चुनौती होगी.
12:55 March 10
टूट सकता है 20 साल का मिथक
उत्तराखंड में भाजपा दोबारा सत्ता पर काबिज होने के करीब है. ऐसे में सत्ता परिवर्तन को लेकर 20 साल से चला आ रहा मिथक इस चुनाव में टूटने वाला है. उत्तराखंड की सियासत में सत्ता परिवर्तन को लेकर एक मिथक रहा है. प्रदेश में चुनाव के इतिहास में किसी भी दल ने लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल नहीं की है.
दिग्गज नेता पीछे
खटीमा से सीएम पुष्कर सिंह धामी, लालकुआं सीट से हरीश रावत, लैंसडाउन सीट से अनुकृति गुसाईं, श्रीनगर से धन सिंह रावत, नैनीताल से संजीव आर्य, नरेंद्रनगर से सुबोध उनियाल, हल्द्वानी से सुमित हृदयेश, हरिद्वार ग्रामीण से स्वामी यतीश्वरानंद और बाजपुर से यशपाल आर्य पीछे चल रहे हैं.
11:55 March 10
भाजपा दफ्तर में जश्न का माहौल
उत्तराखंड में अब तक आए रुझान में भाजपा की अच्छी खासी बढ़त नजर आ रही है. इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह नजर आ रहा है. देहरादून स्थित प्रदेश पार्टी कार्यालय में आला नेताओं की भीड़ बढ़ती जा रही है. भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता दीप्ति रावत ने कहा कि राज्य में बीजेपी बड़े बहुमत के साथ एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है.
11:51 March 10
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष आगे
श्रीनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल आगे चल रहे हैं. वहीं, पौड़ी जिले की 6 विधानसभा सीटों में से पांच पर बीजेपी ने बढ़त बनाई है.
11:40 March 10
शुरुआती रुझान से भाजपा गदगद
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझान से भाजपा गदगद नजर आ रही है. केंद्रीय मंत्री और उत्तराखंड के भाजपा प्रभारी प्रह्लाद जोशी ने कहा कि यह परिणाम उम्मीद के मुताबिक है. उत्तराखंड के लोगों को हमारा काम दिखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पुष्कर सींह धामी और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मिलकर काम किया है. मैं जनता और कार्यकर्ता को धन्यवाद देता हूं.
11:32 March 10
सीएम धामी फिर पिछड़े
उत्तराखंड की खटीमा विधानसभा पर कांटे की टक्कर दिख रही है. इस सीट से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. अब तक की मतगणना के बाद सीएम धामी खटीमा से पीछे चल रहे हैं. वहीं, लालकुआं सीट से हरीश रावत 9967 वोटों से पीछे चल रहे हैं.
11:22 March 10
कैबिनेट मंत्रियों का दबदबा
उत्तराखंड में 70 विधानसभा सीटों की मतगणना जारी है. शुरुआती रुझान में प्रदेश के दिग्गज मंत्री अपनी-अपनी विधानसभा सीट से आगे चल रहे हैं. चौबट्टाखाल से कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज आगे चल रहे हैं. डीडीहाट से कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल बढ़त बनाए हुए हैं. शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे गदरपुर सीट से आगे चल रहे हैं. मसूरी से कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और सोमेश्वर से कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य आगे चल रही हैं. धन सिंह रावत श्रीनगर से पीछे चल रहे हैं. बता दें, उत्तराखंड में बीजेपी के 10 मंत्री मैदान में हैं.
10:55 March 10
खटीमा से सीएम धामी ने बनाई बढ़त
खटीमा विधानसभा सीट से सीएम पुष्कर सिंह धामी आगे हो गए हैं. इससे पहले शुरुआती रुझान में वह कांग्रेस के भुवन कापड़ी पीछे चल रहे थे. लालकुआं सीट से हरीश रावत पीछे चल रहे हैं. वहीं, अब तक आए रुझान में भाजपा 47 सीटों पर और कांग्रेस 20 सीटों पर आगे हैं. अन्य तीन सीटों पर आगे हैं.
