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यूपी कैबिनेट से दिखेगी 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी, जानें कौन, किस पर होगा भारी

पांच राज्यों के चुनाव खत्म (Five state elections over) हो जाने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी चुनावी समीक्षा और विश्लेषण में जुटी हुई है. खासतौर पर उतर प्रदेश चुनाव के रिजल्ट को लेकर भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने पिछले एक सप्ताह से चल रही बैठकों में काफी विश्लेषण और मंथन किया है. इन विश्लेषणों के बाद निकले नतीजों के अनुसार ही यूपी कैबिनेट का आकार-प्रकार तय किया जाएगा. यह 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी को भी रेखांकित करेगा.

UP cabinet
चुनावी नतीजे
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Published : Mar 19, 2022, 7:48 PM IST

नई दिल्ली: भाजपा सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों प्रधानमंत्री के सामने उत्तर प्रदेश के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan in charge of Uttar Pradesh) ने चुनाव नतीजों का पूरा खाका रखा था. जिसमें चुनाव के रिजल्ट को 4 भागों में वर्गीकृत किया गया है. इसमें जीते हुए उम्मीदवार की शिक्षा-दीक्षा, जीते हुए उम्मीदवार का क्षेत्र, जीते हुए उम्मीदवार की जाति और उस जिले में उनकी संख्या और जीते हुए उम्मीदवार की उम्र को शामिल किया गया है.

सूत्रों की मानें तो पार्टी यह तैयारी 2024 के लिए कर रही है. यही वजह है कि चुनाव के नतीजे आने के बाद, जातिगत और सीटों का क्रमवार विश्लेषण किया जा रहा है. जिन जगहों पर पार्टी के वोट शेयर बढ़े हैं और जहां वोट शेयर घटे हैं, उन पर भी विश्लेषण किया गया है. सूत्रों की मानें तो उम्मीदवारों का वर्गीकरण सरकार में हिस्सेदारी के अनुसार किया गया है. यानी जितनी जिसकी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी के अनुपात में सरकार में मंत्री बनाए जाने की उम्मीद है.

मंत्री बनाने की यह नीति
कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले लोगों में मुख्य अहर्ताएं यह भी हैं कि सभी पढ़े-लिखे और युवा विधायकों को ही पार्टी ज्यादा तरजीह देगी. पार्टी सूत्रों की मानें तो सभी जाति, क्षेत्र ,उम्र और शिक्षा वर्ग के उम्मीदवारों को सरकार में प्रतिनिधित्व देने पर विचार किया जा रहा है. पार्टी ने मंत्रियों का एक विश्लेषण और सर्वे भी करवाया है. जिनकी रिपोर्ट खराब आई है, उन्हें पार्टी रिपीट नहीं करने का मन बना चुकी है. मगर अंदरखाने जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार पार्टी के बड़े नेताओं ने यह तय किया है की पार्टी के बड़े जनाधार वाले चेहरे और मंत्रिमंडल में रहे वैसे मंत्री, जिनके विभाग का रिपोर्ट कार्ड अच्छा रहा है, उन्हें रिपीट किया जा सकता है.

महिला को प्रमुखता की रणनीति
भारतीय जनता पार्टी इस बार महिलाओं को भी प्रमुखता से प्रतिनिधित्व देने पर विचार कर रही है. जो बातें निकलकर सामने आ रही हैं, उससे साफ है कि इस बार दो की जगह 3 उप मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं. जिसमें एक महिला उम्मीदवार शामिल हो सकती हैं. कैबिनेट में प्रतिनिधित्व इस बात को ध्यान में रखकर किया जाएगा कि जातीय समीकरण 2024 के चुनाव में कैसे प्रभावित करें. इन सभी बातों का पूरा-पूरा ध्यान रखने की हिदायत केंद्रीय नेतृत्व ने दी है.

यह भी पढ़ें- मान कैबिनेट की पहली बैठक में बड़ा फैसला, 25,000 सरकारी नौकरियों की मंजूरी

जनप्रतिनिधि बनकर करना होगा काम
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश में उन्हें बड़ा जनाधार मिला है. यही कारण है कि पार्टी जीत के बाद आराम से बैठी नहीं है. जब उनसे यह पूछा गया कि क्या 2024 की तैयारी अभी से संगठन ने शुरू कर दी है? तो उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव, राज्य के चुनाव से बड़ा होता है. जाहिर सी बात है पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए समय से पहले तैयारी करेगी. वह सामान्य प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि वैसे भी प्रधानमंत्री का यह सख्त निर्देश है कि चुनाव जीतने के बाद विधायक हों या सांसद, अपने क्षेत्र के लोगों के लिए हमेशा उपलब्ध रहें. इसी का पालन हमारे चुने हुए प्रतिनिधि करते भी रहते हैं.

