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Umesh Pal का पड़ोसी मोहम्मद सजर लालच और जलन के कारण बन गया अतीक का मुखबिर

प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड की जांच में आए दिन चौंकाने वाले राज सामने आ रहे हैं. जिस शख्स काे उमेश ने कभी नौकरी दी थी, वही दुश्मनों तक पल-पल की जानकारी पहुंचा रहा था.

मुखबिरी करने वाला मोहम्मद सजर उमेश का पड़ोसी था.
मुखबिरी करने वाला मोहम्मद सजर उमेश का पड़ोसी था.
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Published : Mar 26, 2023, 6:49 AM IST

प्रयागराज : उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद गैंग के लिए मुखबिरी करने वाला मोहम्मद सजर उमेश का पड़ोसी था. जलन और लालच के कारण वह उमेश के खिलाफ चला गया. दरअसल उमेश ने सजर काे 18 साल पहले अपनी टैक्सी चलाने के लिए बतौर चालक रखा था. बाद में उसे नौकरी से हटा दिया गया. इससे सजर के मन में उमेश के लिए जलन शुरू हो गई. उमेश पाल का बढ़ता कद सजर की आंखों में चुभने लगा. इसी कारण सजर अतीक गिरोह के साथ मिल गया. पुलिस के मुताबिक उमेश पाल की हत्या की साजिश काे अंजाम तक पहुंचाने में इसी पड़ोसी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. फिलहाल प्रयागराज पुलिस उसे अतीक गैंग के अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

प्रयागराज पुलिस ने 21 फरवरी को अतीक गिरोह के लिए काम करने वाले उसके 5 गुर्गों को गिरफ्तार किया था. इसमें अतीक अहमद के करीबी ड्राइवर और मुंशी के साथ ही 2 ऐसे लोग पकड़े गए थे, जिन्होंने उमेश पाल की घर से निकलने से लेकर कचहरी तक जाने और वापस घर आने तक की लोकेशन बताने के साथ ही सटीक मुखबिरी की थी. घटना के दिन और उससे पहले भी शूटरों और जेल में बंद अतीक, अशरफ को उमेश पाल से जुड़ी सूचनाएं यही पड़ोसी बता रहा था. सजर की इस मुखबिरी ने उमेश पाल व उनकी सुरक्षा में तैनात दोनों सिपाहियों की हत्या में अहम योगदान दिया. पुलिस ने अतीक अहमद के खास गुर्गो के साथ ही पड़ोसी मोहम्मद सजर को भी गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है.

मोहम्मद सजर को हो रही थी जलन : उमेश पाल ने पड़ोस में रहने वाले मोहम्मद सजर को 18 साल पहले अपनी टैक्सी चलाने के लिए ड्राइवर की नौकरी दी थी. कई महीनों तक उमेश पाल से मिली तनख्वाह की वजह से उसका परिवार चल रहा था. कई महीने तक काम करने के बाद सजर को नौकरी से निकाल दिया गया. इसके बाद उमेश पाल दिन-प्रतिदिन तरक्की कर जीवन में आगे बढ़ते गए. इससे उमेश के पड़ोसी मोहम्मद सजर की जलन बढ़ती जा रही थी. सजर की जलन नफरत में बदल गई. अपनी जलन शांत करने के लिए मोहम्मद सजर अतीक के गैंग में शामिल होकर उमेश पाल की हत्या की साजिश तक में शामिल हो गया. पुलिस के मुताबिक मोहम्मद सजर न सिर्फ मुखबिरी करने को तैयार हुआ. बल्कि वो उमेश पाल की हत्या से जुड़ी प्लानिंग वाली मीटिंग में भी शामिल होता था. उसने जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ से मुलाकात भी की थी. वारदात से पहले उसने वीडियो कॉल के जरिए उमेश के आने-जाने के समय के साथ ही रास्ते को भी दिखाया था.

21 मार्च को पकड़े जाने पर हुआ था खुलासा : 21 मार्च को पुलिस ने असलहे और कैश के साथ अतीक अहमद के कार्यालय से उसके 5 गुर्गों को पकड़ा. परिवार वालों को यकीन नहीं हो रहा था कि पड़ोस में रहने वाले सजर ने उनके साथ इतना बड़ा धोखा किया है. उमेश पाल के भतीजे का कहना है कि मोहम्मद सजर कई सालों पहले उमेश पाल के लिए ड्राइवर का कार्य करता था. इधर कुछ दिनों से सड़क पर निकलने पर अक्सर वह आसपास दिखता भी था. यही नहीं वह उमेश पाल से सामना होने पर दुआ-सलाम भी करता था. उसके मन में इतनी जलन और नफरत थी, इस बात का उनके परिवार वालों को अंदाजा नहीं था.