10:40 March 10
सभी सीटों के रुझान
उत्तराखंड में सभी 70 विधानसभा सीटों के रुझान आ चुके हैं. भाजपा 44 सीटों पर और कांग्रेस 22 सीटों पर आगे है. चार सीटों पर अन्य उम्मीदवार बढ़त बनाए हैं.
10:20 March 10
लैंसडाउन से अनुकृति गुसाईं पीछे
लैंसडाउन से कांग्रेस उम्मीदवार अनुकृति गुसाईं पीछे चल रही हैं. अनुकृति पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू हैं.
10:05 March 10
खटीमा से सीएम धामी पीछे
खटीमा से पुष्कर सिंह धामी, लालकुआं सीट से हरीश रावत, टिहरी से किशोर उपाध्याय, लैंसडाउन सीट से अनुकृति गुसाईं, कालाढूंगी से बंशीधर भगत, श्रीनगर से धन सिंह रावत पीछे, खानपुर से कुंवर देवयानी, चकराता से रामशरण नौटियाल, सल्ट से रणजीत रावत, नैनीताल से संजीव आर्य, नरेंद्रनगर से सुबोध उनियाल और हल्द्वानी से सुमित हृदयेश पीछे चल रहे हैं.
09:48 March 10
रुझानों पर हरीश रावत का बयान
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हम ज्यादातर सीटों पर जीत रहे हैं और जहां हम पीछे चल रहे हैं, वहां एक करीबी मुकाबला है. एक घंटे में ये बढ़त उत्तराखंड में कांग्रेस के लिए बहुमत में तब्दील हो जाएगी.
09:42 March 10
लालकुआं से हरीश रावत पीछे
खटीमा सीट से सीएम पुष्कर सिंह धामी आगे चल रहे हैं. वहीं, लालकुआं सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत पीछे चल रहे हैं. कालाढूंगी से बंशीधर भगत, श्रीनगर से धन सिंह रावत और खानपुर सीट से कुंवर देवयानी पीछे चल रही हैं. गंगोत्री विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुरेश चौहान आगे चल रहे हैं.
09:40 March 10
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है. अब तक 70 में से 69 सीटों के शुरुआती रुझान आ चुके हैं. भाजपा 40 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस एक बार फिर सत्ता की रेस से पिछड़ती दिख रही है. अब तब आए रुझान में कांग्रेस 25 सीटों पर आगे हैं. अन्य चार सीटों पर आगे हैं.
बता दें, इस बार राज्य में 65 फीसदी से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था. एग्जिट पोल में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर का अनुमान जताया गया है. इसलिए त्रिशंकु विधानसभा की संभावना भी व्यक्त की गई है. प्रदेश की कम से कम 40-45 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है जबकि 25-30 अन्य सीटों पर क्षेत्रीय दल मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं. इस बार भाजपा के करीब 13 बागी और कांग्रेस के छह बागी चुनाव मैदान में थे.
गौरतलब है कि है पहाड़ी राज्य उत्तराखंड की विधानसभा में कुल 70 सीटें और सरकार बनाने के लिए 36 सीटों की जरूरत होगी. एग्जिट पोल में उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी सरकार के वापसी का अनुमान जताया गया है.
हाई प्रोफाइल सीटें
खटीमा विधानसभा सीट: खटीमा विधानसभा सीट सूबे की सबसे हॉट सीट बनकर उभरी है. पुष्कर सिंह धामी के उत्तराखंड के 11वां मुख्यमंत्री बनने के बाद से ये सीट सुर्खियों में है. सीएम धामी की सीट होने के कारण सभी की निगाहें इसके परिणाम पर टिकी होंगी. इस बार सीएम पुष्कर सिंह धामी और कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी के बीच कांटे की टक्कर है. खटीमा की पहचान देश के एकमात्र क्रोकोडाइल ईको पार्क को लेकर भी है. पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल से आते हैं और राजपूत जाति से हैं, ऐसे में खटीमा में उनका बड़ा जनाधार है.
