नई दिल्ली : रियल्टी कंपनी सुपरटेक लिमिटेड ने कहा कि वह नोएडा में उसके दो 40 मंजिला टावरों को गिराने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेगी. उसने साथ ही कहा कि इन इमारतों का निर्माण सक्षम प्राधिकरण की मंजूरी के साथ उपनियमों के अनुरूप किया गया था.
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते, शीर्ष अदालत ने दो 40 मंजिला टावरों को गिराने करने का आदेश दिया था. ये टावर उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित सुपरटेक की एमेराल्ड कोर्ट परियोजना का हिस्सा हैं. कंपनी के चेयरमैन आर के अरोड़ा ने कहा, हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं. लेकिन हमने पुनर्विचार याचिका के साथ इस मामले को दोबारा उठाने का फैसला किया है क्योंकि इन टावरों का निर्माण भवन उपनियमों के अनुरूप सक्षम प्राधिकरण की मंजूरी के साथ किया गया था.
उन्होंने एक बयान में कहा कि एपेक्स और सियेन टावर कंपनी की किसी भी मौजूदा परियोजना से जुड़े नहीं हैं और ना ही उनका हिस्सा हैं और अरोड़ा ने कहा कि सुपरटेक समूह अपनी परियोजनाओं के तहत 10 करोड़ वर्ग फुट क्षेत्र में निर्माण कर रहा है.
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जबकि एपेक्स और सियेन टावर केवल छह लाख वर्ग फुट क्षेत्र में आते हैं जो कुल पोर्टफोलियो का 0.6 प्रतिशत हैं. उन्होंने कहा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के 2014 के फैसले के बाद हमने इस परियोजना से जुड़े ज्यादा ग्राहकों को पहले ही रिफंड कर दिया है.आदेश के अनुसार माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करेंगे. शीर्ष अदालत की न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के टावरों को गिराने के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा था कि टावरों का निर्माण नोएडा विकास प्राधिकरण की मिलीभगत से किया गया और उच्च न्यायालय का फैसला वाजिब है.
(पीटीआई-भाषा)