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शहीद जवानों और कैप्टन महेंद्रनाथ मुल्ला के बारे में बताएगा आईएनएस खुखरी मेमोरियल - आईएनएस खुकरी

आईएनएस खुखरी का इतिहास से ज्यादातर लोग वाकिफ नहीं हैं. मगर अब इसके बारे में जानना चाहते हैं तो दीव आएं. 26 जनवरी से आईएनएस खुकरी मेमोरियल की ओपनिंग हो रही है. यह भारत पाक युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के बारे में बताएगा.

Warship INS Khukri Memoria
Warship INS Khukri Memoria
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Published : Jan 17, 2022, 2:07 PM IST

दीव : 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान के हमले में डूबे युद्धपोत आईएनएस खुकरी अब दीव में स्मारक के तौर पर रखा जाएगा. दीव की कलेक्टर सोनी राय ने बताया कि युद्धपोत को आईएनएस खुकरी मेमोरियल के रूप में विकसित किया गया है. अब यह लोगों को 171 से ज्यादा शहीद हुए भारतीय जवानों और कैप्टन महेंद्रनाथ मुल्ला के गौरवशाली इतिहास के बारे में लोगों को बताएगा.

दीव के चक्रतीर्थ समुद्र तट पर
दीव के चक्रतीर्थ समुद्र तट पर होगा युद्धपोत आईएनएस खुकरी.

1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान भारतीय सेना के दो युद्धपोत मुंबई और विशाखापत्तनम से दीव जा रहे थे. इनमें मुंबई से दीव आ रहा आईएनएस खुकरी भी शामिल था. रास्ते में पाकिस्तानी टारपीडो ने इस पर हमला कर दिया. इस हमले के बाद खुकरी में दो छेद हो चुके थे और उसमें तेज़ी से पानी भर रहा था. इस युद्धपोत के कैप्टन महेंद्रनाथ मुल्ला थे. उनकी टीम ने बर्फीले पानी में इस छेद को भरने की कोशिश की, मगर सफल नहीं हो सके. कैप्टेन महेंद्रनाथ मुल्ला ने नौसेना की सर्वोच्च परंपरा का निर्वाह करते हुए अपना जहाज़ नहीं छोड़ा और जल समाधि ली. उनकी इस वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र दिया गया.

कलेक्टर सलोनी राय ने बताया कि आईएनएस खुकरी मेमोरियल का उद्घाटन दीव के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल करेंगे. इसे विशाखापत्तनम से दीव लाया गए है. एक अन्य नाव की मदद से इस युद्धपोत को दीव के चक्रतीर्थ समुद्र तट पर रखा जाएगा. स्मारक 26 जनवरी को जनता के लिए खोल दिया जाएगा ताकि दीव आने वाले पर्यटक एक बार फिर युद्धपोत खुकरी की बहादुरी और निडर कहानी जान सकें.

पढ़ें : पेरूमल मंदिर से गायब हुए भगवान मुरुगा के 422 साल पुराने भाले

दीव : 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान के हमले में डूबे युद्धपोत आईएनएस खुकरी अब दीव में स्मारक के तौर पर रखा जाएगा. दीव की कलेक्टर सोनी राय ने बताया कि युद्धपोत को आईएनएस खुकरी मेमोरियल के रूप में विकसित किया गया है. अब यह लोगों को 171 से ज्यादा शहीद हुए भारतीय जवानों और कैप्टन महेंद्रनाथ मुल्ला के गौरवशाली इतिहास के बारे में लोगों को बताएगा.

दीव के चक्रतीर्थ समुद्र तट पर
दीव के चक्रतीर्थ समुद्र तट पर होगा युद्धपोत आईएनएस खुकरी.

1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान भारतीय सेना के दो युद्धपोत मुंबई और विशाखापत्तनम से दीव जा रहे थे. इनमें मुंबई से दीव आ रहा आईएनएस खुकरी भी शामिल था. रास्ते में पाकिस्तानी टारपीडो ने इस पर हमला कर दिया. इस हमले के बाद खुकरी में दो छेद हो चुके थे और उसमें तेज़ी से पानी भर रहा था. इस युद्धपोत के कैप्टन महेंद्रनाथ मुल्ला थे. उनकी टीम ने बर्फीले पानी में इस छेद को भरने की कोशिश की, मगर सफल नहीं हो सके. कैप्टेन महेंद्रनाथ मुल्ला ने नौसेना की सर्वोच्च परंपरा का निर्वाह करते हुए अपना जहाज़ नहीं छोड़ा और जल समाधि ली. उनकी इस वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र दिया गया.

कलेक्टर सलोनी राय ने बताया कि आईएनएस खुकरी मेमोरियल का उद्घाटन दीव के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल करेंगे. इसे विशाखापत्तनम से दीव लाया गए है. एक अन्य नाव की मदद से इस युद्धपोत को दीव के चक्रतीर्थ समुद्र तट पर रखा जाएगा. स्मारक 26 जनवरी को जनता के लिए खोल दिया जाएगा ताकि दीव आने वाले पर्यटक एक बार फिर युद्धपोत खुकरी की बहादुरी और निडर कहानी जान सकें.

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