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उत्तराखंड टनल हादसा: यूपी के 8 लोग फंसे, परिजन कर रहे सकुशल वापसी की प्रार्थना

उत्तराखंड टनल हादसे (Uttarakhand tunnel accident) में 40 मजदूर फंसे हुए हैं. वहां का प्रशासन रेस्क्यू अभियान चला रहा है. इन फंसे लोगों में 8 यूपी के रहने वाले हैं. ये मिर्जापुर, श्रावस्ती और लखीमपुर-खीरी के रहने वाले हैं. परिजन उनकी सकुशल वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 13, 2023, 6:44 PM IST

Updated : Nov 14, 2023, 9:11 AM IST

मिर्जापुर में अखिलेश के परिजन काफी चिंतित हैं.

मिर्जापुर : उत्तराखंड में दिवाली के दिन बड़ा हादसा हो गया. उत्तरकाशी में अचानक निर्माणाधीन टनल धंसने लगा. आगे कई फीट मलबा भर गया. इससे करीब 40 मजदूर अंदर फंस गए. इन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है. इन फंसे लोगों में आठ यूपी के रहने वाले हैं. इनमें श्रावस्ती के छह जबकि मिर्जापुर और लखीमपुर-खीरी के एक-एक मजदूर हैं. इनके परिजन काफी परेशान हैं. ईटीवी भारत की टीम उनके गांव पहुंची तो इनके परिवार का हर शख्स उदास नजर आया. बताया कि वहां फंसे लोगों से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है. अनहोनी की आशंका से मन घबराने लगता है. दिन-रात वे अपनों की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.

गमगीन हैं श्रावस्ती के छह परिवार.
गमगीन हैं श्रावस्ती के छह परिवार.

श्रावस्ती के भी छह मजदूर फंसे, परिवार कर रहा प्रार्थना : टनल में फंसे छह लोग श्रावस्ती के हैं. सभी जिले के थारू जनजाति बाहुल्य गांव पंचायत मोतीपुर कला के रहने वाले हैं. गांव के रहने वाले शोभाराम बताते हैं कि 20 लोगों का जत्था मजदूरी करने के लिए 10 अगस्त को उत्तराखंड गया था. सभी को नवयुगा कंपनी में काम मिला था. मजदूरों से दो शिफ्ट में कार्य लिया जाता है. छह मजदूर रात वाले शिफ्ट में काम कर रहे थे. ये सभी टनल में फंस गए हैं. उनके परिजन काफी परेशान हैं. अंदर फंसे 42 वर्षीय राम मिलन की पत्नी सुनीता बताती हैं कि उनके पति मजदूरी करने के लिए चार माह पूर्व गए थे. घटना की जानकारी मिलने पर पूरा परिवार परेशान है. पति की सलामती के लिए वह प्रार्थना कर रहीं हैं.

रेस्क्यू ऑपरेशन अभी तक जारी है.
रेस्क्यू ऑपरेशन अभी तक जारी है.

पत्नियां बोलीं- पतियों की फिक्र में नहीं खाया जा रहा खाना : राम मिलन के अलावा मोतीपुर कला के सत्यदेव (46) पुत्र राम सागर, अंकित कुमार (22) पुत्र सीताराम, जय प्रकाश (23) पुत्र ज्ञानू , संतोष कुमार (24) पुत्र विशेषर, राम सुंदर (27) पुत्र मनीराम भी टनल में फंसे हैं. कंपनी की ओर से अंदर फंसे लोगों की जारी सूची में इनके नाम हैं. सुरंग हादसे से छह परिवारों की खुशियां काफूर हो गई हैं. परिजन सकुशल वापसी की राह निहार रहे हैं. सत्यदेव की पत्नी रामरती बताती हैं कि भूख, प्यास नहीं लगती है. दिन-रात पति की चिंता में डूबी रहती हूं. राम सुंदर की पत्नी शीला और अंकित की पत्नी भूमिका चौधरी भी गमगीन हैं. उनका कहना है कि चिंता में वे एक निवाला तक नहीं खा पा रहीं हैं. बस ईश्वर से पतियों की सकुशल वापसी की प्रार्थना कर रहीं हैं.

परिवार के लोग अपनों की सलामती के लिए दुआ मांग रहे हैं.
परिवार के लोग अपनों की सलामती के लिए दुआ मांग रहे हैं.

दो वर्ष पूर्व भी आपदा में लापता हो गए थे गांव के पांच लोग : उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में आई आपदा में इसी गांव पंचायत के रनियापुर के पांच लोग लापता हो गए थे. उनका अभी तक पता नहीं चल सका है. शिक्षक कर्मवीर राना बताते हैं कि इस गांव के हरी लाल, छोटू, प्रभुनाथ, अजय और वेद प्रकाश उत्तराखंड में मजदूरी करने गए थे. सात फरवरी 2021 को चमोली जिले के तपोवन में आई आपदा के मलबे और सैलाब में पांचों लापता हो गए थे. आज तक उनका पता नहीं चल सका है.

