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Manipur violence : मणिपुर में उग्रवादियों के साथ गोलीबारी में दो सुरक्षाकर्मी घायल - two security personnel injured

हिंसा ग्रस्त मणिपुर में लगभग दो महीने से लगातार आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं हो रही हैं. शुक्रवार को एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक ताजा वारदात में दो समूहों के बीच चल रही गोलीबारी में दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गये. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 28, 2023, 11:28 AM IST

इंफाल : मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में उग्रवादियों के साथ गोलीबारी में सेना के एक जवान समेत दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गये. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 50 किलोमीटर दूर फौबाकचाओ इखाई इलाके में गुरुवार सुबह गोलीबारी शुरू हुई और विद्रोहियों के भागने तक देर रात लगभग 15 घंटे गोलीबारी का दौर जारी रहा. गोलीबारी के दौरान तेरा खोंगसांगबी के पास एक मकान में आग लगा दी गई. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों में हो रही गोलीबारी के बीच भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिसकर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा.

मणिपुर पुलिस के घायल कमांडो की पहचान 40 वर्षीय नामीराकपम इबोम्चा के रूप में हुई है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मोर्टार फटने की वजह से इबोम्चा के दाहिने पैर और दाहिने कान में छर्रे लगे हैं. उन्होंने बताया कि सेना का जवान कुमाऊं रेजिमेंट का है, लेकिन अभी तक उसकी पहचान नहीं हो पाई है.

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उन्होंने कहा कि वहां उड़ रहे ड्रोन में उग्रवादियों की अपने कुछ साथियों को ले जाते हुए कुछ तस्वीरें आई हैं. यह अभी स्पष्ट नहीं है कि कार्रवाई में वे घायल हुए या मारे गए. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतेती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं. राज्य में मैतेई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

इंफाल : मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में उग्रवादियों के साथ गोलीबारी में सेना के एक जवान समेत दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गये. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 50 किलोमीटर दूर फौबाकचाओ इखाई इलाके में गुरुवार सुबह गोलीबारी शुरू हुई और विद्रोहियों के भागने तक देर रात लगभग 15 घंटे गोलीबारी का दौर जारी रहा. गोलीबारी के दौरान तेरा खोंगसांगबी के पास एक मकान में आग लगा दी गई. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों में हो रही गोलीबारी के बीच भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिसकर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा.

मणिपुर पुलिस के घायल कमांडो की पहचान 40 वर्षीय नामीराकपम इबोम्चा के रूप में हुई है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मोर्टार फटने की वजह से इबोम्चा के दाहिने पैर और दाहिने कान में छर्रे लगे हैं. उन्होंने बताया कि सेना का जवान कुमाऊं रेजिमेंट का है, लेकिन अभी तक उसकी पहचान नहीं हो पाई है.

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उन्होंने कहा कि वहां उड़ रहे ड्रोन में उग्रवादियों की अपने कुछ साथियों को ले जाते हुए कुछ तस्वीरें आई हैं. यह अभी स्पष्ट नहीं है कि कार्रवाई में वे घायल हुए या मारे गए. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतेती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं. राज्य में मैतेई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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