लखनऊ : हाथों में टैटू बनवाने का मौजूदा समय में ट्रेंड बन गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि टैटू बनवाने के कारण बहुत से लोग हेपेटाइटिस सी और एड्स जैसी बीमारियों की चपेट में आए हैं. दरअसल टैटू एक निडल की मदद से त्वचा पर बनाया जाता है. जिसमें विभिन्न रंग शामिल होते हैं. टैटू हटाने का भी कोई परमानेंट ट्रीटमेंट अभी नहीं आया है. बहुत से लोग सर्जरी करवाते हैं. इसके बावजूद अच्छे तरह से टैटू नहीं हट पाता है. एक छोटे से टैटू को भी बनवाने में हमारे शरीर को काफी दर्द सहन करना पड़ता है.
सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मौजूदा समय में युवा वर्ग के लोगों में देखा जा रहा है कि वह टैटू बनवा रहे हैं. इसके अलावा बहुत सारे प्लेयर्स और कला क्षेत्र से जुड़े हुए लोग भी टैटू बनवाने के लिए इच्छुक रहते हैं. टैटू बनवाने से पहले कुछ चीजों का लोगों को ध्यान देना चाहिए. ताकि भविष्य में उन्हें किसी भी बीमारी या समस्या का सामना न करना पड़े, जो लाइलाज हो.
डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव के अनुसार टैटू बनवाने में खून से संबंधित बीमारियां होने का खतरा रहता है. ऐसा नहीं है कि हर जगह इस तरह की हरकतें होती हैं कि बिना नीडल चेंज किए कई लोगों को टैटू बनाया जा रहा है जो अच्छी जगह होती हैं और टैटू बनाने की प्रोफेशन में अव्वल दर्जे पर होते हैं वे इस तरह की हरकतें नहीं करते हैं. खून से होने वाली बीमारियों में हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस बी और एचआईवी जैसी बीमारियों का खतरा रहता है.
ऐसी वैसी जगह से न बनवाएं टैटू : टैटू शॉप के ओनर अमर ने कहा कि इस समय हर जगह टैटू शॉप खुली हुई हैं. कुछ लोग फुटपाथ पर बैठकर टैटू बना रहे हैं. ऐसे में लोगों को थोड़ा सा जागरूक रहने की आवश्यकता है. किसी ऐसी वैसी जगह से मेले में लगी दुकानों या फुटपाथ पर बैठे टैटू मेकर की बजाय किसी अच्छे प्रोफेशनल टैटू मेकर के पास जाएं. किसी ऐसी जगह टैटू न बनवाएं जहां हाइजीन का ख्याल न रखा जाता हो. टैटू बनवाने से पहले कुछ बातों का ख्याल जरूर रखें कि क्या टैटू मेकर उस काम में एक्सपर्ट है या नहीं है. उसके हाथ में सफाई कितनी है और वह जिस इक्विपमेंट्स बना रहा है वह कितना सुरक्षित है. क्या वह नीडल बदलकर बना रहा है.
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