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यूपी की राजनीति : सपा के साथ गठबंधन को तैयार शिवपाल, अखिलेश को दिया 11 अक्टूबर तक का समय

शिवपाल यादव ने मंगलवार को अपने राजनीतिक संगठन प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) और उनकी मूल पार्टी सपा के बीच गठबंधन करने या विलय करने की इच्छा जताई. शिवपाल यादव ने कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव को 11 अक्टूबर तक का समय दिया गया है. यदि कोई जवाब नहीं मिला तो वह यूपी विधानसभा की सभी 403 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की तैयारी शुरू करेंगे.

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Published : Sep 28, 2021, 8:17 PM IST

SHIVPAL
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इटावा : प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने मंगलवार को कहा कि वे समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं. अब गठबंधन को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के जवाब का इंतेजार किया जा रहा है. साथ ही यह भी बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जवाब का इंतेजार 11 अक्टूबर तक किया जाएगा. इसके साथ ही प्रसपा चीफ शिवपाल यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अखिलेश यादव की तरफ से गठबंधन को लेकर कोई जवाब नहीं आया तो वह अकेले 403 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.

समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव ने मंगलवार को अपने राजनीतिक संगठन प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया और उनकी मूल पार्टी सपा के बीच गठबंधन करने या विलय करने की इच्छा जताई.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव को 11 अक्टूबर तक का समय दिया

पीएसएलपी अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव को 11 अक्टूबर तक का समय दिया गया है. यदि कोई जवाब नहीं मिला तो वह यूपी विधानसभा की सभी 403 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की तैयारी शुरू करेंगे.

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अगले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है, लेकिन अगर दोनों पार्टियां एक साथ चुनाव लड़ती हैं तो यह पार्टी और जनता दोनों के हित में होगा.

अब अखिलेश यादव की बारी

उन्होंने कहा, 'हमारी समाजवादी विचारधारा है. मैंने समाजवादी पार्टी की स्थापना के लिए 'नेताजी' (मुलायम सिंह यादव) के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है. मैं चाहता हूं कि पार्टी (सपा) मजबूत बने और उसके लिए पीएसपीएल के साथ गठबंधन होना चाहिए. शिवपाल यादव ने कहा, हमने गठबंधन या यहां तक कि सपा के साथ विलय के लिए सभी प्रयास किए हैं. अब अखिलेश यादव की बारी है.

उन्होंने कहा, 'हम अखिलेश को11 अक्टूबर तक का समय दे रहे हैं. हम इंतजार कर रहे हैं. यह फैसला यूपी सपा अध्यक्ष को करना है. हमारा पीएसपीएल संगठन पूरे राज्य में मजबूत है. अगर सपा के साथ कोई गठबंधन नहीं हुआ तो हम सभी 403 सीटों पर पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे.

12 अक्टूबर से सामाजिक परिवर्तन यात्रा

शिवपाल यादव ने कहा कि PSPL 12 अक्टूबर से मथुरा-वृंदावन से अपनी 'सामाजिक परिवर्तन यात्रा' शुरू करेगी और इसका पूरा कार्यक्रम तैयार कर लिया गया है.

शिवपाल ने दोनों दलों के बीच एकता के संभावित लाभों के बारे में कहा कि इटावा में एकजुट लड़ाई लड़ी और उनके उम्मीदवार ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर निर्विरोध जीत हासिल की. उन्होंने दावा किया कि पीएसपीएल इटावा में तीन और औरैया जिले में इतनी ही सीटें जीतेगी.

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बारे में पूछे जाने पर शिवपाल ने कहा कि वह उन पर टिप्पणी नहीं करना चाहते, क्योंकि वह देश के बड़े नेता हैं. भतीजे अखिलेश यादव से मतभेद के बाद शिवपाल यादव ने PSPL की स्थापना की थी.

बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल ही में अपने चाचा की पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना पर सीधा जवाब देने से परहेज किया था. अखिलेश यादव ने गूढ़ जवाब दिया था, 'सपा 2022 के चुनाव में छोटी पार्टियों के साथ जाएगी. हम उन्हें साथ लेकर चलेंगे और उनका पूरा सम्मान करेंगे.'