नई दिल्ली: भाजपा सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों प्रधानमंत्री के सामने उत्तर प्रदेश के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan in charge of Uttar Pradesh) ने चुनाव नतीजों का पूरा खाका रखा था. जिसमें चुनाव के रिजल्ट को 4 भागों में वर्गीकृत किया गया है. इसमें जीते हुए उम्मीदवार की शिक्षा-दीक्षा, जीते हुए उम्मीदवार का क्षेत्र, जीते हुए उम्मीदवार की जाति और उस जिले में उनकी संख्या और जीते हुए उम्मीदवार की उम्र को शामिल किया गया है.

सूत्रों की मानें तो पार्टी यह तैयारी 2024 के लिए कर रही है. यही वजह है कि चुनाव के नतीजे आने के बाद, जातिगत और सीटों का क्रमवार विश्लेषण किया जा रहा है. जिन जगहों पर पार्टी के वोट शेयर बढ़े हैं और जहां वोट शेयर घटे हैं, उन पर भी विश्लेषण किया गया है. सूत्रों की मानें तो उम्मीदवारों का वर्गीकरण सरकार में हिस्सेदारी के अनुसार किया गया है. यानी जितनी जिसकी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी के अनुपात में सरकार में मंत्री बनाए जाने की उम्मीद है.

मंत्री बनाने की यह नीति
कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले लोगों में मुख्य अहर्ताएं यह भी हैं कि सभी पढ़े-लिखे और युवा विधायकों को ही पार्टी ज्यादा तरजीह देगी. पार्टी सूत्रों की मानें तो सभी जाति, क्षेत्र ,उम्र और शिक्षा वर्ग के उम्मीदवारों को सरकार में प्रतिनिधित्व देने पर विचार किया जा रहा है. पार्टी ने मंत्रियों का एक विश्लेषण और सर्वे भी करवाया है. जिनकी रिपोर्ट खराब आई है, उन्हें पार्टी रिपीट नहीं करने का मन बना चुकी है. मगर अंदरखाने जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार पार्टी के बड़े नेताओं ने यह तय किया है की पार्टी के बड़े जनाधार वाले चेहरे और मंत्रिमंडल में रहे वैसे मंत्री, जिनके विभाग का रिपोर्ट कार्ड अच्छा रहा है, उन्हें रिपीट किया जा सकता है.

महिला को प्रमुखता की रणनीति
भारतीय जनता पार्टी इस बार महिलाओं को भी प्रमुखता से प्रतिनिधित्व देने पर विचार कर रही है. जो बातें निकलकर सामने आ रही हैं, उससे साफ है कि इस बार दो की जगह 3 उप मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं. जिसमें एक महिला उम्मीदवार शामिल हो सकती हैं. कैबिनेट में प्रतिनिधित्व इस बात को ध्यान में रखकर किया जाएगा कि जातीय समीकरण 2024 के चुनाव में कैसे प्रभावित करें. इन सभी बातों का पूरा-पूरा ध्यान रखने की हिदायत केंद्रीय नेतृत्व ने दी है.

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जनप्रतिनिधि बनकर करना होगा काम
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश में उन्हें बड़ा जनाधार मिला है. यही कारण है कि पार्टी जीत के बाद आराम से बैठी नहीं है. जब उनसे यह पूछा गया कि क्या 2024 की तैयारी अभी से संगठन ने शुरू कर दी है? तो उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव, राज्य के चुनाव से बड़ा होता है. जाहिर सी बात है पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए समय से पहले तैयारी करेगी. वह सामान्य प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि वैसे भी प्रधानमंत्री का यह सख्त निर्देश है कि चुनाव जीतने के बाद विधायक हों या सांसद, अपने क्षेत्र के लोगों के लिए हमेशा उपलब्ध रहें. इसी का पालन हमारे चुने हुए प्रतिनिधि करते भी रहते हैं.

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