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कड़ी सुरक्षा के बीच जन्मभूमि परिसर में पहुंची रामलला की मूर्ति, 18 जनवरी को गर्भगृह में होगी स्थापित

आखिर वह घड़ी आ ही गई, जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार था. बुधवार को रामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति जन्मभूमि परिसर में दाखिल हो गई. इस दौरान जय श्री राम के जयकारे लगते रहे.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 17, 2024, 8:42 PM IST

अयोध्या राम जन्मभूमि परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच रामलला की मूर्ति लाई गई.

अयोध्या: पूरे दिन इंतजार करने के बाद आखिरकार वह घड़ी आ गई, जिसके लिए सभी बेकरार थे. बुधवार की शाम करीब 7.30 बजे प्रभु श्री राम का नवनिर्मित विग्रह निर्माण स्थल विवेक सृष्टि से राम जन्मभूमि परिसर की ओर रवाना हो गया. निर्माण स्थल से रामलला की मूर्ति के जन्मभूमि परिसर लाए जाने की सूचना पर सुबह से ही मीडिया कर्मियों का बड़ा जमावड़ा विवेक सृष्टि आश्रम के बाहर लगा हुआ था. पूरे दिन इंतजार करने के बाद देर शाम एटीएस कमांडोज की निगरानी में रामलला की मूर्ति जन्मभूमि परिसर के लिए रवाना की गई. हालांकि चारों तरफ से पॉलिथीन से ढंके होने के कारण कोई भी रामलला के दर्शन नहीं कर सका. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रभु श्री राम का विग्रह राम जन्मभूमि परिसर में दाखिल हो गया.

बता दें कि कि मैसूर के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई भगवान श्री राम की 51 इंच की श्याम वर्ण मूर्ति को गर्भगृह में स्थान देने के लिए चयनित किया गया है.यह प्रतिमा विवेक सृष्टि परिसर में बनाई गई है. जिसके बाद बुधवार को कड़ी सुरक्षा में इस मूर्ति को राम जन्मभूमि परिसर की तरफ रवाना कर दिया गया. मूर्ति को परिसर में लाते समय सुरक्षा का बेहद कड़ा पहरा रहा. एटीएस के कमांडो मूर्ति की सुरक्षा करते नजर आए. 18 जनवरी की दोपहर नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में प्रभु श्री राम की इस मूर्ति को स्थापित कर दिया जाएगा. इसके बाद प्रतिदिन विधिवत अनुष्ठान चलते रहेंगे और 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले प्रभु श्री राम की प्रतिमा के दर्शन करेंगे और उनकी आरती उतारेंगे.

यह भी पढ़ें : 21 जनवरी को ही अयोध्या पहुंच सकते हैं पीएम मोदी, सरयू से जल लेकर राम जन्मभूमि तक जाएंगे पैदल

यह भी पढ़ें : प्राण प्रतिष्ठा के दिन मथुरा में पहली बार भगवान श्रीकृष्ण भी धारण करेंगे धनुष-बाण

अयोध्या राम जन्मभूमि परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच रामलला की मूर्ति लाई गई.

अयोध्या: पूरे दिन इंतजार करने के बाद आखिरकार वह घड़ी आ गई, जिसके लिए सभी बेकरार थे. बुधवार की शाम करीब 7.30 बजे प्रभु श्री राम का नवनिर्मित विग्रह निर्माण स्थल विवेक सृष्टि से राम जन्मभूमि परिसर की ओर रवाना हो गया. निर्माण स्थल से रामलला की मूर्ति के जन्मभूमि परिसर लाए जाने की सूचना पर सुबह से ही मीडिया कर्मियों का बड़ा जमावड़ा विवेक सृष्टि आश्रम के बाहर लगा हुआ था. पूरे दिन इंतजार करने के बाद देर शाम एटीएस कमांडोज की निगरानी में रामलला की मूर्ति जन्मभूमि परिसर के लिए रवाना की गई. हालांकि चारों तरफ से पॉलिथीन से ढंके होने के कारण कोई भी रामलला के दर्शन नहीं कर सका. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रभु श्री राम का विग्रह राम जन्मभूमि परिसर में दाखिल हो गया.

बता दें कि कि मैसूर के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई भगवान श्री राम की 51 इंच की श्याम वर्ण मूर्ति को गर्भगृह में स्थान देने के लिए चयनित किया गया है.यह प्रतिमा विवेक सृष्टि परिसर में बनाई गई है. जिसके बाद बुधवार को कड़ी सुरक्षा में इस मूर्ति को राम जन्मभूमि परिसर की तरफ रवाना कर दिया गया. मूर्ति को परिसर में लाते समय सुरक्षा का बेहद कड़ा पहरा रहा. एटीएस के कमांडो मूर्ति की सुरक्षा करते नजर आए. 18 जनवरी की दोपहर नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में प्रभु श्री राम की इस मूर्ति को स्थापित कर दिया जाएगा. इसके बाद प्रतिदिन विधिवत अनुष्ठान चलते रहेंगे और 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले प्रभु श्री राम की प्रतिमा के दर्शन करेंगे और उनकी आरती उतारेंगे.

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