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मनीष सिसोदिया को चाहिए आबकारी नीति से संबंधित दस्तावेज, विभाग ने देने से किया इनकार

नई आबकारी नीति घोटाले को लेकर सीबीआई जांच का सामना कर रहे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर एक और आरोप लगा है. आरोप ये है कि सिसोदिया ने आबकारी नीति से संबंधित दस्तावेज (related to excise policy) वापस लेने के लिए अपने ओएसडी से दिल्ली के एक्साइज कमिश्नर को पत्र लिखवाया( letter to Excise Commissioner) .

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
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Published : Nov 10, 2022, 6:33 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति घोटाले की अभी जांच चल रही है. इस मामले में ताजा घटनाक्रम के अनुसार मुख्य आरोपी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने अपने ओएसडी के जरिए एक्साइज कमिश्नर से आबकारी नीति (2021-22) से संबंधित फ़ाइलें मांगी है. हालांकि विश्वस्त सूत्रों के अनुसार अपने ही विभाग की फाइलें लेने में वे नाकामयाब रहे.

एक्साइज विभाग ने मांगी थी सलाह : कानून विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चूंकि आबकारी घोटाले की जांच सीबीआई, ईडी, आर्थिक अपराध शाखा जैसी एजेंसियां कर रही हैं. इसलिए आबकारी नीति से संबंधित दस्तावेजों की कॉपी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दी जाए या नहीं, ये सलाह लेने के लिए एक्साइज विभाग ने कानून विभाग से संपर्क किया तो कानून विभाग ने उक्त एजेंसियों की ओर से जारी जांच का हवाला देकर कोई भी दस्तावेज देने से इनकार कर दिया. सिसोदिया आबकारी घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की ओर से आरोपी बनाए गए हैं. उनके ओएसडी एमके निखिल का हस्ताक्षर किया हुआ एक पत्र 30 सितंबर को एक्साइज कमिश्नर को भेजा गया था, जिसमें साफ लिखा है कि उपमुख्यमंत्री को आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित दस्तावेज की फ़ोटोकॉपी व सॉफ्ट कॉपी चाहिए, यह उपलब्ध कराई जाए.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
कानून विभाग ने कहा, दस्तावेज देने के लिए बाध्य नहीं : एक्साइज कमिश्नर को 30 सितंबर को भेजे गए इस नोट में उन्हीं फाइलों, कागजों और दस्तावेजों की मांग की गई है, जो एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं. आबकारी विभाग, जिसने सीबीआई को फाइलें और उनकी प्रतियां, जांच के लिए ईडी को सौंप दी थीं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग ने इस संबंध में कानून विभाग से संपर्क किया. कानून विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा कि "चूंकि ईडी, सीबीआई, ईओडब्ल्यू, आयकर जैसी विभिन्न एजेंसियों इस मामले की जांच कर रही हैं, इसलिए विभागीय मंत्री को कागजात देने के लिए बाध्य नहीं है. हालांकि, सामान्य परिस्थितियों में मंत्री की ओर से जानकारी के लिए दस्तावेज मांगने पर विभाग देता है. लेकिन अभी उक्त एजेंसियां जांच कर रही है तो बिना उनकी स्वीकृति के ये दस्तावेज नहीं दिए जा सकते.

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हलफनामा एमसीडी चुनाव के लिहाज से अहम : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि दिल्ली के उपराज्यपाल काम में रोड़ा अटका रहे हैं. हलफनामे में इस बात का भी जिक्र है कि अधिकारियों पर मीटिंग में हिस्सा न लेने का दबाव बनाया जा रहा है. यह हलफनामा इस लिहाज से भी अहम है क्योंकि एक तो दिल्ली में एमसीडी चुनाव हो रहे हैं और दूसरा नई आबकारी नीति घोटाले की जांच चल रही है. बता दें कि दिल्ली में नई आबकारी नीति के तहत घोटाले में 19 अगस्त को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के निवास, कार्यालय से लेकर अन्य जगहों पर सीबीआई की रेड पड़ी थी. उसके बाद ED की भी दिल्ली समेत देश के अन्य शहरों में रेड हुई. दिल्ली सरकार की ओर से गत वर्ष लागू नई आबकारी नीति जिसे अब वापिस ले लिया गया है. दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अगस्त महीने में नई आबकारी नीति को लागू करने में अनियमितता व भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई से जांच की सिफारिश की थी.

