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Priyadrashini Patil Suicide: NRI महिला सुसाइड केस, जी20 शिखर सम्मेलन में चर्चा की मांग

कर्नाटक के धारवाड़ में ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली एनआरआई महिला के आत्महत्या के मसले पर जी20 शिखर सम्मेलन में चर्चा की मांग की गई है. सीपीआईएम नेता बृंदा कारात ने इस मुद्दे को उठाया है.

Suicide case of Dharwad woman residing in Australia: Demand to be discussed at G20 summit
कर्नाटक में एनआरआई महिला के आत्महत्या का मामला, जी20 शिखर सम्मेलन में चर्चा की मांग
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 2, 2023, 11:13 AM IST

Updated : Sep 2, 2023, 11:32 AM IST

धारवाड़ : ऑस्ट्रेलिया में अनिवासी भारतीय (एनआरआई) महिला प्रियदर्शनी पाटिल के आत्महत्या मामले पर जी-20 शिखर सम्मेलन में चर्चा करने की मांग की गई है. प्रियदर्शिनी का परिवार ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बस गया. कर्नाटक के धारवाड़ में 20 अगस्त को अनिवासी भारतीय महिला प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल (40) ने बेलगावी के सावदत्ती तालुक में नवीलुतीर्थ जलाशय में कूदकर आत्महत्या कर ली. आरोप है कि प्रियदर्शिनी ने भारत आकर इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि उन्हें ऑस्ट्रेलियाई सरकार की कस्टडी में मौजूद बच्चे नहीं दिए गए.

सीपीएम नेता बृंदा करात ने इस मामले पर जी-20 शिखर सम्मेलन में चर्चा कराने की मांग की है. यह मामला अब एनआरआई बच्चों की सुरक्षा के लिए एक आंदोलन का कारण बन गया है. पश्चिमी देशों में बच्चों की हिरासत पर सख्त कानून हैं. इसके चलते एनआरआई के बच्चे अलग-अलग देशों में रहते हैं. दिल्ली में जंतर मंतर के पास उन बच्चों की सुरक्षा के लिए एक आंदोलन हुआ है जो संबंधित देश की सरकार की हिरासत में हैं.

इस आंदोलन का समर्थन करने वाली बृंदा करात ने एक वीडियो संदेश में कहा, 'प्रियदर्शिनी ने आत्महत्या कर ली क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई प्रणाली ने उनके बच्चों को छीन लिया. उसकी मौत का सीधा संबंध ऑस्ट्रेलिया की असंवेदनशीलता और सांस्कृतिक रूप से पक्षपाती बाल सेवा प्रणालियों से है. न केवल ऑस्ट्रेलिया में बल्कि अन्य देशों में भी. कई पश्चिमी देश जो लोकतंत्र होने का दावा करते हैं, उनका लोकतंत्र उनकी अपनी औपनिवेशिक मानसिकता के अलावा कुछ और है.' उन्होंने कहा कि ऐसे मामले आयरलैंड, इंग्लैंड और अब ऑस्ट्रेलिया में हुए हैं. हमें जी20 शिखर सम्मेलन को एक अवसर के रूप में लेना चाहिए और ऐसे समय में सरकारों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करनी चाहिए.

इस बारे में हुबली-धारवाड़ निगम की पूर्व मेयर एरेशा अंचटागेरी ने कहा, 'अनिवासी भारतीयों के लिए समस्या पैदा करने वाले अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया गया. हमें भी आमंत्रित किया गया था. लेकिन अपरिहार्य कारणों से मैं और प्रियदर्शनी पाटिल के परिवार के सदस्य भाग नहीं ले सके. केंद्रीय विदेश मंत्री जयशंकर से पहले ही चर्चा की जा चुकी है और परिवार द्वारा दिया गया अनुरोध प्रस्तुत किया जा चुका है.

प्रियदर्शिनी के परिवारवालों के मुताबिक 8 साल पहले प्रियदर्शिनी के बेटे को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत हुई थी. ऐसे में उन्हें स्थानीय अस्पताल में दिखाया गया. हालाँकि डॉक्टरों ने उसका इलाज किया, लेकिन जो दवा उन्होंने उसे दी, उसका दुष्प्रभाव हुआ. इससे प्रियदर्शनी आहत हुईं और उन्होंने इस पर जायज सवाल उठाया. लेकिन अस्पताल द्वारा ठीक से जवाब न देने पर उन्होंने अस्पताल और डॉक्टर के खिलाफ सरकार से शिकायत दर्ज कराई.

ये भी पढ़ें- कर्नाटक में सिक्किम के एक शख्स ने गढ़ी झूठी कहानी, दर्ज कराया पिटाई मामला

इसकी वजह से अस्पतालों में संकट खड़ा हो गया. लेकिन उन्हें बच्चों की देखभाल नहीं मिल पाई. इस समस्या का दोष उन पर मढ़ते हुए वहां की ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने उनके दोनों बच्चों को अपने संरक्षण में ले लिया. आरोप है कि प्रियदर्शिनी ने बच्चों को वापस पाने के लिए कितनी भी कोशिश की, लेकिन सरकार नहीं मानी. 'प्रियदर्शिनी के दो बच्चे हैं और वह अपने पति के साथ ऑस्ट्रेलिया में रह रही थी. चूंकि बच्चे ऑस्ट्रेलिया में पैदा हुए थे, इसलिए उन्हें ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता मिल गई और वे वहीं रह रहे हैं. लेकिन प्रियदर्शिनी जो हाल ही में ऑस्ट्रेलिया से लौटी थी, घर भी नहीं पहुंची.