नई पार्टी बनने के बाद भी शिवपाल यादव सपा के विधायक हैं. इससे पहले कई मौकों पर अखिलेश यादव ने कहा था कि इटावा में उनके चाचा की जसवंत नगर सीट पर सपा कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी.

पढ़ेंः यूपी की सियासत : चाचा शिवपाल बिगाड़ न दें भतीजे का चुनावी खेल

इटावा : प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने मंगलवार को कहा कि वे समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं. अब गठबंधन को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के जवाब का इंतेजार किया जा रहा है. साथ ही यह भी बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जवाब का इंतेजार 11 अक्टूबर तक किया जाएगा. इसके साथ ही प्रसपा चीफ शिवपाल यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अखिलेश यादव की तरफ से गठबंधन को लेकर कोई जवाब नहीं आया तो वह अकेले 403 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.

समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव ने मंगलवार को अपने राजनीतिक संगठन प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया और उनकी मूल पार्टी सपा के बीच गठबंधन करने या विलय करने की इच्छा जताई.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव को 11 अक्टूबर तक का समय दिया

पीएसएलपी अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव को 11 अक्टूबर तक का समय दिया गया है. यदि कोई जवाब नहीं मिला तो वह यूपी विधानसभा की सभी 403 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की तैयारी शुरू करेंगे.

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अगले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है, लेकिन अगर दोनों पार्टियां एक साथ चुनाव लड़ती हैं तो यह पार्टी और जनता दोनों के हित में होगा.

अब अखिलेश यादव की बारी

उन्होंने कहा, 'हमारी समाजवादी विचारधारा है. मैंने समाजवादी पार्टी की स्थापना के लिए 'नेताजी' (मुलायम सिंह यादव) के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है. मैं चाहता हूं कि पार्टी (सपा) मजबूत बने और उसके लिए पीएसपीएल के साथ गठबंधन होना चाहिए. शिवपाल यादव ने कहा, हमने गठबंधन या यहां तक कि सपा के साथ विलय के लिए सभी प्रयास किए हैं. अब अखिलेश यादव की बारी है.

उन्होंने कहा, 'हम अखिलेश को11 अक्टूबर तक का समय दे रहे हैं. हम इंतजार कर रहे हैं. यह फैसला यूपी सपा अध्यक्ष को करना है. हमारा पीएसपीएल संगठन पूरे राज्य में मजबूत है. अगर सपा के साथ कोई गठबंधन नहीं हुआ तो हम सभी 403 सीटों पर पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे.

12 अक्टूबर से सामाजिक परिवर्तन यात्रा

शिवपाल यादव ने कहा कि PSPL 12 अक्टूबर से मथुरा-वृंदावन से अपनी 'सामाजिक परिवर्तन यात्रा' शुरू करेगी और इसका पूरा कार्यक्रम तैयार कर लिया गया है.

शिवपाल ने दोनों दलों के बीच एकता के संभावित लाभों के बारे में कहा कि इटावा में एकजुट लड़ाई लड़ी और उनके उम्मीदवार ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर निर्विरोध जीत हासिल की. उन्होंने दावा किया कि पीएसपीएल इटावा में तीन और औरैया जिले में इतनी ही सीटें जीतेगी.

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बारे में पूछे जाने पर शिवपाल ने कहा कि वह उन पर टिप्पणी नहीं करना चाहते, क्योंकि वह देश के बड़े नेता हैं. भतीजे अखिलेश यादव से मतभेद के बाद शिवपाल यादव ने PSPL की स्थापना की थी.

बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल ही में अपने चाचा की पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना पर सीधा जवाब देने से परहेज किया था. अखिलेश यादव ने गूढ़ जवाब दिया था, 'सपा 2022 के चुनाव में छोटी पार्टियों के साथ जाएगी. हम उन्हें साथ लेकर चलेंगे और उनका पूरा सम्मान करेंगे.'

नई पार्टी बनने के बाद भी शिवपाल यादव सपा के विधायक हैं. इससे पहले कई मौकों पर अखिलेश यादव ने कहा था कि इटावा में उनके चाचा की जसवंत नगर सीट पर सपा कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी.

पढ़ेंः यूपी की सियासत : चाचा शिवपाल बिगाड़ न दें भतीजे का चुनावी खेल

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