अयोध्या: राम मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या अब विश्व का धार्मिक केंद्र बन रहा है. अयोध्या में अब देश ही नहीं विदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आ रहे हैं. अयोध्या में लगातार श्रद्धालुओं की बढ़ती हुई आमद को देखते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयास से विभिन्न विकास योजनाएं चल रही हैं. दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए सुरक्षा का मुद्दा एक बड़ी चुनौती है.
इसके अलावा अलग-अलग भाषा अलग-अलग वेशभूषा से जुड़े पर्यटकों के अयोध्या आने से अब उनके आने-जाने रहने खाने से जुड़ी व्यवस्थाओं को चाक चौबंद किया जा रहा है. फुडमार्ट के जरिए अयोध्या के नया घाट क्षेत्र में विभिन्न राज्यों से जुड़े भोज्य पदार्थ आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं. वहीं अभी तक अयोध्या में प्रमुख स्थलों की तरफ जाने वाले मार्गों पर लगाए गए सूचना बोर्ड पर हिंदी और अंग्रेजी में उसे स्थान का नाम लिखा रहता था. लेकिन, अब तमिल तेलुगु भाषा में भी सूचना पट्टिका लगाई जाएंगी. इसके अलावा सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों और प्रमुख चौक चौराहों पर तैनात पुलिस कर्मियों को भी ट्रेंड किया जाएगा, जिससे वह पर्यटकों और श्रद्धालुओं की मदद कर सकें.
अयोध्या के कुछ मार्गों पर नहीं चलेंगे ई-रिक्शाः बीते दिनों एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया ने भी इस बात की जानकारी दी थी कि अयोध्या के मंदिरों की तरफ जाने वाले मार्गों को चिह्नित कर उन मार्गों पर यथासंभव यथा आवश्यकता श्रद्धालुओं के चलने के लिए योजना बनाई गई है, जिस मार्ग से पैदल यात्री जा सकें. उन मार्गों पर वाहनों को जाने से रोका जाए, यह भी निर्धारित किया जा रहा है. जहां पर वाहनों के आने की आवश्यकता है वे उस प्रकार से आएं की अन्य लोगों का आना-जाना बाधित न हो. जिन मार्गों पर जिस प्रकार की आवश्यकता है, उस प्रकार की योजना बनाई जा रही है. कुछ मार्गों पर ई-रिक्शा को बैन भी किया जाएगा.
अन्य भाषाओं में भी लगेंगी सूचना पट्टीकाः अयोध्या आने वाले तमाम श्रद्धालु ऐसे भी हैं, जिन्हें सिर्फ उनके राज्य की स्थानीय भाषा समझ में आती है. न वह हिंदी समझ सकते हैं ना ही वह अंग्रेजी समझ सकते हैं. ऐसे श्रद्धालुओं में दक्षिण भारतीयों की संख्या ज्यादा है, जिन्हें अन्य भाषाओं को समझने में दिक्कत ज्यादा होती है. इसको देखते हुए दक्षिण भारतीय भाषा में लिखे बोर्ड भी लगाए जाने की योजना है. मंदिरों के मार्गों पर निर्देश पट्टिका लगाए जाएंगे, जिससे श्रद्धालुओं को मंदिर जाने में दिक्कत न हो. इसलिए विभिन्न भाषाओं में लिखी हुई निर्देश पट्टिका लगाई जाएंगी, जिस भाषा क्षेत्र से श्रद्धालु आएंगे, उसी भाषा में उनको निर्देश पट्टिका के माध्यम से जानकारी मिल जाए ऐसी योजना बनाई जा रही है.