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ज्ञानवापी में शुक्रवार का ASI सर्वे पूरा, कानपुर IIT की टीम ने जीपीआर मशीन से की जांच - वाराणसी की न्यूज

ज्ञानवापी में सुबह आठ बजे से ASI की टीम ने सर्वे की कार्रवाई शुरू कर दी. कानपुर आईआईटी की टीम जीपीआर मशीन से परिसर की जांच की. शुक्रवार का सर्वे शाम तक पूरा कर लिया गया.

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Published : Aug 11, 2023, 8:04 AM IST

Updated : Aug 11, 2023, 9:42 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में सर्वे की कार्रवाई शुक्रवार को भी जारी रही. आज की कार्रवाई शाम 5:00 बजे तक खत्म हो गई. आज दिन भर सर्वे की कार्रवाई में कानपुर की टीम ने रडार सिस्टम यानी जीपीआर को लेकर तैयारी पूर्ण कर ली है. हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद अब इस मामले में मीडिया को कुछ भी जानकारी नहीं दी जा रही है. मीडिया को वहां जाने की अनुमति भी नहीं दी गई है. प्रकरण में कल भी सर्वे की कार्रवाई जारी रहेगी. इन सबके बीच आज कोर्ट में अलग-अलग मामलों की भी सुनवाई हुई वादिनी राखी सिंह की तरफ से एक नया वाद दाखिल किया गया है, जबकि एक अन्य मामले में सुनवाई नहीं हो सकी.

दाखिल किया गया नया वाद : जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में राखी सिंह की तरफ से एक नया आवेदन हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में दिया गया है. यह आवेदन श्रृंगार गौरी मूल वाद में दाखिल किया गया है. राखी सिंह के अधिवक्ता मानबहादुर सिंह, सौरभ तिवारी व अनुपम द्विवेदी की ओर से दिए गए आवेदन में कहा गया कि कमीशन के दौरान जो महत्वपूर्ण हिंदू साक्ष्य पाए गए हैं. उसे मुस्लिम पक्ष नुकसान पहुंचा रहे हैं. ऐसे में ऐसी सुरक्षा व्यवस्था की जाए कि जिससे किसी साक्ष्य को कोई नुकसान न पहुंचे. एएसआई का सर्वे सुचारू रूप से चलता रहे, अदालत इस आवेदन पर पहले से ही नियत तिथि 17 अगस्त को सुनवाई करेगी.

सालाना उर्स मनाने की मांगी अनुमति : वहीं ज्ञानवापी परिसर के पश्चिमी दीवार की तरफ कुछ कब्र मौजूद हैं. जिनका जिक्र करते हुए लोहता के मुख्तार अंसारी की तरफ से कोर्ट में इस जगह पर सालाना उर्स मनाने की अनुमति मांगी गई है. इसे लेकर कोर्ट में पिछले दिनों एक प्रार्थना पत्र भी दाखिल किया गया था, लेकिन आज सुनवाई नहीं हो सकी. इस मामले में हिंदू पक्ष को भी पक्षधर बनाए जाने संदर्भित अपील पर मौका समाप्त करने की बात भी वादी पक्षी तरफ से अदालत से की गई है. फिलहाल इस मामले में 25 अगस्त को अगली सुनवाई होगी.

मीडिया कवरेज को लेकर नई गाइडलाइन जारी होने के बाद प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारी नए सिरे से की गई है. बैरिकेडिंग के अंदर के हिस्से में एएसआई की टीम ने अपना सर्वे किया. निगरानी के लिए वादी-प्रतिवादी पक्ष के वकील और अन्य लोग अंदर मौजूद रहे. मीडिया को कोई बयान जारी न किया गया. इस संबंध में दोनों पक्षों की एक बैठक भी कल देर रात तक प्रशासनिक स्तर पर की गई. मीडिया के लिए गाइडलाइन जारी होने के बाद मस्जिद परिसर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर ही बैरिकेडिंग का प्रबंध करके मीडिया को रोकने और स्पॉट पर न जाने की तैयारी की गई थी. .

फिलहाल चल रहे सर्वे की कार्रवाई में कल एएसआई की टीम ने उत्तरी तहखाने और व्यास जी के तहखाने की जांच की है. दोनों तहखानों की जांच एक साथ होने की वजह से अंदर मौजूद साक्ष्यों की लिस्टिंग आसान हो रही है. व्यास जी के तहखाने में बीते 4 दिन से जांच जारी है, जबकि उत्तरी तहखाने में 2 दिनों से एसआई की टीम जांच को आगे बढ़ा रही है. अंदर मौजूद सीलन और बदबू और गर्मी से बचने के लिए कल साफ-सफाई के बाद एग्जॉस्ट फैन लगाकर कार्रवाई की गई थी. वहीं, कानपुर आईआईटी की टीम ने 2 दिनों तक अपने काम को पूरा करने के बाद रडार यानी जीपीआर सिस्टम को लगाने के लिए तमाम प्वाइंट सेट किए हैं. लगभग 18 से ज्यादा प्वाइंट के चरण के बाद आज से जीपीआर पर काम शुरू किया जा सकता है. माना जा रहा है कि जीपीआर के जरिए तहखाने मुख्य गुंबद उसके आसपास की पश्चिमी दीवार और वजूखाने को छोड़कर बाकी अन्य जगहों पर जमीनों दीवार के नीचे 50 फीट तक क्या है और उसकी सच्चाई सामने आएगी. कानपुर आईआईटी की टीम व एएसआई एक्सपर्ट्स ये काम साथ में करेंगे.

