हैदराबाद : आईएएस अधिकारियों से जुड़े नियमों में बदलाव (IAS cadre rules) के मामले में कई राज्यों ने केंद्र के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है. ताजा घटनाक्रम में तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसी राव ने भी आईएएस कैडर रूल चेंज मामले में 'सख्त विरोध' किया है.
पीएम मोदी को लिखे पत्र में तेलंगाना के सीएम केसी राव ने कहा है कि आईएएस कैडर रूल चेंज का वर सख्त विरोध करते हैं. केसीआर ने केंद्र सरकार से इस फैसले पर दोबारा विचार करने की अपील की है.
दरअसल, कार्मिक मंत्रालय ने मौजूदा सेवा नियमों में बदलाव का फैसला (Personnel Ministry existing service rules amendment) किया है ताकि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए पर्याप्त संख्या में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों की उपलब्धता रहे.
कार्मिक मंत्रालय ने मौजूदा सेवा नियमों में बदलाव का फैसला गत 18 जनवरी को किया था. इस फैसले का मकसद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए पर्याप्त संख्या में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों की उपलब्धता रहे. केंद्र को अधिक प्रतिनिधित्व देने वाला यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब मंत्रालय द्वारा अनेक बार इस विषय को उठाये जाने के बाद भी अनेक राज्य/संयुक्त कैडर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व के तहत पर्याप्त संख्या में आईएएस अधिकारियों को भेजते नहीं दिखे.
कार्मिक मंत्रालय ने आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में बदलाव वाले प्रस्ताव में कहा, 'इसके परिणामस्वरूप केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए उपलब्ध अधिकारियों की संख्या केंद्र में जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है.' नये नियम संबंधी प्रस्ताव के अनुसार केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति में भेजे जाने वाले अधिकारियों की वास्तविक संख्या केंद्र सरकार संबंधित राज्य सरकार के साथ परामर्श से तय करेगी.
नए नियमों में कहा गया है कि किसी तरह की असहमति की स्थिति में निर्णय केंद्र सरकार करेगी और संबंधित राज्य सरकारें निश्चित समय में केंद्र सरकार के निर्णय को लागू करेंगी. मौजूदा नियमों में इस तरह की असहमतियों की स्थिति में फैसले के लिए कोई समयसीमा का उल्लेख नहीं है.
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पश्चिम बंगाल, झारखंड और केरल में विरोध के स्वर
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन समेत कई राज्यों ने केंद्र के फैसले का विरोध कर चुके हैं. ममता ने गत 20 जनवरी को अपील की थी कि केंद्र सरकार आईएएस कैडर रूल, 1954 में संशोधन (amendment to IAS Cadre Rules 1954) पर आगे न बढ़े. ममता बनर्जी ने 13 जनवरी को भी पीएम मोदी को पत्र लिखकर उनसे इस प्रस्ताव पर आगे नहीं बढ़ने की अपील की थी.
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ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा था, 'मैं कैडर नियमों में इस तरह के संशोधन का प्रस्ताव करने में केंद्र सरकार द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण पर अपना कड़ा विरोध व्यक्त करती हूं, जो एकतरफा रूप से राज्य सरकार के लिये प्रतिनियुक्ति के वास्ते केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व के तहत निर्धारित संख्या में अधिकारियों को उपलब्ध कराना अनिवार्य करता है.'
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी भारतीय प्राशासनिक सेवा संवर्ग (आईएएस कैडर) के नियमों में केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को एकपक्षीय, कठोर और सहकारी संघवाद की भावना के विपरीत बताते हुए इन्हें तत्काल 'दफन' कर देने की प्रधानमंत्री से अपील की है.
नए प्रस्तावों को तत्काल दफन करें
सोरेन ने शनिवार को कहा कि केंद्र के इस कदम से संविधान में इस मुद्दे पर विचार विमर्श और सहयोग के लिए की गयी व्यवस्था खत्म हो जायेगी और स्वच्छंदता को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा पत्र आम लोगों के लिए जारी करते हुए ट्विटर पर लिखा, 'हमने आईएएस कैडर के नियमों में केंद्र के प्रस्तावित संशोधनों के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय को अपनी कड़ी आपत्ति के साथ पत्र लिखा है और स्पष्ट कर दिया है कि प्रस्तावित संशोधन सहकारी संघवाद की बजाय स्वच्छंदता को बढ़ावा देंगे.' सोरेन ने ट्वीट में कहा, 'हमें उम्मीद है कि वह मेरे अनुरोध पर विचार करेंगे और नये प्रस्तावों को तत्काल दफन कर देंगे.'