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स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023: इंदौर-सूरत सबसे स्वच्छ शहर, राज्यों में महाराष्ट्र ने मारी बाजी - Maha named cleanest state

cleanest city Surat Indore : 'स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023' गुरुवार को घोषित कर दिए गए. स्वच्छ शहर के मामले में सूरत ने इंदौर के साथ पहले नंबर पर जगह बनाई है. राज्य की बात की जाए तो महाराष्ट्र को सबसे स्वच्छ घोषित किया गया.

President Droupadi Murmu
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अवॉर्ड प्रदान करतीं
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By PTI

Published : Jan 11, 2024, 5:29 PM IST

Updated : Jan 11, 2024, 8:10 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण के नतीजे गुरुवार को घोषित किए गए जिसमें इंदौर और सूरत को देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में चुना गया. इंदौर ने लगातार सातवीं बार यह खिताब जीता, जबकि सूरत संयुक्त विजेता रहा. नवी मुंबई तीसरे स्थान पर रहा.

  • Speaking at the Swachh Survekshan awards event in New Delhi, President Droupadi Murmu said that if we deeply understand the concept of value from waste, it becomes clear that everything is valuable and nothing is waste.https://t.co/l5hs7J7Vmb pic.twitter.com/goP4l8zTyw

    — President of India (@rashtrapatibhvn) January 11, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 में 'शानदार प्रदर्शन करने वाले राज्यों' की श्रेणी में महाराष्ट्र ने पहला स्थान हासिल किया जिसके बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ रहे. पिछले सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश को सबसे स्वच्छ राज्य का खिताब मिला था. पश्चिम बंगाल के तीन शहर- मध्यमग्राम (444वां स्थान), कल्याणी (445वां स्थान) और हाओरा (446वां स्थान) निचले स्थान पर हैं. राज्यों की श्रेणी में निचले तीन स्थान पर राजस्थान, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं.

सर्वेक्षण के नतीजों के अनुसार, एक लाख से कम आबादी वाले 3,970 शहरों में महाराष्ट्र के सासवड को सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला. इस श्रेणी में छत्तीसगढ़ के पाटन को दूसरा और महाराष्ट्र के लोनावला को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ.

गंगा किनारे बसे शहरों में सबसे स्वच्छ वाराणसी : गंगा नदी के किनारे बसे शहरों में वाराणसी को सबसे स्वच्छ चुना गया जिसके बाद प्रयागराज को स्थान मिला. उसके बाद बिजनौर, हरिद्वार, कन्नौज, पटना, ऋषिकेश, कानपुर, राजमहल आदि हैं. गंगा किनारे बसे 88 ऐसे शहरों में छपरा अंतिम स्थान पर है. मध्य प्रदेश के महू छावनी बोर्ड को सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड घोषित किया गया.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए. इस अवसर पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे.

दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण! : आंकड़ों के अनुसार, स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में 4,447 शहरी स्थानीय निकायों ने भाग लिया और इसमें 12 करोड़ नागरिकों की प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं. सरकार का दावा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण है.

इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि व्यापक भागीदारी के साथ किया गया यह सर्वेक्षण स्वच्छता के स्तर को ऊपर ले जाने में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा कि भारत की लगभग एक तिहाई आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है और शहरों एवं कस्बों की स्वच्छता उनके स्वास्थ्य और विकास के लिए आवश्यक है.

एक लाख से अधिक आबादी वाले शीर्ष 10 स्वच्छ शहरों की सूची में इंदौर और सूरत के बाद नवी मुंबई, ग्रेटर विशाखापत्तनम, भोपाल, विजयवाड़ा, नई दिल्ली, तिरुपति, ग्रेटर हैदराबाद और पुणे शामिल हैं.

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री पुरी ने कहा, 'आज भारत का हर शहर ओडीएफ है. यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि स्वच्छ भारत मिशन एक सरकारी कार्यक्रम से शुरू होकर जन आंदोलन बन गया. यह मिशन अंत्योदय से सर्वोदय के दृष्टिकोण का प्रमाण है.'

