लखनऊ: डेढ़ साल से यूपी पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहे हरविंदर उर्फ जुगनू वालिया को पंजाब पुलिस ने बीते दिनों गिरफ्तार कर लिया. सोमवार को लखनऊ पुलिस जुगनू वालिया को रिमांड पर लेने पंजाब गई है. माना जा रहा है कि अब पुलिस जुगनू वालिया से मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्तियों और उसके अवैध धंधों से कमाई गई रकम का पता लगाएगी. इसके अलावा सपा सरकार में रहे एक पूर्व मंत्री से उसके संबंधों के बारे में भी पूछताछ होगी.
यूपी में टॉप 66 अपराधियों की लिस्ट में सुमार राजधानी के एक लाख इनामी और मुख्तार के गुर्गे जुगनू वालिया को रिमांड पर लेने लखनऊ पुलिस पंजाब गई है. जुगनू बीते डेढ़ साल से आलमबाग इलाके में स्थित चिक चिक रेस्टोरेंट के मालिक जसविंदर सिंह की हत्या के मामले में फरार था. बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को अपना गुरु कहने वाले जुगनू वालिया पर 20 मुकदमे दर्ज हैं. वह सूद वसूलने के लिए किसी की भी हत्या करने को तैयार रहता है. लखनऊ पुलिस और एसटीएफ उससे पूछताछ कर कई राज उगलवाएगी.
मुख्तार अंसारी के पैसों को सूद पर देता था जुगनू
बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का सूदखोर गुर्गा हरविंदर उर्फ जुगनू वालिया लखनऊ के तमाम इलाकों में आतंक का नाम है. सूद पर दी गई रकम को वसूलने के लिए जुगनू किसी भी हद तक जा सकता है. ब्याज पर ब्याज लगाने में माहिर जुगनू पर लखनऊ के तीन थानों आलमबाग, मानकनगर और हजरतगंज में 20 मुकदमे दर्ज हैं. इसमें गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, हत्या, हत्या का प्रयास और फिरौती मांगने के मुकदमे दर्ज हैं. एसटीएफ को शक है कि जुगनू वालिया माफिया मुख्तार अंसारी के काले साम्राज्य से कमाए गए पैसों को ही लोगों को सूद पर देता था. इसके बाद मुख्तार अंसारी के नाम पर उनसे दोगुना से भी अधिक ब्याज वसूलता था. एसटीएफ की जांच में यह भी सामने आया है कि राजधानी और पंजाब में स्थित मुख्तार अंसारी की कई बेनामी संपत्तियों की देख-रेख जुगनू वालिया ही करता है.
पूर्वं मंत्री से जुगनू के रिश्तों के राज खुलवाएगी एसटीएफ
सूत्रों के मुताबिक यूपी एसटीएफ और लखनऊ पुलिस जुगनू वालिया से पूर्व की अखिलेश सरकार में जेल मंत्री रहे बलवंत सिंह रामूवालिया के रिश्तों के विषय में भी पूछताछ करेगी. बताया जाता है कि पंजाब में जुगनू वालिया को पूर्व मंत्री ने ही शरण दी थी. इसके अलावा पूर्व मंत्री रामू वालिया के निजी सचिव रहे गुरपाल ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा था कि बलवंत सिंह जुगनू को पंजाब में संरक्षण दे रहे हैं. गुरपाल का आरोप था कि पूर्व मंत्री न सिर्फ जुगनू को पुलिस से छिपाकर संरक्षण दे रहे हैं, बल्कि पूर्व में उसकी आर्थिक मदद भी उन्होंने की है.
गुरपाल ने आरोप लगाया था कि जुगनू वालिया को जब लखनऊ पुलिस ढूंढ रही थी, तब वह कभी पूर्व मंत्री के दिल्ली वाले घर और कभी पंजाब के चंडीगढ़ स्थित घर पर रुकता था. यही नहीं लखनऊ पुलिस ने अगस्त 2020 में जुगनू वालिया की बीएमडब्ल्यू, ऑडी और जगुवार समेत 5 लक्सरी गाड़ियां कुर्क की थीं. इन गाड़ियों का इस्तेमाल बलवंत सिंह रामूवालिया करते थे. इसकी पुष्टि इस बात से हुई थी कि पुलिस ने जुगनू की जिस जगुआर गाड़ी (up 32 HE 0707) को कुर्क किया था, उसमें विधानसभा का वाहन पास लगा हुआ था. यह पास तत्कालीन एमएलसी बलवंत सिंह रामूवालिया के नाम से जारी हुआ था. यह वाहन साल 2017 से 2019 तक नवीनीकरण किया गया था.
रेस्टोरेंट मालिक की जुगनू ने करवाई थी हत्या
लखनऊ में आलमबाग के चंदरनगर इलाके में रहने वाले जसविंदर सिंह उर्फ रोमी का चिकचिक नाम से रेस्टोरेंट था. 27 अक्टूबर 2021 की देर रात रोमी रेस्टोरेंट पर थे. इस बीच उनके पूर्व परिचित जसप्रीत उर्फ लवीश और नीशू सहित चार लोग कार से खाना खाने पहुंचे थे. जसविंदर ने पुलिस को बयान दिया था कि उन लोगों ने उससे शराब पीने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया. इसके बाद उन लोगों के बीच कुछ मजाक हुआ और फिर नीशू ने पिस्टल निकाल कर उसको दो गोली मार दी. एक गोली रोमी के सीने और दूसरी पेट में लगी थी. उनको इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया था. इलाज के दौरान रोमी की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस नीशू, लवीश, जोगिंदर, दिलशाद, गोल्डी और नीतेश भटनागर को गिरफ्तार कर चुकी है. इस हत्याकांड की विवेचना के दौरान पुलिस की जांच में सामने आया था कि जुगनू वालिया ने ही रोमी की हत्या की. साजिश रची थी और गोली मारने वाले आरोपियों को बचाया था.
एक बार और गिरफ्तार हो चुका है जुगनू वालिया
10 जनवरी 2019 को मानकनगर के कपड़ा व्यापारी अमन प्रीत की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. ये हत्या जुगनू वालिया ने करवाई थी. हत्या के पीछे सूद का पैसा न वापस करना रहा था. जुगनू ने बताया था कि व्यापारी अमन प्रीत को उसने 20 लाख रुपये सूद पर दिए थे. कई बार मांगने के बाद भी वह वापस नहीं कर रहा था. इस पर उसने व्यापारी की हत्या करवा दी. पुलिस ने जुगनू वालिया को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था.
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