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बच्चे को चांटे लगवाने की घटना के बाद स्कूल बंद, बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावक चिंतित

मुजफ्फरनगर में बच्चे को चांटे लगवाने के मामले (Muzaffarnagar khubbapur case) ने पिछले दिनों तूल पकड़ लिया था. ग्रामीणों की आपसी सूझबूझ से मामले को सुलझा लिया गया था. अब बच्चों के भविष्य को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 1, 2023, 6:22 PM IST

मुजफ्फरनगर : जिले के खुब्बापुर के नेहा पब्लिक स्कूल में टेबल याद न करने पर शिक्षिका ने एक बच्चे को अन्य बच्चों से चांटे लगवा दिए थे. मामले से जुड़ा वीडियो भी सामने आया था. बाद में राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी घटना की निंदा करनी शुरू कर दी थी. इसके बाद ग्रामीणों की सूझबूझ से और कुछ लोगों के हस्तक्षेप से मामला सुलझ गया था. इस घटना के बाद स्कूल बंद चल रहा है. ऐसे में यहां पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावक फिक्रमंद नजर आ रहे हैं. अगर स्कूल की मान्यता रद्द की जाती है तो बच्चों को दूसरे स्कूलों में दाखिला लेना होगा.

स्कूल में पढ़ते हैं 50 बच्चे : खुब्बापुर के नेहा पब्लिक स्कूल की मान्यता 2019 में हुई थी. स्कूल में करीब 45 से 50 बच्चे पढ़ते हैं. पिछले दिनों विशेष समुदाय का बच्चा स्कूल में गया था. वहां टेबल याद न होने पर शिक्षिका ने दूसरे बच्चों से उसे चांटे लगवा दिए थे. इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया था. कुछ राजनीतिक नेताओं ने इसको तूल देने का काम किया. गांव के लोगों ने सूझबूझ का परिचय दिया. किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के हस्तक्षेप से मामला सुलझ गया था. बच्चों को गले मिलवाया गया था. इसके अलावा टॉफियां भी बांटी गईं थीं.

बच्चों की पढ़ाई को लेकर अभिभावक फिक्रमंद : मामले में बच्चे का नाम उजागर करने पर एक पत्रकार पर भी मुकदमा दर्ज हुआ था. शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने भी सार्वजनिक रूप से मांगी माफी थी. कहा था कि उनके स्कूल में सभी धर्मों के बच्चे पढ़ते हैं. सभी एक समान हैं. उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेंस पहुंचाना नहीं था. बच्चे के पिता ने भी कार्रवाई करने से इंकार कर दिया था. इस वाकये के बाद स्कूल बंद चल रहा है. ऐसे में यहां पढ़ने वालों बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. बच्चों के माता-पिता का कहना है कि हमें शिक्षिका से कोई शिकायत नहीं है. हम अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए चिंतित हैं. हम चाहते हैं कि नेहा पब्लिक स्कूल में पहले की ही तरह पढ़ाई चले.

सभी लोग मिल-जुलकर रहते हैं : अभिभावकों का कहना है कि गांव में सभी लोग मिल-जुलकर रहते हैं. गांव में हिंदू-मुस्लिम सभी लोग काफी अच्छे हैं. शिक्षिका भी बच्चों को एक समान ही मानती हैं. स्कूल बंद होने से सभी बच्चे घर पर ही रह रहे हैं. इससे उनकी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. अगर मामले को लेकर स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाती है तो बच्चों को काफी परेशान होना पड़ जाएगा.

यह भी पढ़ें : शिक्षिका ने समुदाय विशेष के बच्चे को टेबल याद नहीं करने पर दूसरे बच्चों से लगवाए चाटें, रिपोर्ट दर्ज

मुजफ्फरनगर में जिस मुस्लिम छात्र को शिक्षिका ने लगवाए थे थप्पड़, उसे गोद लेगी जमीयत उलेमा

मुजफ्फरनगर : जिले के खुब्बापुर के नेहा पब्लिक स्कूल में टेबल याद न करने पर शिक्षिका ने एक बच्चे को अन्य बच्चों से चांटे लगवा दिए थे. मामले से जुड़ा वीडियो भी सामने आया था. बाद में राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी घटना की निंदा करनी शुरू कर दी थी. इसके बाद ग्रामीणों की सूझबूझ से और कुछ लोगों के हस्तक्षेप से मामला सुलझ गया था. इस घटना के बाद स्कूल बंद चल रहा है. ऐसे में यहां पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावक फिक्रमंद नजर आ रहे हैं. अगर स्कूल की मान्यता रद्द की जाती है तो बच्चों को दूसरे स्कूलों में दाखिला लेना होगा.

स्कूल में पढ़ते हैं 50 बच्चे : खुब्बापुर के नेहा पब्लिक स्कूल की मान्यता 2019 में हुई थी. स्कूल में करीब 45 से 50 बच्चे पढ़ते हैं. पिछले दिनों विशेष समुदाय का बच्चा स्कूल में गया था. वहां टेबल याद न होने पर शिक्षिका ने दूसरे बच्चों से उसे चांटे लगवा दिए थे. इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया था. कुछ राजनीतिक नेताओं ने इसको तूल देने का काम किया. गांव के लोगों ने सूझबूझ का परिचय दिया. किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के हस्तक्षेप से मामला सुलझ गया था. बच्चों को गले मिलवाया गया था. इसके अलावा टॉफियां भी बांटी गईं थीं.

बच्चों की पढ़ाई को लेकर अभिभावक फिक्रमंद : मामले में बच्चे का नाम उजागर करने पर एक पत्रकार पर भी मुकदमा दर्ज हुआ था. शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने भी सार्वजनिक रूप से मांगी माफी थी. कहा था कि उनके स्कूल में सभी धर्मों के बच्चे पढ़ते हैं. सभी एक समान हैं. उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेंस पहुंचाना नहीं था. बच्चे के पिता ने भी कार्रवाई करने से इंकार कर दिया था. इस वाकये के बाद स्कूल बंद चल रहा है. ऐसे में यहां पढ़ने वालों बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. बच्चों के माता-पिता का कहना है कि हमें शिक्षिका से कोई शिकायत नहीं है. हम अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए चिंतित हैं. हम चाहते हैं कि नेहा पब्लिक स्कूल में पहले की ही तरह पढ़ाई चले.

सभी लोग मिल-जुलकर रहते हैं : अभिभावकों का कहना है कि गांव में सभी लोग मिल-जुलकर रहते हैं. गांव में हिंदू-मुस्लिम सभी लोग काफी अच्छे हैं. शिक्षिका भी बच्चों को एक समान ही मानती हैं. स्कूल बंद होने से सभी बच्चे घर पर ही रह रहे हैं. इससे उनकी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. अगर मामले को लेकर स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाती है तो बच्चों को काफी परेशान होना पड़ जाएगा.

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मुजफ्फरनगर में जिस मुस्लिम छात्र को शिक्षिका ने लगवाए थे थप्पड़, उसे गोद लेगी जमीयत उलेमा

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