धारवाड़ : ऑस्ट्रेलिया में अनिवासी भारतीय (एनआरआई) महिला प्रियदर्शनी पाटिल के आत्महत्या मामले पर जी-20 शिखर सम्मेलन में चर्चा करने की मांग की गई है. प्रियदर्शिनी का परिवार ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बस गया. कर्नाटक के धारवाड़ में 20 अगस्त को अनिवासी भारतीय महिला प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल (40) ने बेलगावी के सावदत्ती तालुक में नवीलुतीर्थ जलाशय में कूदकर आत्महत्या कर ली. आरोप है कि प्रियदर्शिनी ने भारत आकर इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि उन्हें ऑस्ट्रेलियाई सरकार की कस्टडी में मौजूद बच्चे नहीं दिए गए.

सीपीएम नेता बृंदा करात ने इस मामले पर जी-20 शिखर सम्मेलन में चर्चा कराने की मांग की है. यह मामला अब एनआरआई बच्चों की सुरक्षा के लिए एक आंदोलन का कारण बन गया है. पश्चिमी देशों में बच्चों की हिरासत पर सख्त कानून हैं. इसके चलते एनआरआई के बच्चे अलग-अलग देशों में रहते हैं. दिल्ली में जंतर मंतर के पास उन बच्चों की सुरक्षा के लिए एक आंदोलन हुआ है जो संबंधित देश की सरकार की हिरासत में हैं.

इस आंदोलन का समर्थन करने वाली बृंदा करात ने एक वीडियो संदेश में कहा, 'प्रियदर्शिनी ने आत्महत्या कर ली क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई प्रणाली ने उनके बच्चों को छीन लिया. उसकी मौत का सीधा संबंध ऑस्ट्रेलिया की असंवेदनशीलता और सांस्कृतिक रूप से पक्षपाती बाल सेवा प्रणालियों से है. न केवल ऑस्ट्रेलिया में बल्कि अन्य देशों में भी. कई पश्चिमी देश जो लोकतंत्र होने का दावा करते हैं, उनका लोकतंत्र उनकी अपनी औपनिवेशिक मानसिकता के अलावा कुछ और है.' उन्होंने कहा कि ऐसे मामले आयरलैंड, इंग्लैंड और अब ऑस्ट्रेलिया में हुए हैं. हमें जी20 शिखर सम्मेलन को एक अवसर के रूप में लेना चाहिए और ऐसे समय में सरकारों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करनी चाहिए.

इस बारे में हुबली-धारवाड़ निगम की पूर्व मेयर एरेशा अंचटागेरी ने कहा, 'अनिवासी भारतीयों के लिए समस्या पैदा करने वाले अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया गया. हमें भी आमंत्रित किया गया था. लेकिन अपरिहार्य कारणों से मैं और प्रियदर्शनी पाटिल के परिवार के सदस्य भाग नहीं ले सके. केंद्रीय विदेश मंत्री जयशंकर से पहले ही चर्चा की जा चुकी है और परिवार द्वारा दिया गया अनुरोध प्रस्तुत किया जा चुका है.

प्रियदर्शिनी के परिवारवालों के मुताबिक 8 साल पहले प्रियदर्शिनी के बेटे को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत हुई थी. ऐसे में उन्हें स्थानीय अस्पताल में दिखाया गया. हालाँकि डॉक्टरों ने उसका इलाज किया, लेकिन जो दवा उन्होंने उसे दी, उसका दुष्प्रभाव हुआ. इससे प्रियदर्शनी आहत हुईं और उन्होंने इस पर जायज सवाल उठाया. लेकिन अस्पताल द्वारा ठीक से जवाब न देने पर उन्होंने अस्पताल और डॉक्टर के खिलाफ सरकार से शिकायत दर्ज कराई.

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इसकी वजह से अस्पतालों में संकट खड़ा हो गया. लेकिन उन्हें बच्चों की देखभाल नहीं मिल पाई. इस समस्या का दोष उन पर मढ़ते हुए वहां की ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने उनके दोनों बच्चों को अपने संरक्षण में ले लिया. आरोप है कि प्रियदर्शिनी ने बच्चों को वापस पाने के लिए कितनी भी कोशिश की, लेकिन सरकार नहीं मानी. 'प्रियदर्शिनी के दो बच्चे हैं और वह अपने पति के साथ ऑस्ट्रेलिया में रह रही थी. चूंकि बच्चे ऑस्ट्रेलिया में पैदा हुए थे, इसलिए उन्हें ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता मिल गई और वे वहीं रह रहे हैं. लेकिन प्रियदर्शिनी जो हाल ही में ऑस्ट्रेलिया से लौटी थी, घर भी नहीं पहुंची.

Last Updated : Sep 2, 2023, 11:32 AM IST
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