मिर्जापुर के हर शख्स की जुबान पर अखिलेश की चर्चा.
मिर्जापुर के हर शख्स की जुबान पर अखिलेश की चर्चा.

पिता बोले- बेटे की बहुत फिक्र हो रही है : मिर्जापुर के अदलहाट इलाके के गांव घरवासपुर का अखिलेश तीन साल से नवयुगा कंपनी में काम करता है. हादसे के दौरान वह भी टनल में फंस गया. गांव में उसके परिवार के लोग काफी परेशान हैं. युवक के पिता रमेश ने ईटीवी भारत को बताया कि टीवी-चैनलों के माध्यम से वहां के ताजा हालात के बारे में जानकारी मिल रही है. टनल में फंसे लोगों को खाना, ऑक्सीजन आदि पहुंचाया जा रहा है. बस बेटा किसी तरह घर आ जाए, बहुत फिक्र होती है उसकी. वहीं अखिलेश के चाचा विजय कुमार ने बताया कि हर दो घंटे पर उत्तराखंड के हेल्पलाइन नंबर फोन कर स्थिति की जानकारी ली जा रही है. बताया जा रहा है कि अंदर फंसे सभी लोग सुरक्षित हैं. जल्द ही सभी को बाहर निकाल लिया जाएगा.

मिर्जापुर के अखिलेश के लिए  गांव के लोग भी उदास.
मिर्जापुर के अखिलेश के लिए गांव के लोग भी उदास.

गर्भवती है अखिलेश की पत्नी, चाचा बोले- उसे कुछ नहीं बताया : अखिलेश के चाचा ने बताया कि 'अखिलेश की पत्नी गर्भवती है. रक्षाबंधन पर अखिलेश घर आया था. इसी सप्ताह वह फिर से आने वाला था. घर में नन्हें मेहमान के आगमन और दीपावली त्योहार को लेकर परिवार के लोग काफी खुश थे. घर में खुशियां मनाने की तैयारी थी. इस बीच पता चला कि हादसा हो गया है. इससे सभी लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आईं.अखिलेश की पत्नी को अभी कुछ बताया नहीं गया है. हम लोग चाहते हैं कि वह खुश रहे. बस यही दुआ है कि सब ठीक हो जाए. इसके बाद घर आकर लोगों से मिले'.

अखिलेश के लिए लोग कर रहे प्रार्थना.
अखिलेश के लिए लोग कर रहे प्रार्थना.

दोस्त भी उदास, कहा- वह भाई जैसा : अखिलेश के दोस्तविवेक कुमार ने बताया कि 'वह मेरे भाई जैसा है. जब से फंसा है, मैं और गांव के लोग भी परेशान हैं. उसकी फिक्र सताती है, कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है. पिछली बार उसने पत्नी के गर्भवती होने की खुशी मुझसे साझा की थी. वह मेरा बहुत अच्छा दोस्त है. हम चाहते हैं कि प्रशासन उसे सुरक्षित बाहर निकाले. हम लोग उसकी चिंता में न हो सही से खा पा रहे हैं, और न सही सो पा रहे हैं. बस हर वक्त वहां के हालात के बारे में जानने को मन बेचैन रहता है. भगवान करें कि सब अच्छा हो'.

लखीमपुर-खीरी में मंजीत के परिजन भी परेशान.
लखीमपुर-खीरी में मंजीत के परिजन भी परेशान.

लखीमपुर-खीरी का मंजीत चौधरी भी फंसा : निघासन तहसील के भेरनपुर मांझा का रहना वाला मंजीत परिवार के भरण-पोषण के लिए उत्तरकाशी में मजदूरी करने गया था. उसके टनल में फंसने की जानकारी होते ही परिवार के लोग रोने लगे. गांव भेरमपुर मांझा का रहने वाला मंजीत गरीब परिवार से है. परिवार के भरण-पोषण के लिए वह उत्तरकाशी गया था. वहां वह टनल में फंस गया. परिजनों ने बातचीत में बताया कि हम लोग काफी चिंतित हैं. बेटा घर आ जाए, दिन-रात यही प्रार्थना कर रहे हैं. वहीं बेटे का जिक्र होते ही मंजीत की मां की आंखें भर आईं. वह कुछ बोलना चाहती थीं लेकिन रो पड़ीं. निघासन तहसीलदार भीमचंद ने बताया कि तहसीलदार, नायब तहसीलदार, क्षेत्रीय लेखपाल सहित सरकारी अमले ने मंजीत के घर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की है.