  • #WATCH | Delhi: On the 8th Swachh Survekshan Awards ceremony held at Bharat Mandapam, Union Minister for Housing and Urban Affairs Hardeep Singh Puri says, "With a very modest beginning in 2016, today 447 cities and urban local bodies participate in the Swachh Survekshan. In this… pic.twitter.com/sN89f3VAEh

    — ANI (@ANI) January 11, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दिल्ली नगर निगम को 446 शहरी स्थानीय निकायों में 90वां स्थान मिला है. यह पहली बार है कि जब एमसीडी ने वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में भाग लिया है, क्योंकि पहले यह तीन निकायों में विभाजित था और 2022 में उसे पुन: एक निकाय में एकीकृत किया गया. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद को 446 शहरी स्थानीय निकायों में सातवां स्थान मिला है जबकि दिल्ली छावनी को छावनी बोर्ड श्रेणी में सातवां स्थान मिला है.

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  • Speaking at the Swachh Survekshan awards event in New Delhi, President Droupadi Murmu said that if we deeply understand the concept of value from waste, it becomes clear that everything is valuable and nothing is waste.https://t.co/l5hs7J7Vmb pic.twitter.com/goP4l8zTyw

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स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 में 'शानदार प्रदर्शन करने वाले राज्यों' की श्रेणी में महाराष्ट्र ने पहला स्थान हासिल किया जिसके बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ रहे. पिछले सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश को सबसे स्वच्छ राज्य का खिताब मिला था. पश्चिम बंगाल के तीन शहर- मध्यमग्राम (444वां स्थान), कल्याणी (445वां स्थान) और हाओरा (446वां स्थान) निचले स्थान पर हैं. राज्यों की श्रेणी में निचले तीन स्थान पर राजस्थान, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं.

सर्वेक्षण के नतीजों के अनुसार, एक लाख से कम आबादी वाले 3,970 शहरों में महाराष्ट्र के सासवड को सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला. इस श्रेणी में छत्तीसगढ़ के पाटन को दूसरा और महाराष्ट्र के लोनावला को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ.

गंगा किनारे बसे शहरों में सबसे स्वच्छ वाराणसी : गंगा नदी के किनारे बसे शहरों में वाराणसी को सबसे स्वच्छ चुना गया जिसके बाद प्रयागराज को स्थान मिला. उसके बाद बिजनौर, हरिद्वार, कन्नौज, पटना, ऋषिकेश, कानपुर, राजमहल आदि हैं. गंगा किनारे बसे 88 ऐसे शहरों में छपरा अंतिम स्थान पर है. मध्य प्रदेश के महू छावनी बोर्ड को सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड घोषित किया गया.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए. इस अवसर पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे.

दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण! : आंकड़ों के अनुसार, स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में 4,447 शहरी स्थानीय निकायों ने भाग लिया और इसमें 12 करोड़ नागरिकों की प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं. सरकार का दावा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण है.

इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि व्यापक भागीदारी के साथ किया गया यह सर्वेक्षण स्वच्छता के स्तर को ऊपर ले जाने में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा कि भारत की लगभग एक तिहाई आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है और शहरों एवं कस्बों की स्वच्छता उनके स्वास्थ्य और विकास के लिए आवश्यक है.

एक लाख से अधिक आबादी वाले शीर्ष 10 स्वच्छ शहरों की सूची में इंदौर और सूरत के बाद नवी मुंबई, ग्रेटर विशाखापत्तनम, भोपाल, विजयवाड़ा, नई दिल्ली, तिरुपति, ग्रेटर हैदराबाद और पुणे शामिल हैं.

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री पुरी ने कहा, 'आज भारत का हर शहर ओडीएफ है. यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि स्वच्छ भारत मिशन एक सरकारी कार्यक्रम से शुरू होकर जन आंदोलन बन गया. यह मिशन अंत्योदय से सर्वोदय के दृष्टिकोण का प्रमाण है.'

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Last Updated : Jan 11, 2024, 8:10 PM IST
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