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Rampur cartridge case : कोर्ट ने 24 आरोपियों को ठहराया दोषी, कल होगा सजा का ऐलान

रामपुर के चर्चित कारतूस कांड में गुरुवार को स्पेशल कोर्ट ने 24 आरोपियों को दोषी (cartridge scam accused convicted) ठहराया. ये आरोपी पुलिस, सीआरपीएफ और पीएसी में तैनात रहे हैं. कल कोर्ट की ओर से सजा सुनाई जाएगी.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 12, 2023, 5:52 PM IST

मुंह छिपाकर कोर्ट से निकले दोषी.

रामपुर : ईसी एक्ट स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार को चर्चित कारतूस कांड (Rampur cartridge scam) के 24 आरोपियों को दोषी करार दिया. सभी दोषी पुलिस, सीआरपीएफ और पीएसी में तैनात रहे हैं. कल कोर्ट की ओर से सभी को सजा सुनाई जाएगी. मामले में पहली गिरफ्तारी 29 अप्रैल 2010 को हुई थी. एसटीएफ ने 25 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. अभियोजन पक्ष ने मामले में कुल 9 साक्ष्य प्रस्तुत किए. 13 साल बाद मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है.

साल 2010 में सामने आया था मामला : साल 2010 में 29 अप्रैल को एसटीएफ लखनऊ ने कारतूस कांड की पहली गिरफ्तारी की थी. टीम ने ज्वालानगर रेलवे क्रासिंग के पास सेवानिवृत्त दरोगा यशोदा नंद को पकड़ा था. दरोगा पीएसी में तैनात थे. इसके अलावा विनोद पासवान और विनेश कुमार को भी गिरफ्तारी हुई थी. दोनों सीआरपीएफ में तैनात थे. तीनों के पास से ढाई क्विंटल खोखा और 1.76 लाख रुपये बरामद किए गए थे. आरोपी कारतूस को सीडब्ल्यूएस (कारतूस आयुक्त भंडार) रामपुर से निकाल रहे थे. कारतूस को नक्सलियों और आतंकवादियों को सप्लाई किया जा रहा था.

फैसले के बाद दोषियों के चेहरे झुके रहे.
फैसले के बाद दोषियों के चेहरे झुके रहे.

डायरी ने खोले थे बड़े राज : शासकीय अधिवक्ता प्रताप सिंह मौर्या ने बताया कि इस मामले में शुरुआत में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ के एसआई प्रमोद कुमार की विवेचना में एक डायरी सामने आई. इसमें कई मोबाइल नंबर और अकाउंट नंबर की जानकारी मिली. इसके आधार पर एसटीएफ ने 25 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. मामले की सुनवाई ईसी एक्ट स्पेशल कोर्ट में चल रही थी. मामले में दोषी पाए गए 24 आरोपी पुलिस, सीआरपीएफ, पीएसी में तैनात रहे हैं. ये यूपी के गोरखपुर, बनारस के अलावा बिहार से भी संबंध रखते हैं.

मुंह छिपाकर निकले आरोपी : कोर्ट के फैसले के बाद बाहर निकलने पर सभी दोषियों के चेहरे झुके हुए थे. सभी कैमरों से बचते नजर आ रहे थे. कुछ ने तो बैग को ही अपने चेहरे के आगे कर दिया, जबकि कुछ ने चेहरे के आगे रूमाल रख लिया. कुछ दोषियों के हाथ में पुलिस ने हथकड़ी भी लगा रखी थी.

दंतेवाड़ा आंतकी हमले में हुआ था कारतूस का इस्तेमाल : एसटीएफ को कारतूस घोटाले की जानकारी पहले से मिल रही थी. इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई. सीडब्ल्यूएस रामपुर से जो कारतूस बाहर भेजे गए, उनका इस्तेमाल दंतेवाड़ा आंतकी हमले में हुआ. इसमें कई सैनिक शहीद हुए थे. 13 साल बाद मामले में फैसला आया. स्पेशल जज ईसी एक्ट श्री विजय कुमार द्वितीय ने फैसला सुनाया. कल इन्हें सजा सुनाई जाएगी.