खटीमा विधानसभा सीट के राजनीतिक अतीत की बात करें तो 2002 और 2007 के चुनाव में कांग्रेस के एडवोकेट गोपाल सिंह राणा विधायक निर्वाचित हुए थे. 2012 के चुनाव में बीजेपी ने भगत सिंह कोश्यारी के मुख्यमंत्री रहते समय उनके ओएसडी रहे पुष्कर सिंह धामी को उम्मीदवार बनाया. बीजेपी के पुष्कर सिंह धामी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के देवेंद्र चंद्र को 5,394 वोट से हरा दिया और पहली बार विधायक निर्वाचित हुए.
लालकुआं विधानसभा सीट: यह विधानसभा सीट उत्तराखंड के कद्दावर नेताओं में शुमार हरीश रावत की वजह से सुर्खियों में है. पिछले चुनाव में दो सीटों से हारे हरीश रावत इस बार कोई चूक नहीं करना चाहते हैं. स्थानीय लोग लालकुआं की लड़ाई स्थानीय बनाम सीएम के चेहरे की बता रहे हैं. लालकुआं सीट पर हरीश रावत और बीजेपी प्रत्याशी मोहन बिष्ट के बीच लड़ाई है.
विधानसभा सीट के तौर पर लालकुआं इस बार यह तीसरा चुनाव देख रहा है. लालकुआं विधानसभा सीट साल 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. पूर्व सीएम हरीश रावत के मैदान में आने से इस सीट पर अब पूरे प्रदेश की नजर है. 2012 के चुनाव में दुर्गापाल 25 हजार से अधिक वोट लेकर यहां निर्दलीय चुनाव जीते थे. 2017 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर नवीन दुम्का विधायक चुने गए. लालकुआं विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में हर जाति-वर्ग के लोग रहते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण और राजपूत बिरादरी के मतदाताओं की बहुलता है. अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के मतदाता भी लालकुआं विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
गंगोत्री विधानसभा सीट: प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के नाम वाली इस सीट पर राज्य गठन के बाद हुए चुनावों में जनता ने भाजपा और कांग्रेस को बारी-बारी से मौका दिया है. आम आदमी पार्टी के सीएम चेहरा रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल के गंगोत्री सीट से चुनाव मैदान में उतरने से यह वीआईपी सीट बनकर उभरी है. इस बार गंगोत्री सीट पर आप प्रत्याशी अजय कोठियाल, बीजेपी प्रत्याशी सुरेश चौहान और कांग्रेस नेता विजयपाल सजवाण के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है.
गंगोत्री विधानसभा सीट का मिथक यूपी से लेकर उत्तराखंड बनने के बाद से अब तक जारी है. स्वतंत्रता के बाद से पिछले चुनाव तक जिस भी पार्टी का प्रत्याशी जीत कर आया उसकी सरकार बनी है. उत्तराखंड बनने के बाद 2002 में हुए चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर विजयपाल सजवाण ने जीत दर्ज की थी. 2007 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर गोपाल सिंह रावत चुनाव जीते और प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी. 2012 के चुनाव में कांग्रेस के विजयपाल सजवाण चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. 2017 के चुनाव में बीजेपी से गोपाल रावत चुनाव जीते थे. 2022 के चुनाव में इस सीट पर कब्जा जमाने के लिए भाजपा और कांग्रेस के साथ आप ने जोर लगाया हुआ है.