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नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति घोटाले की अभी जांच चल रही है. इस मामले में ताजा घटनाक्रम के अनुसार मुख्य आरोपी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने अपने ओएसडी के जरिए एक्साइज कमिश्नर से आबकारी नीति (2021-22) से संबंधित फ़ाइलें मांगी है. हालांकि विश्वस्त सूत्रों के अनुसार अपने ही विभाग की फाइलें लेने में वे नाकामयाब रहे.

एक्साइज विभाग ने मांगी थी सलाह : कानून विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चूंकि आबकारी घोटाले की जांच सीबीआई, ईडी, आर्थिक अपराध शाखा जैसी एजेंसियां कर रही हैं. इसलिए आबकारी नीति से संबंधित दस्तावेजों की कॉपी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दी जाए या नहीं, ये सलाह लेने के लिए एक्साइज विभाग ने कानून विभाग से संपर्क किया तो कानून विभाग ने उक्त एजेंसियों की ओर से जारी जांच का हवाला देकर कोई भी दस्तावेज देने से इनकार कर दिया. सिसोदिया आबकारी घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की ओर से आरोपी बनाए गए हैं. उनके ओएसडी एमके निखिल का हस्ताक्षर किया हुआ एक पत्र 30 सितंबर को एक्साइज कमिश्नर को भेजा गया था, जिसमें साफ लिखा है कि उपमुख्यमंत्री को आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित दस्तावेज की फ़ोटोकॉपी व सॉफ्ट कॉपी चाहिए, यह उपलब्ध कराई जाए.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
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कानून विभाग ने कहा, दस्तावेज देने के लिए बाध्य नहीं : एक्साइज कमिश्नर को 30 सितंबर को भेजे गए इस नोट में उन्हीं फाइलों, कागजों और दस्तावेजों की मांग की गई है, जो एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं. आबकारी विभाग, जिसने सीबीआई को फाइलें और उनकी प्रतियां, जांच के लिए ईडी को सौंप दी थीं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग ने इस संबंध में कानून विभाग से संपर्क किया. कानून विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा कि "चूंकि ईडी, सीबीआई, ईओडब्ल्यू, आयकर जैसी विभिन्न एजेंसियों इस मामले की जांच कर रही हैं, इसलिए विभागीय मंत्री को कागजात देने के लिए बाध्य नहीं है. हालांकि, सामान्य परिस्थितियों में मंत्री की ओर से जानकारी के लिए दस्तावेज मांगने पर विभाग देता है. लेकिन अभी उक्त एजेंसियां जांच कर रही है तो बिना उनकी स्वीकृति के ये दस्तावेज नहीं दिए जा सकते.

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हलफनामा एमसीडी चुनाव के लिहाज से अहम : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि दिल्ली के उपराज्यपाल काम में रोड़ा अटका रहे हैं. हलफनामे में इस बात का भी जिक्र है कि अधिकारियों पर मीटिंग में हिस्सा न लेने का दबाव बनाया जा रहा है. यह हलफनामा इस लिहाज से भी अहम है क्योंकि एक तो दिल्ली में एमसीडी चुनाव हो रहे हैं और दूसरा नई आबकारी नीति घोटाले की जांच चल रही है. बता दें कि दिल्ली में नई आबकारी नीति के तहत घोटाले में 19 अगस्त को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के निवास, कार्यालय से लेकर अन्य जगहों पर सीबीआई की रेड पड़ी थी. उसके बाद ED की भी दिल्ली समेत देश के अन्य शहरों में रेड हुई. दिल्ली सरकार की ओर से गत वर्ष लागू नई आबकारी नीति जिसे अब वापिस ले लिया गया है. दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अगस्त महीने में नई आबकारी नीति को लागू करने में अनियमितता व भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई से जांच की सिफारिश की थी.

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