यह भी पढ़ें : उमेश पाल हत्याकांड के एक माह बाद भी शूटरों तक नहीं पहुंच सकी STF

प्रयागराज : उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद गैंग के लिए मुखबिरी करने वाला मोहम्मद सजर उमेश का पड़ोसी था. जलन और लालच के कारण वह उमेश के खिलाफ चला गया. दरअसल उमेश ने सजर काे 18 साल पहले अपनी टैक्सी चलाने के लिए बतौर चालक रखा था. बाद में उसे नौकरी से हटा दिया गया. इससे सजर के मन में उमेश के लिए जलन शुरू हो गई. उमेश पाल का बढ़ता कद सजर की आंखों में चुभने लगा. इसी कारण सजर अतीक गिरोह के साथ मिल गया. पुलिस के मुताबिक उमेश पाल की हत्या की साजिश काे अंजाम तक पहुंचाने में इसी पड़ोसी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. फिलहाल प्रयागराज पुलिस उसे अतीक गैंग के अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

प्रयागराज पुलिस ने 21 फरवरी को अतीक गिरोह के लिए काम करने वाले उसके 5 गुर्गों को गिरफ्तार किया था. इसमें अतीक अहमद के करीबी ड्राइवर और मुंशी के साथ ही 2 ऐसे लोग पकड़े गए थे, जिन्होंने उमेश पाल की घर से निकलने से लेकर कचहरी तक जाने और वापस घर आने तक की लोकेशन बताने के साथ ही सटीक मुखबिरी की थी. घटना के दिन और उससे पहले भी शूटरों और जेल में बंद अतीक, अशरफ को उमेश पाल से जुड़ी सूचनाएं यही पड़ोसी बता रहा था. सजर की इस मुखबिरी ने उमेश पाल व उनकी सुरक्षा में तैनात दोनों सिपाहियों की हत्या में अहम योगदान दिया. पुलिस ने अतीक अहमद के खास गुर्गो के साथ ही पड़ोसी मोहम्मद सजर को भी गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है.

मोहम्मद सजर को हो रही थी जलन : उमेश पाल ने पड़ोस में रहने वाले मोहम्मद सजर को 18 साल पहले अपनी टैक्सी चलाने के लिए ड्राइवर की नौकरी दी थी. कई महीनों तक उमेश पाल से मिली तनख्वाह की वजह से उसका परिवार चल रहा था. कई महीने तक काम करने के बाद सजर को नौकरी से निकाल दिया गया. इसके बाद उमेश पाल दिन-प्रतिदिन तरक्की कर जीवन में आगे बढ़ते गए. इससे उमेश के पड़ोसी मोहम्मद सजर की जलन बढ़ती जा रही थी. सजर की जलन नफरत में बदल गई. अपनी जलन शांत करने के लिए मोहम्मद सजर अतीक के गैंग में शामिल होकर उमेश पाल की हत्या की साजिश तक में शामिल हो गया. पुलिस के मुताबिक मोहम्मद सजर न सिर्फ मुखबिरी करने को तैयार हुआ. बल्कि वो उमेश पाल की हत्या से जुड़ी प्लानिंग वाली मीटिंग में भी शामिल होता था. उसने जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ से मुलाकात भी की थी. वारदात से पहले उसने वीडियो कॉल के जरिए उमेश के आने-जाने के समय के साथ ही रास्ते को भी दिखाया था.

21 मार्च को पकड़े जाने पर हुआ था खुलासा : 21 मार्च को पुलिस ने असलहे और कैश के साथ अतीक अहमद के कार्यालय से उसके 5 गुर्गों को पकड़ा. परिवार वालों को यकीन नहीं हो रहा था कि पड़ोस में रहने वाले सजर ने उनके साथ इतना बड़ा धोखा किया है. उमेश पाल के भतीजे का कहना है कि मोहम्मद सजर कई सालों पहले उमेश पाल के लिए ड्राइवर का कार्य करता था. इधर कुछ दिनों से सड़क पर निकलने पर अक्सर वह आसपास दिखता भी था. यही नहीं वह उमेश पाल से सामना होने पर दुआ-सलाम भी करता था. उसके मन में इतनी जलन और नफरत थी, इस बात का उनके परिवार वालों को अंदाजा नहीं था.

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