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तकनीक की मदद से प्रचार अभियान तेज, पार्टियां और नेता एआई का भी कर रहे इस्तेमाल

तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होना है, ऐसे में चुनाव प्रचार तेज है. उम्मीदवार सभाएं और बैठकें तो कर ही रहे हैं, साथ ही मतदाताओं तक पहुंचने के लिए एआई का इस्तेमाल भी कर रहे हैं. Telangana election 2023, Telangana poll 2023, artificial intelligence, Campaigning in telangana.

Telangana assembly elections
तेलंगाना विधानसभा चुनाव
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 21, 2023, 3:50 PM IST

हैदराबाद: जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, उम्मीदवार अपने प्रचार अभियान में नए-नए प्रयास कर रहे हैं. ग्रेटर हैदराबाद में प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 2.5 लाख से 8 लाख मतदाता हैं. सभी कॉलोनियों और बस्तियों में जाकर मतदाताओं से मिलना कोई आसान काम नहीं है. हालांकि चुनाव के समय तक सार्वजनिक बैठकें और नुक्कड़ सभाएं आयोजित की जाती हैं, लेकिन अभी भी ऐसे क्षेत्र हैं जहां नहीं पहुंचा जा सका है.

अत्यधिक प्रतिस्पर्धी माहौल में हर वोट मायने रखता है. पहले से ही बीआरएस राज्य के नेता, कांग्रेस और भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता प्रचार कर रहे हैं. इसके अलावा तकनीक की मदद से भी अभियान तेज हो रहा है. उम्मीदवार सीधे तौर पर वॉयस मैसेज के जरिए फोन करके मतदाताओं से वोट देने का अनुरोध कर रहे हैं.

उनका कहना है कि अगर वे जीत गए तो क्या करेंगे. विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को भी ऐसे कॉल करके वोट डालने के लिए कहा जा रहा है. इसके अलावा वे उन इलाकों के बारे में बता रहे हैं जहां आए दिन नुक्कड़ सभाएं होती हैं और उन्हें शामिल होने के लिए कह रहे हैं. सभी प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशी इस तरह का अभियान चला रहे हैं.

पूरी दुनिया में धूम मचा रही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया जा रहा है. जुबली हिल्स से एक स्वतंत्र उम्मीदवार अपने अभियान में इस एआई तकनीक का उपयोग करके प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. एक एआई टूल बनाकर उस क्षेत्र के मतदाताओं के व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जा रहा है.

यदि वे इसे खोलेंगे और क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे तो...उम्मीदवार की पूरी जानकारी मतदाताओं के पास उपलब्ध होगी. चैटिंग के जरिए कैंडिडेट से कई सवाल पूछने का मौका मिलता है. मिशन लर्निंग से पहले कुछ सामान्य प्रश्नों के उत्तर डिजाइन कर इसमें रखे गए हैं.

कुछ लोग समाज के लिए कुछ करने के लिए चुनाव लड़ना पसंद करते हैं. हालांकि, राजनीतिक पृष्ठभूमि और पैसे की कमी के कारण, वे पीछे हट जाते हैं. बताया जा रहा है कि इस तकनीक से काफी कम कीमत पर विज्ञापन की संभावना है. एआई के माध्यम से प्रत्येक मतदाता को जानकारी भेजने के लिए 80 पैसे से अधिक नहीं खर्च हो रहा है. विशेषज्ञ विश्लेषण कर रहे हैं कि यह भविष्य के उम्मीदवारों के लिए अभियान खर्च कम करने का एक विकल्प बनने की संभावना है.

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अत्यधिक प्रतिस्पर्धी माहौल में हर वोट मायने रखता है. पहले से ही बीआरएस राज्य के नेता, कांग्रेस और भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता प्रचार कर रहे हैं. इसके अलावा तकनीक की मदद से भी अभियान तेज हो रहा है. उम्मीदवार सीधे तौर पर वॉयस मैसेज के जरिए फोन करके मतदाताओं से वोट देने का अनुरोध कर रहे हैं.

उनका कहना है कि अगर वे जीत गए तो क्या करेंगे. विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को भी ऐसे कॉल करके वोट डालने के लिए कहा जा रहा है. इसके अलावा वे उन इलाकों के बारे में बता रहे हैं जहां आए दिन नुक्कड़ सभाएं होती हैं और उन्हें शामिल होने के लिए कह रहे हैं. सभी प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशी इस तरह का अभियान चला रहे हैं.

पूरी दुनिया में धूम मचा रही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया जा रहा है. जुबली हिल्स से एक स्वतंत्र उम्मीदवार अपने अभियान में इस एआई तकनीक का उपयोग करके प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. एक एआई टूल बनाकर उस क्षेत्र के मतदाताओं के व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जा रहा है.

यदि वे इसे खोलेंगे और क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे तो...उम्मीदवार की पूरी जानकारी मतदाताओं के पास उपलब्ध होगी. चैटिंग के जरिए कैंडिडेट से कई सवाल पूछने का मौका मिलता है. मिशन लर्निंग से पहले कुछ सामान्य प्रश्नों के उत्तर डिजाइन कर इसमें रखे गए हैं.

कुछ लोग समाज के लिए कुछ करने के लिए चुनाव लड़ना पसंद करते हैं. हालांकि, राजनीतिक पृष्ठभूमि और पैसे की कमी के कारण, वे पीछे हट जाते हैं. बताया जा रहा है कि इस तकनीक से काफी कम कीमत पर विज्ञापन की संभावना है. एआई के माध्यम से प्रत्येक मतदाता को जानकारी भेजने के लिए 80 पैसे से अधिक नहीं खर्च हो रहा है. विशेषज्ञ विश्लेषण कर रहे हैं कि यह भविष्य के उम्मीदवारों के लिए अभियान खर्च कम करने का एक विकल्प बनने की संभावना है.

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