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मॉर्फिन के साथ पकड़े गए आरोपी की जमानत SC ने की खारिज

मॉर्फीन के साथ गिरफ्तार आरोपी को जमानत देने का गुवाहाटी हाई कोर्ट का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया.

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Published : Oct 24, 2022, 4:54 PM IST

Updated : Oct 24, 2022, 5:06 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गुवाहाटी हाई कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें 13 केजी मॉर्फिन के साथ पकड़े गए दो आरोपियों को जमानत दी गई थी. चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की बेंच ने दोनों आरोपियों को जमानत देने के गुवाहाटी हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है. गुवाहाटी हाई कोर्ट ने खलील उद्दीन और मोहम्मद अब्दुल हई उर्फ ​​अब्दुल हई तालुकदार नाम के आरोपियों को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के तहत दर्ज अपराध के संबंध में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (एनडीपीएस एक्ट) की धारा 21 (सी) के साथ पठित 29 के मामले में जमानत दी थी.

शीर्ष कोर्ट ने कहा कि हमारे विचार से एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 के तहत हाईकोर्ट आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं कर सकता था और न ही करना चाहिए था. इसलिए एनसीबी की अपील को हम मंजूर करते हैं और हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हैं. दोनों अपीलकर्ताओं को तुरंत हिरासत में लिया जाए. बता दें कि करीब एक साल तक हिरासत में रहने के बाद हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया था. उक्त आरोपियों को राहत प्रदान करने पर सवाल उठाते हुए एनसीबी ने तत्काल अपील की.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गुवाहाटी हाई कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें 13 केजी मॉर्फिन के साथ पकड़े गए दो आरोपियों को जमानत दी गई थी. चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की बेंच ने दोनों आरोपियों को जमानत देने के गुवाहाटी हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है. गुवाहाटी हाई कोर्ट ने खलील उद्दीन और मोहम्मद अब्दुल हई उर्फ ​​अब्दुल हई तालुकदार नाम के आरोपियों को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के तहत दर्ज अपराध के संबंध में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (एनडीपीएस एक्ट) की धारा 21 (सी) के साथ पठित 29 के मामले में जमानत दी थी.

शीर्ष कोर्ट ने कहा कि हमारे विचार से एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 के तहत हाईकोर्ट आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं कर सकता था और न ही करना चाहिए था. इसलिए एनसीबी की अपील को हम मंजूर करते हैं और हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हैं. दोनों अपीलकर्ताओं को तुरंत हिरासत में लिया जाए. बता दें कि करीब एक साल तक हिरासत में रहने के बाद हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया था. उक्त आरोपियों को राहत प्रदान करने पर सवाल उठाते हुए एनसीबी ने तत्काल अपील की.

Last Updated : Oct 24, 2022, 5:06 PM IST
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