नई दिल्ली : इलाहाबाद उच्च न्यायालय 160 स्वीकृत शक्ति के मुकाबले 93 न्यायाधीशों के साथ काम कर रहा है. इलाहाबाद हाई कोर्ट और लखनऊ बेंच पीठ को 16 न्यायाधीश और मिल सकते हैं, जिनके नामों की सिफारिश मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय कॉलेजियम ने केंद्र से की है. इन 16 नये जजों में 13 वकील और 3 ज्यूडिशियल ऑफिसर्स हाई कोर्ट के जज बनेंगे. इन 16 जजों की नियुक्ति के बाद हाईकोर्ट में मुकदमों का निपटारा तेजी से हो सकेगा.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के रूप में तीन ज्यूडिशियल ऑफिसर्स की पदोन्नति के लिए अपनी पिछली सिफारिश को दोहराने की बात कही है. आपको बता दें कि यदि केंद्र द्वारा अनुशंसित नामों को मंजूरी मिल जाती है, तो इलाहाबाद उच्च न्यायालय और लखनऊ बेंच में दो पीठों की संख्या 109 न्यायाधीशों तक पहुंच जाएगी. कॉलेजियम द्वारा जिन तीन ज्यूडिशियल ऑफिसर्स के नाम दोहराए गए हैं, उनमें ओम प्रकाश त्रिपाठी, उमेश चंद्र शर्मा और सैयद वाइज़ मियां हैं.
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कॉलेजियम ने 24 अगस्त को हुई बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी और शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर नाम अपलोड कर दिए हैं. इसके अलावा 13 वकीलों के नाम भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए स्वीकृत किए गए हैं. 13 वकीलों में चंद्र कुमार राय, शिशिर जैन, कृष्ण पहल, समीर जैन, आशुतोष श्रीवास्तव, सुभाष विद्यार्थी, बृज राज सिंह, प्रकाश सिंह, विकास बुधवार, विक्रम डी चौहान, ऋषद मुर्तजा, ध्रुव माथुर और विमलेन्दु त्रिपाठी हैं.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 1.8 लाख से अधिक आपराधिक अपील लंबित हैं, वर्तमान में 160 की स्वीकृत पद पर 93 न्यायाधीश हैं. एनवी रमन्ना के अलावा, जस्टिस यूयू ललित और एएम खानविलकर तीन सदस्यीय कॉलेजियम का हिस्सा हैं जो उच्च के संबंध में निर्णय लेता है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इलाहाबाद, राजस्थान और कलकत्ता सहित 12 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के रूप में नियुक्तियों के लिए एक बार में 68 नामों की सिफारिश की है.
(पीटीआई)