ETV Bharat / bharat

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को हाईकोर्ट से झटका, मुकदमे का ट्रायल रोकने की मांग नामंजूर

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) की ओर से वाराणसी की अदालत में चल रहे मुकदमे का ट्रायल रोकने की मांग नामंजूर कर दी है.

प्रयागराज
प्रयागराज
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 17, 2023, 9:01 PM IST

प्रयागराज : कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने सुरजेवाला के खिलाफ वाराणसी की अदालत में तोड़फोड़, बलवा, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में चल रहे मुकदमे का ट्रायल रोकने की मांग अस्वीकार कर दी है. कोर्ट ने इस मामले में सुरजेवाला की याचिका खारिज कर दी है. याचिका में सुरजेवाला ने वाराणसी की अदालत द्वारा जारी गैर जमानती वारंट पर भी रोक लगाने की मांग की थी. इसे भी हाईकोर्ट ने नामंजूर कर दिया है. सुरजेवाला की याचिका पर न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने सुनवाई की.

गैर जमानती वारंट पर रोक लगाने की मांग भी नामंजूर हुई.
गैर जमानती वारंट पर रोक लगाने की मांग भी नामंजूर हुई.

23 साल पहले वाराणसी के कैंट थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा

सुरजेवाला के खिलाफ 23 साल पहले वाराणसी के कैंट थाने में आईपीसी की धारा 147 ,332 ,353 ,336 , 333 तथा 427 और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. आरोप है कि तत्कालीन चर्चित संवासिनी कांड को लेकर यूथ कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़, बवाल किया गया, जिसमें सुरजेवाला भी शामिल थे. इस मामले का ट्रायल अब शुरू हो गया है. सुरजेवाला की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई. याची पक्ष का कहना है कि पुराना केस होने के कारण इसकी प्राथमिकी, चार्ज शीट व अन्य दस्तावेज लगभग नष्ट हो चुके हैं. इसलिए ट्रायल की प्रक्रिया रद्द की जाए.

कहा- उपलब्ध कराए गए दस्तावेज पठनीय नहीं

याची पक्ष का यह भी कहना था कि मुकदमे से संबंधित दस्तावेज पाने का उसको अधिकार है, मगर अभियोजन की ओर से जो दस्तावेज उपलब्ध कराए गए हैं, वह पठनीय नहीं है. इस पर कोर्ट ने सुरजेवाला को पठनीय दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. लेकिन इसके बाद भी याची पक्ष का कहना है कि मामला काफी पुराना है तथा बचाव पक्ष के पास पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं. इसलिए ट्रायल की प्रक्रिया को रद्द किया जाए. ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी गैर जमानती वारंट को भी रद्द करने की मांग की गई थी. कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद 30 अक्टूबर को अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था. शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए अदालत ने सुरजेवाला की याचिका खारिज करते हुए उनकी दोनों मांगें नामंजूर कर दी हैं.

यह भी पढ़ें : SC ने रणदीप सुरजेवाला को 23 साल पुराने मामले में गिरफ्तारी से राहत दी

यह भी पढ़ें : 23 साल पुराने मामले में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी

प्रयागराज : कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने सुरजेवाला के खिलाफ वाराणसी की अदालत में तोड़फोड़, बलवा, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में चल रहे मुकदमे का ट्रायल रोकने की मांग अस्वीकार कर दी है. कोर्ट ने इस मामले में सुरजेवाला की याचिका खारिज कर दी है. याचिका में सुरजेवाला ने वाराणसी की अदालत द्वारा जारी गैर जमानती वारंट पर भी रोक लगाने की मांग की थी. इसे भी हाईकोर्ट ने नामंजूर कर दिया है. सुरजेवाला की याचिका पर न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने सुनवाई की.

गैर जमानती वारंट पर रोक लगाने की मांग भी नामंजूर हुई.
गैर जमानती वारंट पर रोक लगाने की मांग भी नामंजूर हुई.

23 साल पहले वाराणसी के कैंट थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा

सुरजेवाला के खिलाफ 23 साल पहले वाराणसी के कैंट थाने में आईपीसी की धारा 147 ,332 ,353 ,336 , 333 तथा 427 और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. आरोप है कि तत्कालीन चर्चित संवासिनी कांड को लेकर यूथ कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़, बवाल किया गया, जिसमें सुरजेवाला भी शामिल थे. इस मामले का ट्रायल अब शुरू हो गया है. सुरजेवाला की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई. याची पक्ष का कहना है कि पुराना केस होने के कारण इसकी प्राथमिकी, चार्ज शीट व अन्य दस्तावेज लगभग नष्ट हो चुके हैं. इसलिए ट्रायल की प्रक्रिया रद्द की जाए.

कहा- उपलब्ध कराए गए दस्तावेज पठनीय नहीं

याची पक्ष का यह भी कहना था कि मुकदमे से संबंधित दस्तावेज पाने का उसको अधिकार है, मगर अभियोजन की ओर से जो दस्तावेज उपलब्ध कराए गए हैं, वह पठनीय नहीं है. इस पर कोर्ट ने सुरजेवाला को पठनीय दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. लेकिन इसके बाद भी याची पक्ष का कहना है कि मामला काफी पुराना है तथा बचाव पक्ष के पास पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं. इसलिए ट्रायल की प्रक्रिया को रद्द किया जाए. ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी गैर जमानती वारंट को भी रद्द करने की मांग की गई थी. कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद 30 अक्टूबर को अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था. शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए अदालत ने सुरजेवाला की याचिका खारिज करते हुए उनकी दोनों मांगें नामंजूर कर दी हैं.

यह भी पढ़ें : SC ने रणदीप सुरजेवाला को 23 साल पुराने मामले में गिरफ्तारी से राहत दी

यह भी पढ़ें : 23 साल पुराने मामले में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.