चकराता विधानसभा सीट: देहरादून जिले की चकराता विधानसभा सीट पर उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है. 2002 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के प्रीतम सिंह विधायक बने. 2002 से लेकर अब तक लगातार प्रीतम सिंह ही विधायक हैं. प्रीतम सिंह ने 2007, 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में भी अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों को चुनावी रणभूमि में पटखनी दी. कांग्रेस का ये मजबूत किला भारतीय जनता पार्टी कभी भेद नहीं पाई. हालांकि इस बार बीजेपी बॉलीवुड के मशहूर गायक जुबिन नौटियाल के पिता रामशरण नौटियाल के जरिए इस किले में सेंध लगाने का प्रयास कर रही है.
श्रीनगर विधानसभा सीट: श्रीनगर विधानसभा सीट इसीलिए हॉट सीट में तब्दील हो गई है क्योंकि इस सीट पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और बीजेपी के कद्दावर नेता डॉ धन सिंह रावत के बीच टक्कर है. श्रीनगर के लोगों का भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में गहरा जुड़ाव रहा. यहां पर 1930 में जवाहर लाल नेहरू और विजयलक्ष्मी पंडित जैसे नेताओं का आगमन हुआ था. डॉ. धन सिंह रावत उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और पौड़ी जिले के पैठनी गांव के रहने वाले हैं. धन सिंह रावत राम जन्मभूमि आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं. उत्तराखंड राज्य के लिए आंदोलन में भी वो काफी सक्रिय थे. इस आंदोलन के दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा था.
चौबट्टाखाल विधानसभा सीट: उत्तराखंड में 2022 के चुनाव में यह सीट काफी चर्चाओं में है. इसका सबसे बड़ा कारण सतपाल महाराज का यहां से चुनावी मैदान में होना है. इस सीट के समीकरण में बदलाव हुए हैं. 2002 से लेकर 2012 तक इस सीट का ज्यादातर हिस्सा बीरोंखाल विधानसभा क्षेत्र में शामिल था. बीरोंखाल सीट से 2002 और 2007 में सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत लगातार विधायक रहीं. 2012 के परिसीमन के बाद चौबट्टाखाल पहली बार अस्तित्व में आया और यहां से भाजपा के तीरथ सिंह रावत पहले विधायक बने.
हरिद्वार विधानसभा सीट: धर्मनगरी हरिद्वार मां गंगा और राजा दक्ष की नगरी की वजह से आस्था का केंद्र है. हरिद्वार विधानसभा सीट भाजपा का मजबूत किला है, जिसमें पिछले 20 सालों से भाजपा का कब्जा रहा है और बीजेपी के टिकट पर लगातार मदन कौशिक जीतते रहे हैं. मदन कौशिक ने राजनीतिक पारी बीजेपी से ही शुरू की थी. वे 2000 में हरिद्वार से जिला महामंत्री और फिर जिला अध्यक्ष बने. इसके बाद 2002 में हरिद्वार सीट से विधायक चुने गए. तब से वे लगातार चार बार जीत हासिल कर चुके हैं. मदन कौशिक राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं. यही वजह है कि वे हरिद्वार सीट पर पिछले 20 सालों से एकतरफा कब्जा जमाए हुए हैं.
साल 2022 के चुनाव में हरिद्वार सीट से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक 5वीं बार जीत के रिकॉर्ड के लिए मैदान में हैं. इस बार मदन कौशिक के सामने कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी मैदान में हैं. 2002 में हुए चुनाव में बीजेपी के मदन कौशिक के सामने कांग्रेस के पारस कुमार जैन थे. तब मदन कौशिक ने 2900 से अधिक मतों से जीत दर्ज की.
बाजपुर विधानसभा सीट: उत्तराखंड की राजनीति में यशपाल आर्य किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. उत्तराखंड की दलित राजनीति का बड़ा चेहरा माने जाने वाले यशपाल आर्य अपनी सौम्यता के लिए भी लोकप्रिय हैं. कांग्रेस एवं बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री का दायित्व निभा चुके यशपाल आर्य की वजह से ये सीट चर्चाओं में है. 2022 के चुनाव से ठीक पहले यशपाल आर्य अपने बेटे के साथ वापस कांग्रेस में शामिल हो गए थे. ऐसे में इस बार आर्य कांग्रेस के टिकट पर चुनावी ताल ठोंक कर रहे हैं. परिसीमन में बाजपुर विधानसभा क्षेत्र कुंडेश्वरी तक विस्तारित हुई और इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया. पूर्व सीएम एनडी तिवारी भी बाजपुर से जीत हासिल करते रहे थे.