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में सर्वे की कार्रवाई शुक्रवार को भी जारी रही. आज की कार्रवाई शाम 5:00 बजे तक खत्म हो गई. आज दिन भर सर्वे की कार्रवाई में कानपुर की टीम ने रडार सिस्टम यानी जीपीआर को लेकर तैयारी पूर्ण कर ली है. हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद अब इस मामले में मीडिया को कुछ भी जानकारी नहीं दी जा रही है. मीडिया को वहां जाने की अनुमति भी नहीं दी गई है. प्रकरण में कल भी सर्वे की कार्रवाई जारी रहेगी. इन सबके बीच आज कोर्ट में अलग-अलग मामलों की भी सुनवाई हुई वादिनी राखी सिंह की तरफ से एक नया वाद दाखिल किया गया है, जबकि एक अन्य मामले में सुनवाई नहीं हो सकी.

दाखिल किया गया नया वाद : जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में राखी सिंह की तरफ से एक नया आवेदन हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में दिया गया है. यह आवेदन श्रृंगार गौरी मूल वाद में दाखिल किया गया है. राखी सिंह के अधिवक्ता मानबहादुर सिंह, सौरभ तिवारी व अनुपम द्विवेदी की ओर से दिए गए आवेदन में कहा गया कि कमीशन के दौरान जो महत्वपूर्ण हिंदू साक्ष्य पाए गए हैं. उसे मुस्लिम पक्ष नुकसान पहुंचा रहे हैं. ऐसे में ऐसी सुरक्षा व्यवस्था की जाए कि जिससे किसी साक्ष्य को कोई नुकसान न पहुंचे. एएसआई का सर्वे सुचारू रूप से चलता रहे, अदालत इस आवेदन पर पहले से ही नियत तिथि 17 अगस्त को सुनवाई करेगी.

सालाना उर्स मनाने की मांगी अनुमति : वहीं ज्ञानवापी परिसर के पश्चिमी दीवार की तरफ कुछ कब्र मौजूद हैं. जिनका जिक्र करते हुए लोहता के मुख्तार अंसारी की तरफ से कोर्ट में इस जगह पर सालाना उर्स मनाने की अनुमति मांगी गई है. इसे लेकर कोर्ट में पिछले दिनों एक प्रार्थना पत्र भी दाखिल किया गया था, लेकिन आज सुनवाई नहीं हो सकी. इस मामले में हिंदू पक्ष को भी पक्षधर बनाए जाने संदर्भित अपील पर मौका समाप्त करने की बात भी वादी पक्षी तरफ से अदालत से की गई है. फिलहाल इस मामले में 25 अगस्त को अगली सुनवाई होगी.

मीडिया कवरेज को लेकर नई गाइडलाइन जारी होने के बाद प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारी नए सिरे से की गई है. बैरिकेडिंग के अंदर के हिस्से में एएसआई की टीम ने अपना सर्वे किया. निगरानी के लिए वादी-प्रतिवादी पक्ष के वकील और अन्य लोग अंदर मौजूद रहे. मीडिया को कोई बयान जारी न किया गया. इस संबंध में दोनों पक्षों की एक बैठक भी कल देर रात तक प्रशासनिक स्तर पर की गई. मीडिया के लिए गाइडलाइन जारी होने के बाद मस्जिद परिसर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर ही बैरिकेडिंग का प्रबंध करके मीडिया को रोकने और स्पॉट पर न जाने की तैयारी की गई थी. .

फिलहाल चल रहे सर्वे की कार्रवाई में कल एएसआई की टीम ने उत्तरी तहखाने और व्यास जी के तहखाने की जांच की है. दोनों तहखानों की जांच एक साथ होने की वजह से अंदर मौजूद साक्ष्यों की लिस्टिंग आसान हो रही है. व्यास जी के तहखाने में बीते 4 दिन से जांच जारी है, जबकि उत्तरी तहखाने में 2 दिनों से एसआई की टीम जांच को आगे बढ़ा रही है. अंदर मौजूद सीलन और बदबू और गर्मी से बचने के लिए कल साफ-सफाई के बाद एग्जॉस्ट फैन लगाकर कार्रवाई की गई थी. वहीं, कानपुर आईआईटी की टीम ने 2 दिनों तक अपने काम को पूरा करने के बाद रडार यानी जीपीआर सिस्टम को लगाने के लिए तमाम प्वाइंट सेट किए हैं. लगभग 18 से ज्यादा प्वाइंट के चरण के बाद आज से जीपीआर पर काम शुरू किया जा सकता है. माना जा रहा है कि जीपीआर के जरिए तहखाने मुख्य गुंबद उसके आसपास की पश्चिमी दीवार और वजूखाने को छोड़कर बाकी अन्य जगहों पर जमीनों दीवार के नीचे 50 फीट तक क्या है और उसकी सच्चाई सामने आएगी. कानपुर आईआईटी की टीम व एएसआई एक्सपर्ट्स ये काम साथ में करेंगे.

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Last Updated : Aug 11, 2023, 9:42 PM IST
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