यह भी पढ़ें : सिलक्यारा टनल से हटाया गया 20 मीटर मलबा, मजदूरों के रेस्क्यू में लग सकते हैं दो दिन, 6 दिन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन

मिर्जापुर में अखिलेश के परिजन काफी चिंतित हैं.

मिर्जापुर : उत्तराखंड में दिवाली के दिन बड़ा हादसा हो गया. उत्तरकाशी में अचानक निर्माणाधीन टनल धंसने लगा. आगे कई फीट मलबा भर गया. इससे करीब 40 मजदूर अंदर फंस गए. इन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है. इन फंसे लोगों में आठ यूपी के रहने वाले हैं. इनमें श्रावस्ती के छह जबकि मिर्जापुर और लखीमपुर-खीरी के एक-एक मजदूर हैं. इनके परिजन काफी परेशान हैं. ईटीवी भारत की टीम उनके गांव पहुंची तो इनके परिवार का हर शख्स उदास नजर आया. बताया कि वहां फंसे लोगों से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है. अनहोनी की आशंका से मन घबराने लगता है. दिन-रात वे अपनों की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.

गमगीन हैं श्रावस्ती के छह परिवार.
गमगीन हैं श्रावस्ती के छह परिवार.

श्रावस्ती के भी छह मजदूर फंसे, परिवार कर रहा प्रार्थना : टनल में फंसे छह लोग श्रावस्ती के हैं. सभी जिले के थारू जनजाति बाहुल्य गांव पंचायत मोतीपुर कला के रहने वाले हैं. गांव के रहने वाले शोभाराम बताते हैं कि 20 लोगों का जत्था मजदूरी करने के लिए 10 अगस्त को उत्तराखंड गया था. सभी को नवयुगा कंपनी में काम मिला था. मजदूरों से दो शिफ्ट में कार्य लिया जाता है. छह मजदूर रात वाले शिफ्ट में काम कर रहे थे. ये सभी टनल में फंस गए हैं. उनके परिजन काफी परेशान हैं. अंदर फंसे 42 वर्षीय राम मिलन की पत्नी सुनीता बताती हैं कि उनके पति मजदूरी करने के लिए चार माह पूर्व गए थे. घटना की जानकारी मिलने पर पूरा परिवार परेशान है. पति की सलामती के लिए वह प्रार्थना कर रहीं हैं.

रेस्क्यू ऑपरेशन अभी तक जारी है.
रेस्क्यू ऑपरेशन अभी तक जारी है.

पत्नियां बोलीं- पतियों की फिक्र में नहीं खाया जा रहा खाना : राम मिलन के अलावा मोतीपुर कला के सत्यदेव (46) पुत्र राम सागर, अंकित कुमार (22) पुत्र सीताराम, जय प्रकाश (23) पुत्र ज्ञानू , संतोष कुमार (24) पुत्र विशेषर, राम सुंदर (27) पुत्र मनीराम भी टनल में फंसे हैं. कंपनी की ओर से अंदर फंसे लोगों की जारी सूची में इनके नाम हैं. सुरंग हादसे से छह परिवारों की खुशियां काफूर हो गई हैं. परिजन सकुशल वापसी की राह निहार रहे हैं. सत्यदेव की पत्नी रामरती बताती हैं कि भूख, प्यास नहीं लगती है. दिन-रात पति की चिंता में डूबी रहती हूं. राम सुंदर की पत्नी शीला और अंकित की पत्नी भूमिका चौधरी भी गमगीन हैं. उनका कहना है कि चिंता में वे एक निवाला तक नहीं खा पा रहीं हैं. बस ईश्वर से पतियों की सकुशल वापसी की प्रार्थना कर रहीं हैं.

परिवार के लोग अपनों की सलामती के लिए दुआ मांग रहे हैं.
परिवार के लोग अपनों की सलामती के लिए दुआ मांग रहे हैं.

दो वर्ष पूर्व भी आपदा में लापता हो गए थे गांव के पांच लोग : उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में आई आपदा में इसी गांव पंचायत के रनियापुर के पांच लोग लापता हो गए थे. उनका अभी तक पता नहीं चल सका है. शिक्षक कर्मवीर राना बताते हैं कि इस गांव के हरी लाल, छोटू, प्रभुनाथ, अजय और वेद प्रकाश उत्तराखंड में मजदूरी करने गए थे. सात फरवरी 2021 को चमोली जिले के तपोवन में आई आपदा के मलबे और सैलाब में पांचों लापता हो गए थे. आज तक उनका पता नहीं चल सका है.

