बागपत : बागपत जिले में एक रेप पीड़िता के अपहरण का मामला सामने आया है. वारदात को उस वक्त अंजाम दिया गया जब पीड़िता कोर्ट में बयान दर्ज कराने के लिए जा रही थी. जानकारी के अनुसार, महिला कांस्टेबल पीड़िता को ई-रिक्शा से लेकर अभी जिला कलेक्ट्रेट के पास पहुंची थी, तभी कार सवार चार लोग पीड़िता को ई-रिक्शा से उतारकर गाड़ी में लेकर फरार हो गए. इस सूचना के बाद पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया. आनन-फानन में मौके पर पहुंची पुलिस व सीओ बागपत ने पूरे मामले की जानकारी ली.
दरअसल, यह पूरा मामला शहर कोतवाली क्षेत्र के जिला कलेक्ट्रेट के पास का है. जहां एक रेप पीड़िता को महिला कांस्टेबल ई-रिक्शा में बिठाकर कोर्ट में बयान दर्ज कराने के लिए जा रही थी. लेकिन कोर्ट पहुंचने से पहले ही कलेक्ट्रेट ऑफिस के पास एक कार आकर रुकी. उसके बाद कार सवार 4 लोग पीड़िता को ई- रिक्शा से उतारकर गाड़ी में लेकर फरार हो गए.
जिस तरह से बेखौफ बदमाश पीड़िता को सरेआम कार में लेकर फरार हो गए, यह घटना पुलिस सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े करती है. आप को बता दें, सोमवार को जिले के बालैनी थाना में महिला ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था. आज पीड़िता का कोर्ट में बयान दर्ज होना था, लेकिन कोर्ट पहुंचने से पहले ही रास्ते में पीड़िता का अपहरण हो गया और पुलिस हाथ मलती रह गयी. दिन दहाड़े अपहरण की इस वारदात से जनपद में सनसनी फैल गयी है. फिलहाल पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे व परिजनों से मामले की जानकारी लेकर पूरे प्रकरण की जांच में जुटी हुई है.
पूर्व में हुई घटनाओं से पुलिस ने नहीं लिया सबक
जिला पंचायत चुनाव के दौरान पुलिस अभिरक्षा से छपरौली थाना क्षेत्र निवासी हिस्ट्रीशीटर की पत्नी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गयी थी, हालांकि महिला को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था. लेकिन सवाल ये उठता है कि ऐसी घटनाओं से पुलिस सबक क्यों नहीं लेना चाहती. इस मामले में भी, अगर पीड़िता के साथ पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम होते तो उसका रास्ते से इस तरह सरेआम अपहरण नहीं होता. अब देखने वाली बात ये है, इस मामले में पुलिस पीड़िता को कितना जल्द सुरक्षित बचा लेती है और आरोपियों को गिरफ्तार करती है.
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