यह भी पढ़ें : डीलर-टू-डीलर डील से अपराधियों और नक्सलियों तक भेजा कारतूस का जखीरा

रामपुर में ड्यूटी पर तैनात CRPF जवान ने की आत्महत्या, सरकारी राइफल से वारदात को दिया अंजाम

मुंह छिपाकर कोर्ट से निकले दोषी.

रामपुर : ईसी एक्ट स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार को चर्चित कारतूस कांड (Rampur cartridge scam) के 24 आरोपियों को दोषी करार दिया. सभी दोषी पुलिस, सीआरपीएफ और पीएसी में तैनात रहे हैं. कल कोर्ट की ओर से सभी को सजा सुनाई जाएगी. मामले में पहली गिरफ्तारी 29 अप्रैल 2010 को हुई थी. एसटीएफ ने 25 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. अभियोजन पक्ष ने मामले में कुल 9 साक्ष्य प्रस्तुत किए. 13 साल बाद मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है.

साल 2010 में सामने आया था मामला : साल 2010 में 29 अप्रैल को एसटीएफ लखनऊ ने कारतूस कांड की पहली गिरफ्तारी की थी. टीम ने ज्वालानगर रेलवे क्रासिंग के पास सेवानिवृत्त दरोगा यशोदा नंद को पकड़ा था. दरोगा पीएसी में तैनात थे. इसके अलावा विनोद पासवान और विनेश कुमार को भी गिरफ्तारी हुई थी. दोनों सीआरपीएफ में तैनात थे. तीनों के पास से ढाई क्विंटल खोखा और 1.76 लाख रुपये बरामद किए गए थे. आरोपी कारतूस को सीडब्ल्यूएस (कारतूस आयुक्त भंडार) रामपुर से निकाल रहे थे. कारतूस को नक्सलियों और आतंकवादियों को सप्लाई किया जा रहा था.

फैसले के बाद दोषियों के चेहरे झुके रहे.
फैसले के बाद दोषियों के चेहरे झुके रहे.

डायरी ने खोले थे बड़े राज : शासकीय अधिवक्ता प्रताप सिंह मौर्या ने बताया कि इस मामले में शुरुआत में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ के एसआई प्रमोद कुमार की विवेचना में एक डायरी सामने आई. इसमें कई मोबाइल नंबर और अकाउंट नंबर की जानकारी मिली. इसके आधार पर एसटीएफ ने 25 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. मामले की सुनवाई ईसी एक्ट स्पेशल कोर्ट में चल रही थी. मामले में दोषी पाए गए 24 आरोपी पुलिस, सीआरपीएफ, पीएसी में तैनात रहे हैं. ये यूपी के गोरखपुर, बनारस के अलावा बिहार से भी संबंध रखते हैं.

मुंह छिपाकर निकले आरोपी : कोर्ट के फैसले के बाद बाहर निकलने पर सभी दोषियों के चेहरे झुके हुए थे. सभी कैमरों से बचते नजर आ रहे थे. कुछ ने तो बैग को ही अपने चेहरे के आगे कर दिया, जबकि कुछ ने चेहरे के आगे रूमाल रख लिया. कुछ दोषियों के हाथ में पुलिस ने हथकड़ी भी लगा रखी थी.

दंतेवाड़ा आंतकी हमले में हुआ था कारतूस का इस्तेमाल : एसटीएफ को कारतूस घोटाले की जानकारी पहले से मिल रही थी. इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई. सीडब्ल्यूएस रामपुर से जो कारतूस बाहर भेजे गए, उनका इस्तेमाल दंतेवाड़ा आंतकी हमले में हुआ. इसमें कई सैनिक शहीद हुए थे. 13 साल बाद मामले में फैसला आया. स्पेशल जज ईसी एक्ट श्री विजय कुमार द्वितीय ने फैसला सुनाया. कल इन्हें सजा सुनाई जाएगी.

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