मिर्जापुर के हर शख्स की जुबान पर अखिलेश की चर्चा.
मिर्जापुर के हर शख्स की जुबान पर अखिलेश की चर्चा.

पिता बोले- बेटे की बहुत फिक्र हो रही है : मिर्जापुर के अदलहाट इलाके के गांव घरवासपुर का अखिलेश तीन साल से नवयुगा कंपनी में काम करता है. हादसे के दौरान वह भी टनल में फंस गया. गांव में उसके परिवार के लोग काफी परेशान हैं. युवक के पिता रमेश ने ईटीवी भारत को बताया कि टीवी-चैनलों के माध्यम से वहां के ताजा हालात के बारे में जानकारी मिल रही है. टनल में फंसे लोगों को खाना, ऑक्सीजन आदि पहुंचाया जा रहा है. बस बेटा किसी तरह घर आ जाए, बहुत फिक्र होती है उसकी. वहीं अखिलेश के चाचा विजय कुमार ने बताया कि हर दो घंटे पर उत्तराखंड के हेल्पलाइन नंबर फोन कर स्थिति की जानकारी ली जा रही है. बताया जा रहा है कि अंदर फंसे सभी लोग सुरक्षित हैं. जल्द ही सभी को बाहर निकाल लिया जाएगा.

मिर्जापुर के अखिलेश के लिए  गांव के लोग भी उदास.
मिर्जापुर के अखिलेश के लिए गांव के लोग भी उदास.

गर्भवती है अखिलेश की पत्नी, चाचा बोले- उसे कुछ नहीं बताया : अखिलेश के चाचा ने बताया कि 'अखिलेश की पत्नी गर्भवती है. रक्षाबंधन पर अखिलेश घर आया था. इसी सप्ताह वह फिर से आने वाला था. घर में नन्हें मेहमान के आगमन और दीपावली त्योहार को लेकर परिवार के लोग काफी खुश थे. घर में खुशियां मनाने की तैयारी थी. इस बीच पता चला कि हादसा हो गया है. इससे सभी लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आईं.अखिलेश की पत्नी को अभी कुछ बताया नहीं गया है. हम लोग चाहते हैं कि वह खुश रहे. बस यही दुआ है कि सब ठीक हो जाए. इसके बाद घर आकर लोगों से मिले'.

अखिलेश के लिए लोग कर रहे प्रार्थना.
अखिलेश के लिए लोग कर रहे प्रार्थना.

दोस्त भी उदास, कहा- वह भाई जैसा : अखिलेश के दोस्तविवेक कुमार ने बताया कि 'वह मेरे भाई जैसा है. जब से फंसा है, मैं और गांव के लोग भी परेशान हैं. उसकी फिक्र सताती है, कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है. पिछली बार उसने पत्नी के गर्भवती होने की खुशी मुझसे साझा की थी. वह मेरा बहुत अच्छा दोस्त है. हम चाहते हैं कि प्रशासन उसे सुरक्षित बाहर निकाले. हम लोग उसकी चिंता में न हो सही से खा पा रहे हैं, और न सही सो पा रहे हैं. बस हर वक्त वहां के हालात के बारे में जानने को मन बेचैन रहता है. भगवान करें कि सब अच्छा हो'.

लखीमपुर-खीरी में मंजीत के परिजन भी परेशान.
लखीमपुर-खीरी में मंजीत के परिजन भी परेशान.

लखीमपुर-खीरी का मंजीत चौधरी भी फंसा : निघासन तहसील के भेरनपुर मांझा का रहना वाला मंजीत परिवार के भरण-पोषण के लिए उत्तरकाशी में मजदूरी करने गया था. उसके टनल में फंसने की जानकारी होते ही परिवार के लोग रोने लगे. गांव भेरमपुर मांझा का रहने वाला मंजीत गरीब परिवार से है. परिवार के भरण-पोषण के लिए वह उत्तरकाशी गया था. वहां वह टनल में फंस गया. परिजनों ने बातचीत में बताया कि हम लोग काफी चिंतित हैं. बेटा घर आ जाए, दिन-रात यही प्रार्थना कर रहे हैं. वहीं बेटे का जिक्र होते ही मंजीत की मां की आंखें भर आईं. वह कुछ बोलना चाहती थीं लेकिन रो पड़ीं. निघासन तहसीलदार भीमचंद ने बताया कि तहसीलदार, नायब तहसीलदार, क्षेत्रीय लेखपाल सहित सरकारी अमले ने मंजीत के घर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की है.

यह भी पढ़ें : सिलक्यारा टनल से हटाया गया 20 मीटर मलबा, मजदूरों के रेस्क्यू में लग सकते हैं दो दिन, 6 दिन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन

Last Updated : Nov 14, 2023, 9:11 AM IST
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