2012 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई बाजपुर सीट से यशपाल आर्य लगातार दो बार विधानसभा पहुंचे. एक बार कांग्रेस तो दूसरी बार भाजपा से उन्हें यह मौका मिला. उनके कद को देखते हुए दोनों बार कैबिनेट मंत्री का ओहदा मिला तो बाजपुर भी वीआईपी सीट बनकर उभरी. बाजपुर वर्तमान कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय का पुराना गढ़ रहा है. 2002 में भाजपा के अरविंद पांडेय विधायक बने. तब उन्होंने निर्दलीय जनकराज शर्मा को हराया था. 2007 में कांग्रेस प्रत्याशी जनकराज की मृत्यु के चलते हुए उपचुनाव में अरविंद पांडेय ने उनकी पत्नी कैलाश रानी शर्मा को हराया. 2012 में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए और 2017 में बीजेपी के टिकट पर यशपाल आर्य ने मैदान मारा.
लैंसडाउन विधानसभा सीट: ये विधानसभा सीट पौड़ी गढ़वाल जिले की एक विधानसभा सीट है. लैंसडाउन क्षेत्र पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित नाम है. लैंसडाउन में ही गढ़वाल राइफल रेजिमेंट का मुख्यालय भी है. लैंसडाउन विधानसभा सीट उत्तराखंड की सियासत में महत्वपूर्ण स्थान रखती है. इस बार हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं के चलते यह सीट सुर्खियों में है. अनुकृति की प्रारंभिक शिक्षा लैंसडाउन के आर्मी पब्लिक स्कूल में 12वीं तक हुई है. दरअसल, अनुकृति साल 2018 से ही लैंसडाउन विधानसभा सीट पर सोशल वर्क का काम कर रही हैं जो उन्हें जीत के प्रति आश्वस्त करता है.
अनुकृति गुसाईं के ससुर हरकर सिंह रावत 2002 में लैंसडाउन सीट से चुनाव जीते थे. 2007 में भी वह लैंसडाउन से चुनाव जीते. 2012 में उन्होंने रुद्रप्रयाग से चुनाव लड़ा और जीता. 2017 में वह कोटद्वार विधानसभा सीट से चुनाव जीते. वहीं, 2017 के चुनाव में भी बीजेपी ने दलीप सिंह रावत को चुनाव मैदान में उतारा था. इस बार दलीप सिंह रावत और अनुकृति गुसाईं के बीच टक्कर है.
टिहरी विधानसभा सीट: इस विधानसभा चुनाव में टिहरी सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प है. टिहरी सीट पर कांग्रेस का जो चेहरा था, वह अब भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ता नजर आया. वहीं भाजपा का चेहरा अब कांग्रेस की तरफ से इस चुनाव में लड़ा. अदला-बदली की इस राजनीति से टिहरी की सीट काफी चर्चा का विषय बनी है. दरअसल, टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस से नाराज होकर किशोर उपाध्याय बीजेपी में शामिल हो गए थे. वहीं, टिकट कटने पर बीजेपी नेता धन सिंह नेगी कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
पिछले चुनाव में क्या रहा था नतीजा
राज्य में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 57 सीट जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी. जबकि विपक्षी दल कांग्रेस को महज 11 सीटें मिली थीं. त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन बाद में उन्हें हटाकर बीजेपी ने पहले तीरथ सिंह रावत और महज कुछ महीने बाद पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड का सीएम बनाया था.